‘धरा धाम’ परिसर में सभी धर्मों के प्रतीक स्थल का शिलान्यास 08 जनवरी को चर्चित सिने स्टार राजपाल यादव द्वारा करने के बाद देश-दुनिया की मीडिया में छपी खबर को पढ़ने के उपरांत अलग-अलग धर्म के अनुयायियों ने ‘धरा धाम’ के प्रमुख सौरभ पाण्डेय को शुभकामनाएं दीं, तमाम ज्योतिष व तंत्र-मंत्र विशेषज्ञों ने गहन मंत्रणा के बाद एलान किया कि ‘धरा धाम’ के प्रति शुद्ध मन से माटी को चुमकर धरती मां की आराधना करने वाले की सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी
गोरखपुर। 21वीं सदी के 17वें वर्ष में तंत्र-मंत्र और प्राच्य ज्योतिष विद्या पर भरोसा किया जाए या नहीं, यह पूरी दुनिया में बहस का विषय बना हुआ है। इसी बीच सोमवार को भारत समेत अनेक देशों के संतों, महर्षियों, विद्वानों, ज्ञानी पंडितों ने तमाम गणना और मंथन के बाद श्रद्धा और आस्था की ताकत को सिद्ध करते हुए स्पष्ट कर दिया कि भस्मा-डवरपार में बनने जा रहे सभी धर्मों के प्रतीकस्थल के प्रति शुद्ध विचार से विश्वास और प्रेम रखने वाले की सारी मनोकामनाएं निश्चित पूरी होगी। विद्वानों ने दावा किया कि ‘धरा धाम’ परिसर की माटी को चूमने वाले व्यक्ति की जिन्दगी में कभी भी कोई अड़चन नहीं आ सकती।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के जनपद गोरखपुर के गांव भस्मा-डवरपार स्थित ‘धरा धाम’ परिसर में बनने वाले सभी धर्मों के प्रतीकस्थलों का शिलान्यास रविवार (8 जनवरी) के दुनिया के शीर्ष कलाकारों में से एक बालीवुड के सिने स्टार राजपाल यादव ने किया था। इस शिलान्यास समारोह में मौजूद क्षेत्र के सभी धर्मों के आचार्यों और प्रमुखों ने एक स्वर से ‘धरा धाम’ के प्रमुख सौरभ पाण्डेय को सामाजिक मनीषी की उपाधि देते हुए कहा कि दुनिया में आजतक इस तरह का काम न हुआ है न होगा। जानकारी के अनुसार, मीडिया के माध्यम से जब दुनिया के अनेक देशों में यह खबर फैली कि भारत के गोरखपुर (यूपी) के गांव भस्म-डवरपार स्थित ‘धरा धाम’ परिसर में सभी धर्मों के प्रतीकस्थलों का निर्माण होने जा है तो लोगों ने ‘धरा धाम’ प्रमुख सौरभ पाण्डेय से संपर्क साधना शुरू किया। बाद में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए प्रकांड विद्वान व तंत्र-मंत्र और ज्योतिष विज्ञान के ज्ञाता पं.मणिधर पाण्डेय के नेतृत्व में अनेक देशों के विभिन्न धर्मावलम्बियों ने ‘धरा धाम’ परिसर की मिटी का तंत्र-मंत्र और ज्ञान के आधार पर शोधन किया। आखिर में इस मुकाम पर पहुंचा गया कि ‘धरा धाम’ की मिट्टी सर्वमनोकामना सिद्ध करने वाली होगी। बशर्ते कि याचक शुद्ध और पवित्र भाव से ‘धरा धाम’ की माटी को चुमे और चढ़ावा के रूप में यथाशक्ति कुछ भी अवश्य समर्पित करे। विद्वानों से दावा किया कि एसा करने वाले जातक की जिन्दगी न सिर्फ सुखमय रहेगी बल्कि धन-धान्य और ख्याति भी बढ़ेगी तथा उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी।
बाद में ‘धरा धाम’ के प्रमुख सौरभ पाण्डेय ने बारी-बारी से विभिन्न देशों के अलग-अलग धर्मावलम्बियों से बात की तथा सर्वमनोकामना सिद्ध माटी का प्रमाण जानने का प्रयास किया, जिसे तमाम विधाओं के माध्यम से ज्ञानियों ने सौरभ पाण्डेय को भी संतुष्ट कर दिया कि ‘धरा धाम’ की माटी में वह ताकत है, जो सर्वमनोकामना सिद्ध कर सकता है। आखिर में यह तय हुआ कि जो भी व्यक्ति शुद्ध मन और पावन विचार से ‘धरा धाम’ परिसर में आकर मन्नतें मांगेगा और उस माटी को चुमेगा तो निश्चित ही उसकी मनोकामनाएं पूरी होगी। चाहे वह राजनीति का क्षेत्र हो, कारोबार हो, शादी-व्याह में अड़चन हो अथवा पारिवारिक अशांति की बात हो। हर समस्या का समाधान ‘धरा धाम’ परिसर की माटी से संभव है। आखिर में सबको धन्यवाद देते हुए ‘धरा धाम’ के उप प्रमुख रत्नाकर त्रिपाठी ने आभार प्रकट किया तथा खुद विज्ञान पर भरोसा रखने वाले रत्नाकर त्रिपाठी ने यह स्पष्ट किया कि जिस प्रकार विभिन्न देशों के विविघ विधाओं के ज्ञानियों ने तर्क दिए उसे अंधविश्वास नहीं कहा जा सकता है। जबकि मौके पर मौजूद स्वामी हृदयनाथ जी महाराज ने कहा कि ‘धरा धाम’ कभी भी अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देगा। चूंकि विभिन्न देशों के अलग-अलग धर्मावलम्बियों की सिद्ध की हुई अवधारणा ने यह बताया है कि ‘धरा धाम’ की माटी समृद्धि का वाहक बनेगी, इसलिए इसे मान लेना चाहिए। सबके बावजूद सभी लोगो ने एक स्वर से कहा कि ‘धरा धाम’ की माटी भले लोगों की मनोकामनाएं पूरी करे पर ‘धरा धाम’ अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देगा। चूंकि ‘धरा धाम’ के निर्माण में 367 करोड़ की लागत आनी है, इसलिए इस विषय पर गहन मंथन किया गया। By Rajeev Ranjan Tiwari, Contact- 8922002003
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Ham hai dharadham
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