लखनऊ। राजनीतिक परदे पर भले ही वह परिवार के वरिष्ठ लोगों की छत्रछाया में रही हों लेकिन उत्तर प्रदेश के अगले विधानसभा चुनाव में सपा सांसद डिम्पल यादव की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है। कन्नौज से दूसरी बार सांसद डिम्पल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी हैं। वह कांग्रेस के साथ गठजोड़ बनाने के प्रयासों में अपने पति का मजबूती से समर्थन कर रही है। कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि अखिलेश चूंकि परिवार और पार्टी के मसलों में फंसे हैं इसलिए डिम्पल गठजोड बनाने के लिए खुद बातचीत कर रही हैं। उन्होंने बताया कि डिम्पल अपनी पार्टी के लिए मुख्य वार्ताकार की भूमिका में हैं। कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी मुख्य रणनीतिकार के रूप में कार्य करती लगती हैं। डिम्पल और प्रियंका की दिल्ली में दो दिन पहले कम से कम एक बैठक हो चुकी है। अखिलेश पार्टी की अंतर्कलह के केंद्र बिन्दु में हैं और उनके करीबी राम गोपाल यादव दिल्ली में चुनाव आयोग के साथ बैठकों में व्यस्त हैं, ऐसे में डिम्पल ने गठजोड को अंतिम रूप देने के मकसद से प्रक्रिया शुरू कर दी है। डिम्पल और प्रियंका की महत्वपूर्ण भूमिका सहित गठजोड की संभावनाएं इस तथ्य से और बलवती हो गयी हैं कि इलाहाबाद में हाल ही में दोनों के एक साथ पोस्टर नजर आए थे।
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अनिल द्विवेदी ने हालांकि कहा कि पार्टी का उन पोस्टरों से कोई लेना देना नहीं हैं। ‘ऐसा लगता है कि किसी व्यक्ति विशेष ने यह कार्य किया है। पार्टी आलाकमान से हरी झंडी मिलने पर ही हम कोई कदम आगे बढाएंगे और फिलहाल ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है।’ पार्टी कैडरों का हालांकि मानना है कि कांग्रेस और सपा के एक साथ आने में दोनों का हित है विशेषकर कांग्रेस का हित है जो 27 साल से उत्तर प्रदेश में सत्ता से बाहर है। कांग्रेस कार्यकर्ता गठजोड चाहते हैं ताकि बरसों का वनवास खत्म हो सके। वैसे चुनाव आयोग द्वारा सपा के बारे में फैसला आने के साथ ही गठजोड के बारे में घोषणा जल्द हो सकती है। मुलायम और अखिलेश खेमों ने सपा के चुनाव निशान ‘साइकिल’ पर अपना अपना दावा पेश किया है और चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कहा कि फैसला जल्द किया जाएगा क्योंकि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 17 जनवरी से प्रारंभ हो रही है। अखिलेश यादव ने सार्वजनिक रूप से कांग्रेस के साथ गठजोड का समर्थन किया है। उनका कहना था कि अगर गठजोड हुआ तो 403 सदस्यीय विधानसभा में 300 से अधिक सीटें जीतने में मदद मिलेगी। मुलायम हालांकि गठजोड के विरोध में हैं।
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