नई दिल्ली। मुक्तियाँ विश्व शांति, सुख सम्रद्धि ट्रस्ट द्वारा भगवंतों के 1008 गुणों के प्रतीक स्वरुप पूरे विश्व में 1008 समवशरण सेवा मंदिरों की स्थापना का अति विशाल कार्य शीघ्र ही शुरू किया जाना है. ये सभी समवशरण सेवा मंदिर इस पंचम काल के अंत तक सागर में बने लाईट हाउस की तरह मार्ग-दर्शक बन भव-समुद्र में भटक रहे दीन-दुखी, बेबस, लाचार तथा बीमार व्यक्ति को सर्वांग सुखी कर सहजानंदी शुद्ध स्वरूपी चैतन्य भगवान के ज्ञान का दिव्य-प्रकाश देते रहेंगे. इन सभी समवशरण सेवा मंदिरों के निम्न उद्देश्य तथा कार्य होंगे।
विश्व के हर देश में लगभग 100 एकड़ के क्षेत्र में सभी दुखों से मुक्त कराकर भक्त से भगवान बनने का मार्ग बताने वाले, शुद्ध वीतरागी चैतन्य प्रभो बनने का पथ प्रशस्त करने वाले अत्यंत विशाल आत्मप्रभु तथा तीर्थंकर भगवंतों के 1008 समवशरण सेवा मंदिरों की स्थापना की जायेगी. इन विशाल समवशरण मंदिरों की दीवालों पर उस देश की मुख्य भाषा, इंगलिश तथा हिंदी में चैतन्यप्रभु की महिमा जगाने वाले कथन, चित्र, अमृत वचन अंकित रहेंगे. इन सभी समवशरण सेवा मंदिरों में सम्पूर्ण मानव समाज के कल्याण लिए चार प्रकार के दान (औषधि दान, शास्त्र दान, अभय दान, आहार दान ) या सेवा की व्यवस्था रहेगी।
पिछले कई वर्षों से इमेल तथा फेसबुक के माध्यम से देश विदेश के लाखो लोग उनके अपने घर पर ही डॉ.स्वतंत्र जै के बताये निशुल्क उपचार से लाभान्वित हो रहे हैं. अतः प्रत्येक समवशरण सेवा मंदिर में समस्त बीमारियों के उपचार के लिए नेचरो-होम्यो हॉस्पिटल की स्थापना की जायेगी जिसमे डॉ. सा. की बताई स्वास्थ्य वर्धक, रोग उन्मूलक, रोग प्रतिरोधक, सरल, सस्ती, बिना मंहगी जांच कराये और हजारो मील दूर बैठे बीमारों को सिर्फ काउंसिलिंग करके आराम दिला सके, ऐसी उपचार पद्धति को लोक हित में दुखी और पीड़ितों तक पहुंचा कर उन्हें नीरोगी किया जायेगा तथा फिर उनको चैतन्य प्रभो भगवान आत्मा को प्राप्त करने का मार्ग बताया जाएगा.
समवशरण सेवा मंदिरों के आसपास के 100 किलोमीटर के क्षेत्र के सभी लोगो का ऑनलाइन स्वास्थ्य बीमा भी किया जाएगा. उनकी मासिक रिपोर्ट भी ली जाएगी और जरुरत के अनुसार उनकी हर परेशानी तथा बीमारी का निदान किया जाएगा. इसके साथ ही टीवी पर एक स्वास्थ्य चेनल द्वारा विश्व के सभी लोगो को सीधे स्वास्थ्य लाभ करवाया जाएगा.
संसार के सभी सात सौ करोड़ लोग खुद के निज चैतन्यप्रभो भगवान आत्मा को समझें, इसके लिए कुन्दकुन्द आचार्यों तथा टोडरमलजी आदि सभी ज्ञानी महात्माओं के शास्त्र, प्रवचन, इंटरव्यूज, सीरियल और डीवीडी प्रदान कर उनके स्वरुप अनुसंधान में हर तरह से मदद की जायेगी. साथ ही सभी लोगो को मोक्ष मार्ग में निमित्त बनने वाले समवशरण टीवी के विभिन्न प्रोग्राम द्वारा अक्षय अनंत सुख के मार्ग का प्रवर्तन किया जाएगा. सभी समवशरण सेवा मंदिरों द्वारा अपने आसपास के बेबस, लाचार और दीन-हीन लोगो के लिए रेस्क्यू सेंटर्स खोले जायेंगे. इसके लिए समवशरण सेवा मंदिर द्वारा योजना बनाकर उनकी मदद, सहयोग और सहायता प्रदान की जायेगी. साथ ही सभी समवशरण सेवा मंदिरों के आसपास के क्षेत्र के सभी उद्योगों तथा कार्य मंदिरों को लोक हित, जन कल्याण तथा पर्यावरण को सुरक्षित रखने और संवर्धित करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. इसके लिए समवशरण सेवा मंदिर द्वारा योजना बनाकर मदद, सहयोग और सहायता भी प्रदान की जायेगी. हर देश के हर राज्य के गाँवों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा, ताकि लोग शहरों की ओर पलायन न करें. इसके लिए समवशरण सेवा मंदिर द्वारा योजना बनाकर मदद, सहयोग और सहायता प्रदान की जायेगी. हर बच्चा अपने क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ ही होता है. अतः उसकी रूचि, प्रवृत्ति तथा अभिरुचि के अनुरूप उसे रोजगार मूलक आगे की शिक्षा प्रदान की जायेगी ताकि वह भी आत्मार्थी बनने के साथ ही देश का होनहार नागरिक भी बन सके. इसके लिए समवशरण सेवा मंदिर द्वारा योजना बनाकर मदद, सहयोग और सहायता प्रदान की जायेगी. तीन साल से ऊपर के सभी बच्चों को उनकी अभिरुचि, लगन, कुशलता के अनुसार उनके व्यक्तित्व कौशल के अनुरूप लौकिक शिक्षा के साथ ही आध्यात्मिक शिक्षा भी प्रदान की जायेगी तथा इसके लिए समवशरण सेवा मंदिर द्वारा योजना बनाकर मदद, सहयोग और सहायता प्रदान की जायेगी. महिलाओं के मान-सम्मान और प्रतिष्ठा का विशेष ध्यान रखा जाएगा तथा उनको विभिन्न क्षेत्रों में निशुल्क प्रशिक्षण, रोजगार तथा गृह उद्योग के साधन उपलब्ध करवाए जायेंगे. इसके लिए समवशरण सेवा मंदिर द्वारा योजना बनाकर मदद, सहयोग और सहायता प्रदान की जायेगी.
