नई दिल्ली। भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के नए डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के स्टर्न बिज़नेस स्कूल में प्रोफेसर रहे हैं। वे उर्जित पटेल की जगह ले रहे हैं जो अब आरबीआई के गर्वनर बन चुके हैं। विरल आचार्य का चयन सौ से अधिक लोगों में से किया गया है जिन्होंने डिप्टी गवर्नर के लिए आवेदन किया था। 42 वर्षीय विरल आचार्य स्टर्न बिज़नेस स्कूल में वर्ष 2009 से अर्थशास्त्र की बारीकियां पढ़ा रहे हैं। इससे पहले वे लंदन बिज़नेस स्कूल (एलबीएस) में भी अर्थशास्त्र ही पढ़ाते थे। 'यादों के सिलसिले' नाम से विरल आचार्य कई वर्ष पहले एक म्यूज़िक एलबम भी निकाल चुके हैं।
अर्थशास्त्र की दुनिया में कदम रखने से पहले विरल ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मुंबई से स्नातक की उपाधि हासिल की। ये वर्ष 1995 की बात है। इसके बाद उन्होंने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से फाइनेंस में पीएचडी की और फिर लंदन बिज़नेस स्कूल में अपनी सेवाएं दीं। विरल आचार्य 'यूरोपियन सिस्टेमैटिक रिस्क बोर्ड' की वैज्ञानिक परामर्श समिति में बतौर सदस्य भी काम कर चुके हैं। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी सेबी और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में भी विरल आचार्य ने सदस्य के तौर पर अपनी सेवाएं दी हैं। आरबीआई में चार डिप्टी गर्वनर होते हैं जिनमें से दो को पदोन्नति के ज़रिए बनाया जाता है। बाकी दो में से एक कमर्शियर बैंकर होता है जबकि एक पोस्ट अर्थशास्त्री के हिस्से में होती है। अर्थशास्त्री विरल आचार्य को अगले तीन वर्ष के लिए आरबीआई का डिप्टी गर्वनर बनाया गया है।
42 साल में ही बड़ी उपलब्धि हासिल की विरल आचार्य ने
यह 42 वर्षीय आईआईटी पासआउट किशोर कुमार के गानों का फैन है, इसकी अपनी एक एलबम भी है। हम किसी इंजीनियर की नहीं बल्कि आरबीआई के नए डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य की बात कर रहे हैं। उनकी शानदार अकैडमिक्स प्रोफाइल को देखते हुए उनके नाम को बुधवार को मंजूरी दी गई। उदारीकरण के बाद वह सबसे युवा डिप्टी गवर्नर हैं। वह अमेरिका की न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी के स्टर्न स्कूल अॉफ बिजनेस में इकनॉमिक्स के प्रोफेसर हैं और इससे पहले वह लंदन बिजनेस स्कूल में पढ़ाते थे। उर्जित पटेल को गवर्नर बनाए जाने के बाद डिप्टी गवर्नर का पद खाली हो गया था। इसी के लिए आचार्य की नियुक्ति की गई है। 4 डिप्टी गवर्नरों में से एनएस विश्वनाथन और आर गांधी की आंतरिक नियुक्ति की गई है। वहीं बैंकिंग अॉपरेशंस के इंचार्ज एसएस मुंद्रा पूर्व बैंक अध्यक्ष रह चुके हैं। जबकि चौथा डिप्टी गवर्नर जिसे मौद्रिक नीति और अनुसंधान की जिम्मेदारी दी जाती है, वह एक अर्थशास्त्री होता है।
रघुराम राजन हैं रोल मॉडल
पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन को आचार्य महान रोल मॉडल बताते हैं। उनके साथ उन्होंने कई पेपर्स पर काम किया है। काम से इतर आचार्य ने हिंदी म्यूजिक एलबम यादों के सिलसिले के गानों को कंपोज किया है। वित्तीय स्थिरता में पब्लिक सेक्टर के बैंकों पर अपने विचारों के लिए जाने जाने वाले आचार्य साल 2015 में छपी रिपोर्ट के लेखक थे। इसमें उन्होंने स्थिति को अनिश्चित बताते हुए पुनर्पूंजीकरण, प्रशासन में सुधार और बैंकों के निजीकरण का सुझाव दिया था। दिलचस्प बात है कि वह 1991 में कॉलेज गए थे और इसी साल पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने अपना बजट सुधार भाषण दिया था। वह मुंबई के इंडियन इंस्टिट्यूट अॉफ टेक्नॉलजी के जॉइंट एंट्रेस एग्जाम में पांचवे स्थान पर रहे थे। यहां से उन्होंने कंप्यूटर साइंस में ग्रैजुएशन की थी। इसके बाद वह अमेरिका चले गए और कंप्यूटर साइंस में पीएचडी की थी।कुछ समय बाद ही वह फाइनेंस में चले गए और इसमें भी पीएचडी की। आचार्य का पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन से गहरे रिश्ते रहे हैं। इनके साथ उन्होंने आधा दर्जन से ज्यादा पेपर्स पर काम किया है। राजन ने भी उनके नाम की सिफारिश की थी। आचार्य का कार्यकाल तीन साल का होगा और वह 20 जनवरी से पद संभालेंगे।
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