इंदौर। मध्य प्रदेश के किसान आंदोलन में हिंसा का दौर थम नहीं रहा है। मंगलवार को मंदसौर में आंदोलनकारियों ने 8 ट्रक और 2 बाइक को आग के हवाले कर दिया। पुलिस और सीआरपीएफ पर पथराव भी किया। हालत पर काबू पाने के लिए सीआरपीएफ की फायरिंग में 6 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया। ये साफ नहीं है कि किसकी फायरिंग में इन किसानों की मौत हुई। एमपी के होम मिनिस्टर भूपेंद्र सिंह ने कहा कि पुलिस या सीआरपीएफ की तरफ से कोई फायरिंग नहीं हुई। वहीं, राहुल गांधी ने कहा कि सरकार देश के किसानों के साथ जंग लड़ रही है। बता दें कि किसान कर्ज माफी समेत कई मांगें कर रहे हैं। एक धड़े का सरकार से समझौता हो चुका है। इसके बावजूद हिंसा जारी है।
जानकारी के अनुसार, मंगलवार को मंदसौर-नीमच रोड पर करीब एक हजार किसानों ने चक्काजाम कर दिया। यहीं से हिंसा भड़की। इसके बाद 8 ट्रकों और 2 बाइकों में आग लगा दी। पुलिस और सीआरपीएफ ने हालात संभालने की कोशिश की। लेकिन, भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद फायरिंग हुई। फायरिंग किसने की, ये साफ नहीं है। मारे गए लोगों के नाम कन्हैयालाल पाटीदार निवासी चिलोद पिपलिया, बंटी पाटीदार निवासी टकरावद, चैनाराम पाटीदार निवासी नयाखेडा, अभिषेक पाटीदार बरखेडापंथ और सत्यनारायण पाटीदार बरखेडापंथ हैं। मंदसौर में ही घायल आरिफ नाम के शख्स को इंदौर ले जाया जा रहा था। रास्ते में नागदा के पास उसकी मौत हो गई। इसके बाद भीड़ ने मंदसौर में गराठ रोड पर सीतामऊ टोल बूथ पर आग लगा दी। कुल 28 गाड़ियां जलाई जा चुकी हैं। मंदसौर में सोमवार से ही इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है। फायरिंग के बाद जिला कलेक्टर ने पहले धारा 144 लगाई और इसके बाद कर्फ्यू लगा दिया। इस बीच, दिग्विजय सिंह ने कहा है कि किसानों के मुद्दे पर हम मध्य प्रदेश की जनता से सपोर्ट की उम्मीद करते हैं। मध्य प्रदेश में बुधवार को बंद रहेगा।
उधर, मंदसौर की घटना पर शिवराजसिंह चौहान ने ज्युडिशियल इन्क्वॉयरी के ऑर्डर दिए हैं। होम मिनिस्टर भूपेंद्र सिंह ने कहा कि छह दिन से आंदोलन को उग्र करने की साजिश हो रही है। पुलिस धैर्य से काम ले रही थी। असामाजिक तत्वों से सख्ती से निपटने के ऑर्डर दिए गए हैं। सीएम ने किया मारे गए लोगों की फैमिली को 5-5 लाख और घायलों को एक लाख रुपए की मदद का एलान किया है। किसान सेना के संयोजक केदार पटेल और जगदीश रावलिया के मुताबिक किसानों ने मप्र सरकार को 32 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा था। इन पर सोमवार को सीएम से चर्चा हुई थी। उन्होंने इसमें से कुछ मांगे मंजूर कर ली थीं।
बता दें, किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं। मध्यप्रदेश के साथ ही महाराष्ट्र में भी किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। मध्यप्रदेश के मंदसौर, रतलाम और उज्जैन में किसानों के प्रदर्शन के चलते प्रशासन ने इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। इसके साथ ही राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने बुधवार को पूरे राज्य में हड़ताल करने का एलान किया है। मध्य प्रदेश में कर्ज माफी और अपनी फसल के वाजिब दाम की मांग को लेकर किसानों की हड़ताल मंगलवार को छठे दिन भी जारी है। वहीं बीती रात मंदसौर जिले में किसानों ने रेलवे क्रांसिंग गेट को तोड़ने के साथ पटरी उखाड़ने की कोशिश की। इसके अलावा जिले में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। मंदसौर के पुलिस अधीक्षक ओ. पी. त्रिपाठी ने बताया कि सोमवार की देर रात को दालोद पुलिस चौकी क्षेत्र में किसानों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया और रेलवे क्रासिंग के गेट को तोड़ दिया। इसके अलावा उन्होंने पटरियों के बीच के स्लीपर पर लगे लोहे के एंगल को नुकसान पहुंचाया। हालांकि यातायात ज्यादा देर प्रभावित नहीं हुआ। किसानों ने कुछ स्थानों पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ दिया। कुछ किसानों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें हिरासत में लिया गया है। वहीं, जिलाधिकारी स्वतंत्र कुमार सिंह ने कहा कि मंगलवार को स्थिति सामान्य है और सुरक्षा बल को तैनात किया गया है। जब उनसे जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद किए जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। इसके अलावा इंदौर की चौइथराम मंडी क्षेत्र में भी किसान विरोध प्रदर्शन के लिए जमा हुए। वहीं प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस बल की तैनाती की है। राज्य के अन्य हिस्सों से भी किसानों ने अपनी हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है।
मध्य प्रदेश में 1-10 जून तक किसानों की हड़ताल में सियासत हावी हो गई है, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय किसान संघ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ बैठक के बाद आंदोलन खत्म करने का फैसला किया है, लेकिन आंदोलन में अगुवा भारतीय किसान यूनियन और राष्ट्रीय किसान मज़दूर संघ ने संघर्ष का रास्ता नहीं छोड़ने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक के बाद ट्विटर पर लिखा था कि मुझे खुशी है कि मध्यप्रदेश में किसानों ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया है। मध्यप्रदेश सरकार किसान हितैषी सरकार है तथा सदैव किसानों के कल्याण के लिए कार्य करती रहेगी। मध्य प्रदेश के किसानों ने अपनी उपज के वाजिब दाम दिलाने सहित 20 सूत्रीय मांगों को लेकर एक जून से 10 जून तक आंदोलन की घोषणा की थी।
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