हर देश में दिशाहीन भटके हुए बच्चों को सकारात्मक उर्जा प्रदान करने तथा उनमे पॉजिटिविटी का संचार कर लोक कल्याण से जोड़ने के लिए काउन्सिलिंग सेंटर्स तथा वेलनेस सेंटर की स्थापना की जायेगी जहाँ पर नवयुवकों को उनकी रूचि के अनुरूप रोजगार के लिए काउंसिलिंग की जायेगी. इससे हमे आतंकवाद को भी ख़त्म करने में मदद मिलेगी. लावारिस नवजात शिशुओं, बच्चों तथा महिलाओं के लिए पुनर्वास केंद्र खोले जायेंगे. इसके लिए समवशरण सेवा मंदिर द्वारा योजना बनाकर मदद, सहयोग और सहायता प्रदान की जायेगी. सीनियर सिटीजन को स्वाभिमान से जीने तथा उनके पुनर्वास के लिए समवशरण सेवा मंदिर द्वारा योजना बनाकर मदद, सहयोग और सहायता प्रदान की जायेगी. आतंकवाद आज विश्व की सबसे बड़ी समस्या है. हमे चाहिए कि हम हमारी धरती के प्रत्येक नागरिक को जमीन, भोजन, शिक्षा तथा रोजगार दें, उसमे चैतन्य परमात्मा की पॉजिटिव एनर्जी भरें, ताकि कोई भी आगे से कभी भी आतंकवादी न बन सके. इसके लिए समवशरण सेवा मंदिर द्वारा योजना बनाकर मदद, सहयोग और सहायता प्रदान की जायेगी. चैतन्यदेव मुक्ति केंद्र में आने वाले सभी दीन-दुखी, बीमार, परेशान तथा आत्म-जिज्ञासु लोगो के लिए निशुल्क दवाई के साथ ही समुचित आहार तथा रहने की व्यवस्था की जायेगी.
जनहित और लोक कल्याण के विभिन्न पहलुओं पर फिल्म और सीरियल के निर्माण तथा मीडिया द्वारा लोक चेतना को जागृत करने के लिए समवशरण सेवा मंदिर द्वारा योजना बनाकर मदद, सहयोग और सहायता प्रदान की जायेगी.
प्रत्येक समवशरण सेवा मंदिर द्वारा उनके क्षेत्र में समवशरण यूनिवर्सिटी की भी स्थापना की जायेगी जिसमे लौकिक शिक्षा के साथ ही प्रबंधन के निम्न कोर्स संचालित किये जायेंगे. इसके अंतर्गत विश्व शांति, सेवा, सम्रद्धि प्रबंधन, विश्व स्वास्थ्य प्रबंधन, विश्व मानवाधिकार प्रबंधन, समाज प्रबंधन, जीवन प्रबंधन, व्यक्तित्व प्रबंधन, केरियर प्रबंधन, सफलता प्रबंधन, आपसी सामंजस्य प्रबंधन, पुनर्जन्म प्रबंधन, चैतन्य ज्ञान प्रबंधन आदि पाठ्यक्रम होंगे। प्रत्येक समवशरण सेवा मंदिर के समस्त संस्थानों की अनुमानित लागत लगभग 100 करोड़ रूपये होगी और इसके संचालन पर भी सालाना खर्च 100 करोड़ से ज्यादा होगा. पूरे विश्व में ऐसे 1008 समवशरण सेवा मंदिर बनना है. अतः आप अंदाज लगा सकते हैं कि सम्पूर्ण विश्व में यह जन कल्याण का कितना विशाल प्रोजेक्ट है. इन सभी प्रकल्पों के प्रमुख कर्ताधर्ता डा.स्वतंत्र जैन ने निवेदन किया है कि सम्पूर्ण विश्व में लोकहित तथा आध्यात्मिक क्रांति का शंखनाद करने वाली सुख, शांति और सम्रद्धि की इस अति विशाल, अनुपम, अभूतपूर्व संरचना को सफल बनाने में हमें सहयोग प्रदान करें।
राजीव रंजन तिवारी, फोन- 8922002003
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