गांधीनगर। गुजरात में कांग्रेस को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा। लंबे समय से बागी तेवर अपनाए पार्टी के बड़े नेता शंकर सिंह वाघेला ने आखिरकार अपने जन्मदिन पर कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया। उन्होंने इसके साथ ही खुद को सक्रिय राजनीति से अलग करने की बात कही। वाघेला ने कहा, 'मैं अपने आप कांग्रेस को अपने से मुक्त करता हूं। मैं बीजेपी या किसी दूसरे राजनीतिक दल में शामिल नहीं होने जा रहा हूं।' अपने भाषण के दौरान वाघेला ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भी जमकर कोसा। इस बीच कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने भी स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उन्हें उत्तराखंड और हिमाचल के प्रभारी पद से मुक्त करने को कहा है। कांग्रेस छोड़ने की खबरों के बीच दिग्गज नेता शंकर सिंह वाघेला ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी उन्हें 24 घंटे पहले ही निकाल चुकी है। उन्होंने कहा कि वह बीजेपी में नहीं जाएंगे। वाघेला ने कहा कि वह कांग्रेस पार्टी के सारे पद छोड़ रहे हैं। वह कोई नई पार्टी नहीं बनाएंगे। हालांकि, पार्टी सूत्रों का कहना है कि वाघेला को कांग्रेस ने नहीं निकाला है। बीते कुछ वक्त से पार्टी से नाराज चल रहे वाघेला ने अपने जन्मदिन के मौके पर शुक्रवार को जनसभा बुलाई थी। वाघेला के इस कार्यक्रम को उनके शक्ति प्रदर्शन के तौर भी देखा जा रहा है। वाघेला गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस की ओर से होमवर्क में कमी की बात कहते हुए लंबे वक्त से पार्टी की गुजरात इकाई की आलोचना करते रहे हैं।
जनसभा में वाघेला ने एक बार फिर कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा, 'अभी मैं कांग्रेस में हूं, लेकिन पार्टी ने 24 घंटे पहले ही मुझे निकाल दिया है। उन्हें डर था कि पता नहीं मैं क्या कहने वाला हूं...विनाशकाले विपरीत बुद्धि।' वाघेला ने कहा कि वह आम लोगों के लिए सार्वजनिक जीवन से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि वह लोगों के लिए 'नीलकंठ' बनने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, 'भगवान शंकर ने मुझे विष पीना सिखाया है।' आगे उन्होंने कहा कि अगर यही किस्मत में लिखा है तो वह लोगों के लिए जहर का घूंट पीने को तैयार हैं। अपनी राजनीति पर चल रही अटकलों को साफ करते हुए उन्होंने कहा, 'अभी मैं 77 पर नॉटआउट हूं। बापू कभी रिटायर नहीं होगा।' उन्होंने कहा कि यह उनकी जिंदगी का निर्णायक मौका है। पूर्व बीजेपी नेता वाघेला ने खुद के आरएसएस से जुड़ने की कहानी भी सुनाई। उन्होंने बताया कि आरएसएस ने सेवा करना सिखाया। उन्होंने पीएम मोदी और गुजरात की पूर्व सीएम आनंदीबेन पटेल को संगठन से जोड़ने का भी श्रेय लिया। उन्होंने कहा, 'हम एमपी और एमएलए बनाने वाले हैं।' उन्होंने बताया कि किस तरह आरएसएस और बीजेपी कार्यकर्ताओं की मेहनत से 1995 में बीजेपी की सरकार बनी। वाघेला ने कहा कि उन्हें शक्ति के लिए सत्ता पर काबिज होने का शौक नहीं रहा। उन्होंने कहा, 'हम पावर को छोड़ने वाले हैं। हमें सत्ता का लालच नहीं है।'
वाघेला के आरोपों को कांग्रेस ने बताया बेबुनियाद
गुजरात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वाघेला ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने का ऐलान किया। उससे पहले वाघेला ने कहा कि उनको पार्टी ने 24 घंटे पहले ही निकाल दिया है। वाघेला के इन आरोपों को कांग्रेस ने गलत बताया। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा वाघेला जी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया है। उन्हें पार्टी से निकाले जाने की बात भी बेबुनियाद है। वाघेला जी चाहते थे कि इस वक्त जो राज्य में कांग्रेस अध्यक्ष हैं उनको हटा दिया जाए। लेकिन पार्टी हमेशा किसी भी एक शख्स से बड़ी होती है। वाघेला ने जून आखिरी हफ्ते में कहा था कि गुजरात में कांग्रेस “आत्मघाती” रास्ते पर चल रही है और ऐसा ही रहा तो वो उसके पीछे नहीं जाएंगे। इसी बीच ये खबर भी आई कि वाघेला शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और नीतीश कुमार की जदयू के साथ मिलकर गुजरात में एक तीसरा मोर्चा बना सकते हैं। माना जा रहा है कि गुजरात विधान सभा चुनाव में वाघेला ज्यादा बड़ी भूमिका चाहते थे जो कांग्रेस आलाकमान उन्हें नहीं दे रहा था इस वजह से वो पार्टी और नेतृत्व से नाराज चल रहे थे।
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।