लखनऊ। लगता है कि लखनऊ के पत्रकारों ने भी अपने पेशे को गिरवी रख दिया है। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर में कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के पत्रकार भगवा रंग में रंगे दिखाई दे रहे हैं। एक बार तस्वीर देख कोई भी चकमा खा सकता है कि ये पत्रकार हैं या भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता। माडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि ये तस्वीर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के आवास 5 कालीदास मार्ग में आयोजित एक प्रेस कन्फ्रेंस की है। दरअसल यूपी और राजस्थान सरकार के बीच रोडवेज बसों के नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए समझौते हुए। इसी समझौते की जानकारी देने के लिए मुख्यमंत्री आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। अब इस तरह की खबरें आ रही हैं कि कॉन्फ्रेंस में प्रदेश सरकार के लोगों द्वारा वहां आए पत्रकारों को भगवा गमछे बांटे गए। पत्रकारों ने इन भगवे गमछों को गले में लटकाकर ही प्रेस कॉन्फ्रेंस अटेंड की। यानी पत्रकार भी भगवाधारी हो गए।
तस्वीर सामने आते ही सोशल मीडिया पर यूजर्स का ध्यान अपनी तरफ खींचने लगी। दिलीप सी मंडल नाम के एक फेसबुक यूजर ने इस तस्वीर को अपने वॉल पर शेयर करते हुए लिखा- “यह बीजेपी कार्यकर्ताओं का सम्मेलन नहीं है। यूपी के मुख्यमंत्री निवास पर हुए संवाददाता सम्मेलन की ताजा तस्वीर है। ये सब निष्पक्ष पत्रकार हैं। इनका बताया हुआ जानकर हम अपने विचार बनाते हैं। आपके प्रिय चैनल का रिपोर्टर भी यहीं है।” इस तस्वीर पर कुछ यूजर्स कमेंट करते हुए लिख रहे हैं कि ये भगवा गमछा लाल बत्ती है, अब सर पर मैग्नेट तो चिपकाया नहीं जा सकता इसीलिए इसका प्रयोग किया जा रहा है। वहीं एक यूजर ने ये भी लिखा कि ये बहुत दुखद है। ये भोलेभाले बहुजन समाज के लिये धोखा है। आपको बता दें कि जनसत्ता डॉट कॉम इस तस्वीर की पुष्टी नहीं करता है। यदि इस तरह के हालात बन रहे हैं तो सोचिए पत्रकारिता किस दिशा की ओर जा रही है। पेशे के मानदंड़ों को भुलाकर पत्रकार भगवा रंग में रंगते जा रहे हैं। स्वाभाविक है, वे सरकार की बातों को ही अहमियत देंगे, जनता की बातों को नहीं। यूं कहें कि जनसमस्याओं को उजागर करने से ये भगवाधारी पत्रकार बचते हुए नजर आ सकते हैं। बहरहाल, देखना है कि आगे पत्रकारिता के और कौन-कौन से रंग दिखाई देते हैं। साभार जनसत्ता
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