गोरखपुर। गोरखपुर से कई बार सांसद रहे योगी आदित्यनाथ सूबे के मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार अपनी कर्मभूमि गोरखपुर जा रहे हैं। शनिवार शाम को करीब चार बजे वह गोरखपुर पहुंचेंगे। बताया जा रहा है कि वह शनिवार और रविवार को गोरखपुर में ही रहेंगे। इस दौरान वह रोड शो करेंगे, कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे और गोरखनाथ मंदिर भी जाएंगे। इसके बाद 27 मार्च को योगी अयोध्या जाएंगे। पूरे शहर में योगी के स्वागत के लिए बड़े-बड़े होर्डिंग-बैनर लगाए गए हैं। योगी आदित्यनाथ 26 मार्च को 20वीं सदी के सर्वाधिक प्रसिद्ध हुए योगी, योगिराज बाबा गंभीरनाथ के बृह्मलीन होने के 100 साल पूरे होने के समापन कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इसके साथ ही वह जीडीए सभागार में गोरखपुर मंडल के आला अफसरों के साथ बैठक भी करेंगे। गोरखनाथ मंदिर छावनी में तब्दील कर दिया गया है। सभी सरकारी दफ्तरों, थानों और अस्पतालों को चमकाया जा रहा है। मगर, गोरखनाथ मंदिर के सामने ही मौजूद गोरखनाथ थाने में खासतौर से साफ-सफाई की जा रही है। गोरखपुर एयरपोर्ट से कार से वह नंदानगर, मोहद्दीपुर, यूनिवर्सिटी चौराहा, गणेश चौराहा होते हुए शाम 5:30 शाम बजे एमपी इंटर कॉलेज मैदान में पहुंचेंगे। इस स्कूल को गोरखनाथ मठ के द्वारा ही संचालित किया जाता है। यहां वह नागरिकों द्वारा स्वागत-अभिनन्दन समारोह में शामिल होंगे। हालांकि, पूरे रास्ते में शहरवासी जगह-जगह उनका स्वागत करेंगे। शाम 6:40 बजे वह गोलघर, गणेश तिराहा, काली मंदिर, यातायात तिराहा, धर्मशाला, गोरखनाथ पुल होते हुए गोरखनाथ मंदिर पहुंचेंगे, जहां वह रात्रि विश्राम करेंगे।
मंदिर को है सीएम योगी की प्रतीक्षा
गोरक्षपीठाधीश्वर आदित्यनाथ योगी के उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद वैसे तो समूचा पूर्वांचल ही उल्लास और जश्न में डूबा है, लेकिन गोरखनाथ मंदिर का माहौल कुछ अलग ही है। योगी की धार्मिक एवं सियासी गतिविधियों के केंद्र इस मंदिर को उनके लौटने का बेसब्री से इंतजार है। मंदिर प्रशासन एवं श्रद्धालुओं ने उनके स्वागत में पलक-पावड़े बिछा दिए हैं। डोरियों में बंधे रंग-बिरंगे गुब्बारे, लहराते केसरिया झंडे तथा सड़कों के किनारे लगे स्वागत-अभिनंदन के होर्डिंग चप्पे-चप्पे पर उल्लास का इजहार कर रहे हैं। आदित्यनाथ योगी 1994 में पहली बार गोरखपुर आए थे। 1998 से लगातार गोरखपुर के सांसद चुने जाते रहे योगी का दिल्ली तो हमेशा आना-जाना होता रहा है, लेकिन दूसरे प्रदेशों में भी उनके कार्यक्रम लगते रहे हैं। वे पूरी तैयारी से वहां जाते रहे हैं, लेकिन रात-बिरात भी मंदिर परिसर में ही लौटकर आ जाने की कोशिश करते रहे हैं। रात में 11 बजे के बाद सोना, भोर में 3.30 बजे तक उठकर नित्यक्रिया, योग और पूजा करने के साथ गोशाला में सेवा करना योगी की नियमित दिनचर्या रही है। सुबह 7 बजे से रात तक वह जनता के लिए समर्पित रहे हैं। मठ स्थित अपने कार्यालय में आने वाले प्रत्येक फरियादी से मिलना और उसकी समस्या का समाधान कराना उनकी शीर्ष प्राथमिकता है। जो भी पहुंचता उसे प्रसाद के रूप में पेड़ा और मट्ठा जरूर मिलता। समर्थक हों या विरोधी, सबके दुख में सहभागी बनते। मंदिर के कर्मचारियों की दिनचर्या भी योगी के इसी रंग में रंगी हैं। योगी कोई भी काम करने से पहले और बाद में गुरु गोरखनाथ की पूजा जरूर करते हैं।
देश के सभी मुख्यमंत्रियों के लिए ‘रोल मॉडल’ बनेंगे योगी जीः कृष्णा यादव
खुद को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बड़ा फैन बताने वाले कृष्णा यादव कहते हैं- ‘अपनी कार्यशैली से योगी जी पूरे देश के मुख्यमंत्रियों के ‘रोल मॉडल’ बनेंगे।’ कृष्णा ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हमलोग बेहद निकट व बचपन से जानते हैं। वे एक कुशल प्रशासक व बड़े जननेता साबित होंगे। उन्होंने कहा कि योगी जी हमेशा ही सभी के सुख-दुख में शामिल होते रहे हैं। पूर्वांचल की धरती से उन्हें बेहद प्यार है। इसमें कोई शक नहीं कि पूर्वांचल के विकास को गति मिलेगी। आदित्यनाथ का इस बार गोरखनाथ मंदिर जाना इसलिए भी खास होगा क्योंकि हमेशा से उत्तरी द्वार से मंदिर में प्रवेश करने वाले योगी इस बार मुख्य द्वार से मंदिर में प्रवेश करेंगे। मंदिर में प्रवेश करते ही सबसे पहले वो मुख्य मंदिर में दर्शन करेंगे। इसके बाद वो गौशाला जाएंगे जहां वो हमेशा से गौसेवा करते रहे हैं। इसके बाद वो गोरक्षपीठ में प्रवेश करेंगे। यूपी के सीएम बनने के बाद आदित्यनाथ योगी आज पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र गोरखपुर जाएंगे। लखनऊ से गोरखपुर तक वे प्लेन से जाएंगे और फिर गोरखपुर पहुंचकर रोड शो करेंगे। दोपहर को वे वहां अपनी कर्मभूमि पहुंचेंगे और काली मंदिर से शाम 5 बजे रोड शो करेंगे। मुख्यमंत्री 26 को समारोह के बाद भाजपा कार्यालय में मंडल के सभी सांसद, विधायक व एमएलसी, जिला पंचायत सदस्य, जिला प्रभारियों से मुलाकात करेंगे।
राजीव रंजन तिवारी, फोन- 8922002003
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