नई दिल्ली। आठ राज्यों की 10 विधानसभा सीटों पर 9 अप्रैल को हुए उपचुनाव के नतीजे गुरुवार को आ गए। इन चुनाव में भी भाजपा ने अपना दबदबा बनाए रखा। उसने 10 में से पांच सीटों पर जीत हासिल की जबकि कांग्रेस के खाते में तीन सीट गई हैं। एक-एक सीट तृणमूल कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जीती।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की राजौरी गार्डन सीट पर भाजपा ने जीत हासिल की। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहा और उसकी जमानत जब्त हो गई। भाजपा-शिरोमणि अकाली दल के प्रत्याशी मनजिंदर सिंह सिरसा को 40602 वोट (52 फीसदी) मिले। कांग्रेस की मीनाक्षी चंदेला 25950 वोट लेकर दूसरे जबकि 'आप' के हरजीत सिंह को केवल 10243 वोट ही मिले। 47 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। राजौरी गार्डन सीट पर उपचुनाव 'आप' विधायक जरनैल सिंह के इस्तीफे के चलते हुआ। जरनैल ने पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया था। इस जीत के साथ ही 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में भाजपा के चार विधायक हो गए हैं। उपचुनाव के नतीजे को 23 अप्रैल को नगर निगम चुनाव से पहले 'आप' के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
हिमाचल, असम, राजस्थान में भी भाजपा: भाजपा ने इन राज्यों की तीन सीटों पर हुए उपचुनाव में भी जीत हासिल की है। हिमाचल की भोरंज (एससी) सीट पर भाजपा के डॉ. अनिल धीमान, असम की धीमाजी सीट पर भाजपा प्रत्याशी रनोज पेगु और राजस्थान की धौलपुर विधानसभा सीट भाजपा की शोभारानी कुशवाहा ने जीती। मध्य प्रदेश की बांधवगढ़ सीट भी भाजपा के हिस्से में आई है।
कर्नाटक की नंजनगुड (एससी) और गुंडलुपेट सीट कांग्रेस ने जीत ली है। मध्य प्रदेश के भिंड जिले के अटेर सीट कांग्रेस उम्मीदवार हेमंत कटारे ने जीती है। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार अरविंद सिंह भदौरिया को 857 वोटों से हराया। पश्चिम बंगाल की कांथी विधानसभा सीट तृणमूल कांग्रेस ने अपने पास बरकरार रखी। हालांकि दूसरे नंबर पर रही भाजपा का मत प्रतिशत 9 फीसदी से बढ़कर 31 प्रतिशत हो गया। झारखंड की लिट्टीपाड़ा सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार साइमन मरांडी ने भाजपा उम्मीदवार हेमलाल मुर्मू को हरा दिया है। यह सीट पिछले 40 साल से झामुमो ही जीतती आ रही है।
क्या कहते हैं इस उपचुनाव के नतीजे?
देश के 8 राज्यों की 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के नतीजे सामने हैं. बीजेपी ने इस उपचुनाव में 5 सीटें हासिल की हैं. कांग्रेस 3 सीटों पर जीती है. वहीं तृणमूल कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के खाते में 1-1 सीट आई हैं. बीजेपी के लिहाज से बड़ी बात ये है कि पार्टी ने 2 सीटें दूसरी पार्टियों से छीनी हैं- दिल्ली की राजौरी गार्डन सीट और राजस्थान की धौलपुर सीट.
इस उपचुनाव के नतीजों से कई ट्रेंड भी सामने आ रहे हैं. सबसे बड़ा ट्रेंड ये है कि चुनाव अब दोतरफा हो रहे हैं. वहीं बाकी की पार्टियों का वोट शेयर घटता दिख रहा है. कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश में हुए उपचुनाव में करीब 95 फीसदी वोट सिर्फ बीजेपी और कांग्रेस को ही मिले हैं. वहीं दूसरे राज्यों में भी ये आंकड़ा 85 फीसदी के करीब रहा है. झारखंड के लिट्टीपाड़ा सीट की बात करें तो यहां कांग्रेस, आरजेडी ने अपने उम्मीदवार खड़े नहीं किए थे. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को इन पार्टियों का समर्थन था. ऐसे में नतीजे बीजेपी के खिलाफ गए और झामुमो के प्रत्याशी ने जीत हासिल की. यही हाल कर्नाटक में भी देखने को मिला, जहां जनता दल (सेक्यूलर) ने अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया था. ऐसे में वहां पर भी बीजेपी को हार देखने को मिली. दिल्ली में 23 अप्रैल को एमसीडी चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में उपचुनाव के नतीजे आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका साबित हुए हैं. राजौरी गार्डन सीट पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई. बीजेपी-अकाली उम्मीदवार ने यहां से जीत दर्ज की है. वहीं कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही. पिछले विधानसभा चुनावों में इस सीट से आम आदमी पार्टी का वोट शेयर 46.55 फीसदी था, वो सिमटकर 13.12 फीसदी पर पहुंच गया है. बता दें कि इस सीट से ‘आप’ विधायक जरनैल सिंह इस्तीफा देकर पंजाब चुनाव लड़ने चले गए थे. इस कारण से ये सीट खाली हुई थी. माना जा रहा है कि जरनैल सिंह के इस्तीफे से लोगों में गुस्सा था.
पश्चिम बंगाल की कांठी सीट से टीएमसी ने जीत हासिल की है. लेकिन वोट शेयर के लिहाज से यहां बीजेपी को भारी फायदा होता दिख रहा है. 2016 विधानसभा चुनावों में इस सीट पर बीजेपी ने 8.76 फीसदी वोट हासिल किए थे, जो इस उपचुनाव में बढ़कर 31 फीसदी तक पहुंच गया है. कहा जा सकता है राज्य में बीजेपी वाम दलों के विकल्प के तौर पर उभर चुकी है. कर्नाटक की भी दोनों सीटों पर बीजेपी के वोट शेयर में इजाफा देखने को मिला है. बीजेपी ने नंजनगुड सीट पर 41 फीसदी, तो गुंडेलपेट सीट पर 45 फीसदी वोट हासिल किए हैं. अगले साल कर्नाटक में चुनाव होने है. ऐसे में कर्नाटक की 2 सीटों पर उपचुनाव के नतीजे कांग्रेस की उम्मीद बढ़ाते हैं. दोनों ही सीटों पर कांग्रेस को वोट शेयरों में भी फायदा मिला है.
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।