नई दिल्ली। विश्व राजनीति के बाद अब भारत में भी वोटिंग मशीन की सत्यता पर सवाल उठाए जाने लगे हैं। बीते दिनों भारत में कई विपक्षी पार्टियों ने सत्तापक्ष के खिलाफ वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। हालांकि जांच पड़ताल के दौरान ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे स्पष्ट रूप से कहा जा सके कि वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ या इसे हैक किया जा सकता है। हालांकि विश्व के सबसे बड़े हैकर्स ग्रुप में से एक डीईएफसीओएन (DEFCON) ने अमेरिकी वोटिंग मशीन को हैक करने का दावा किया है। ग्रुप का दावा है कि वो एक घंटे में वोटिंग मशीन को हैक कर सकते हैं। खबर के अनुसार ग्रुप ने साल 2015 से पहले के चुनावों में इस्तेमाल की गईं वोटिंग मशीन को हैक करने की इच्छा जताई। जिसके बाद डीईएफसीओएन के दावे को जानने के लिए ग्रुप को वोटिंग मशीनें मुहैया कराई गईं। लेकिन बाद में जो नतीजे सामने आए वो काफी चौंकाने वाले थे। हैकर्स ने महज तीस मिनट में वोटिंग मशीन को हैक कर दिया।
गौरतलब है कि पूरे मामले का वीडियो फुटेज भी सामने आया है जिसे ‘Hackers target 30 voting machines at Defcon’ शीर्षक से सीएनईटी ने अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किया है। वीडियो में दिखाया गया है कि वोटिंग मशीन को हैक करने का सबसे गुप्त हिस्सा उसके पीछे की तरफ होता है। जिसे यूएसबी पोर्ट कहा जाता है। वोटिंग मशीन में इनकी संख्या दो होती है दोनों ही मशीन के पिछले हिस्से की तरफ होते हैं। हैकर्स ने इन पोर्ट की मदद से मशीन को आसानी से एक्सेस कर लिया। वीडियो में हैकर्स कहते नजर आ रहे हैं कि इन्हीं यूएसबी पोर्ट में मालवेयर अपलोड किया जिसके बाद मचचाहे नतीजे निकाले जा सकते थे। वीडियो में हैकर्स कहते नजर आ रहे हैं कि क्या आप जानना चाहते हो वोटिंग मशीन को कितनी देर में हैक किया गया है? एक हैकर ने 35 मिनट में वोटिंग मशीन हैक कर ली। साभार जनसत्ता
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