नयी दिल्ली। राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार ने अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। लोकसभा में नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान उनके साथ कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह मौजूद रहें। हालांकि इस दौरा राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव वहां मौजूद नहीं थे। नामांकन के बाद सोनिया गांधी ने कहा कि ये विचारधारा, उसूलों और सच्चाई की लड़ाई है। हम जरूर लड़ेंगे। नामांकन में कांग्रेस अलाकमान के अलावा पार्टी के मुख्यमंत्रियों और कई बड़े नेताओं समेत एनसीपी प्रमुख शरद पवार, लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी, टीएमसी के डेरेक ओब्रायन, सपा के नरेश अग्रवाल और बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा वहां मौजूद थे। नामांकन से पहले मीरा कुमार दिल्ली स्थित राजघाट गईं और महात्मा गांधी के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद वो समता स्थल भी गईँ वहां उन्होंने पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।
उनके अलावा सत्तारूढ़ एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद अपना चौथा नामांकन पत्र दाखिल किया। केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने उनका नामांकन पत्र लोकसभा सचिवालय में दाखिल किया। कोविंद अपने नामांकन पत्र के तीन सेट 23 जून को दाखिल कर चुके हैं। सचिवालय के अनुसार, मंगलवार को 28 व्यक्तियों ने नामांकन पत्र दाखिल किए, जिनमें सात के पर्चे तत्काल खारिज कर दिए गए। इस तरह अब तक कुल 47 उम्मीदवारों ने पर्चे भरे हैं, जिनमें एक महिला भी शामिल है। नामांकन पत्र 28 जून तक भरे जाने हैं और 29 जून को इनकी जांच होगी, जबकि 17 जुलाई को मतदान होना है। विपक्ष की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार अपना चुनाव प्रचार अभियान साबरमती आश्रम से शुरु करेंगी। उन्होंने कल नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह न्याय और समानता के मूल्यों में विश्वास रखती हैं। उन्होंने उन सभी दलों का आभार जताया, जिन्होंने उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की एकता उन समान विचारों पर आधारित है जो लोकतांत्रिक मूल्यों, सामाजिक न्याय, प्रेस की स्वतंत्रता, गरीबी उन्मूलन तथा जातिगत व्यवस्था को खत्म करने पर विश्वास रखते हैं।
जनता दल यूनाइटेड द्वारा उनकी उम्मीदवारी का समर्थन नहीं किए जाने के सवाल पर कुमार ने कहा कि राजनीति में यह कोई नयी बात नहीं है ऐसा हमेशा से होता आया है। राष्ट्रपति पद के लिए इस बार दोनों ही उम्मीदवार दलित समुदाय से होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसे दलित के खिलाफ दलित की लड़ाई के रूप में पेश नहीं किया जाना चाहिए।
- Blogger Comments
- Facebook Comments
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।