नई दिल्ली। एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद 23 जून को नामांकन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके पहले प्रस्तावक बने। कोविंद के नामांकन में वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के सीएम विजय रूपानी, छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह, असम के सीएम सर्बानंद सोनोवाल, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्य नाथ भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी इत्यादि मौजूद रहे। रामनाथ कोविंद के नामांकन के दौरान आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, शिरोमणी अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल , तमिलनाडु के सीएम ई पलानीस्वामी और तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव भी मौजूद रहे। राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 28 जून है। एक जुलाई तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 17 जुलाई को होगा। नतीजे 20 जुलाई को आएंगे। मौजूदा राष्ट्रपति का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। नए राष्ट्रपति 25 जुलाई को पद की शपथ लेंगे। कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की तरफ से मीरा कुमार को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है।
माना जा रहा है कि एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का राष्ट्रपति बनना लगभग तय है। नीतीश कुमार की जदयू, के चंद्रशेखर राव की टीआरएस और नवीन पटनायक की बीजू जनता दल पहले ही एनडीए उम्मीदवार को अपना समर्थन दे चुके हैं। एआईएडीएमके (शशिकला गुट) के नेता और तमिलनाडु के सीएम ई पलानीस्वामी ने भी एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने की घोषणा की है। रामनाथ कोविंद बिहार के राज्यपाल रहे हैं। एनडीए का राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने के बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दिया। यूपी के कानपुर के रहने वाले कोविंद बीजेपी के वरिष्ठ दलित नेता और पार्टी के दलित प्रकोष्ठ का प्रमुख भी रह चुके हैं। वो 1994 से 2006 तक राज्य सभा सांसद रहे हैं। पेशे से वकील कोविंद पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के निजी सचिव रह चुके हैं। राजनीति में आने से पहले वो सुप्रीम कोर्ट में वकालत करते थे। साभार जनसत्ता
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