अमेठी। बीजेपी के स्थानीय कार्यकर्ताओं का पार्टी के खिलाफ प्रदर्शन बढ़ता जा रहा हैं। सबसे ज्यादा विरोध पार्टी को गौरीगंज विधानसभा क्षेत्र में झेलना पड़ रहा है। पार्टी के करीब 250 स्थानीय पदाधिकारियों ने पार्टी उम्मीदवार उमाशंकर पांडे के साथ के काम करने से मना कर दिया है। वहीं 392 बूथ अध्यक्षों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। शुक्रवार को पार्टी कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का पुतला भी फूंका था। गौरीगंज विधानसभा से चार बार विधायक रह चुके 72 साल के तेजबान सिंह का बीजेपी ने टिकट काट दिया है। 1977 से आरएसएस के प्रचारक रहे तेजबान सिंह गौरीगंज विधानसभा से 1980 से चुनाव लड़ते आ रहे हैं। अब तेजबान सिंह की जगह उमा शंकर पांडे को टिकट दिया गया है। उनका टिकट यह कहकर काट दिया गया कि अब उनकी उम्र ज्यादा हो गई है। उमा शंकर पांडे ने 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की अमेठी से उम्मीदवार रहीं स्मृति ईरानी के ऐजेंट के तौर पर काम किया था। स्मृति ईरानी ने 2014 में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाप बीजेपी से चुनाव लड़ा था।
अमेठी में बीजेपी के प्रवक्ता गोविंद सिंह चौहान ने कहा कि जनता के इस गुस्से का प्रभाव हमारे पड़ोस की विधानसभाओं में भी पड़ सकता है।वहीं बीजेपी के बागी आशीष शुक्ला बीजेपी उम्मीदवार रानी गरिमा सिंह के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। इस पर तेजबान सिंह ने कहा कि वह टिकट नहीं मिलने से निराश हैं लेकिन एक विद्रोही के तौर पर चुनाव नहीं लड़ेंगे। तेजबान ने कहा कि मैं अपनी तरफ से किसी को परेशान नहीं करना चाहता। पार्टी में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, कलराज मिश्र से लेकर कल्याण सिंह तक सभी मुझे जानते हैं। लेकिन इन दिनों ओम माथुर, सुनील बंसल और केशव प्रसाद मौर्य जैसे लोग इंचार्ज हैं। बीजेपी की अमेठी जिले से उम्मीदवार रानी गरिमा सिंह बीजेपी के टिकट पर राजनीति में अपना डेब्यू करेंगी। रानी गरिमा कांग्रेस प्रचार कमिटी के अध्यक्ष व राज्य सभा सांसद संजय सिंह की पहली पत्नी हैं। हालांकि रानी राजनीति में काफी देर बाद अपनी किस्मत आजमाने उतर रहीं हैं। गरिमा सिंह पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की भतीजी हैं और शाही परिवार से ताल्लुक रखती हैं। पति के दूसरी महिला से विवाह के बाद से उनके साथ अमेठी के स्थानीय लोगों का भरपूर समर्थन है।
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