एएमयू के छात्रों ने निकाला ऐतिहासिक मार्च, एएमयू छात्रों पर यूपी पुलिस ने बरसाई लाठियां, कई घायल
अलीगढ। जेएनयू के लापता छात्र नजीब के लिए अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों के इन्साफ मार्च पर मार्च उत्तर प्रदेश की सांप्रदायिक सपा सरकार के बर्बर पुलिसिया हमले की रिहाई मंच ने घोर निंदा की है। आज सुबह अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की मौलाना आज़ाद लाइब्रेरी से छात्रों का जनसैलाब नजीब के लिए इंसाफ मार्च की शक्ल में शुरू हुआ। यह मार्च पूरी तरह से शांतिपूर्ण था। छात्रों की मांग थी की नजीब को वापस लाया जाये और उसपर हमला करने वाले एबीवीपी के छात्रों पर कार्यवाही की जाये। छात्रों ने रेल रोकने का ऐलान किया था। उत्तर प्रदेश की पुलिस द्वारा पहले तो छात्रों को यूनिवर्सिटी कैंपस में ही रोकने की कोशिशें की गयी और बाब-ए-सय्यद पर भारी पुलिस और आर.ए.एफ बल लगा दिया गया। लेकिन छात्रों के शांतिपूर्ण जनसैलाब को रोका नहीं जा सका। छात्रों द्वारा निकाले इन्साफ मार्च को बरगलाने में जब गए सपा सरकार की सांप्रदायिक पुलिस नाकाम रही तो अपनी तीन नाकाम कोशिशों के बाद आगे बढ़ रहे छात्रों पर पुलिस ने हमला कर दिया। बाब ए सय्यद से निकलकर छात्र का जनसैलाब घंटाघर पहुँच गया जहाँ उत्तर प्रदेश की पुलिस ने छात्रों पर वाटर कैनन का प्रयोग किया और हमला कर दिया। इस पिटाई में बहुत से छात्र घायल हुए। पुलिस ने मार्च में शामिल छात्राओं को भी नहीं बख्शा और उन पर भी लाठियां बरसाईं। इस बर्बर पिटाई के बाद नजीब के लिए इन्साफ मांग रहे छात्रों को गिरफ्तार कर लिया गया। रिहाई मंच इस पुलिस कार्यवाही के लिए सपा और भाजपा के नापाक और सांप्रदायिक गठजोड़ को जिम्मेदार मानता है। रिहाई मंच के मोहम्मद आरिफ ने कहा कि सपा सरकार का विकास एक जुमला भर है। पहले मदसों के छात्रों को आतंकवादी बताकर फर्जी फंसाया जाता था अब यह मदरसों से बढ़कर जेएनयू और एएमयू जैसे संस्थानों में पढने वालों को निशाना बनाया जा रहा है। रोहित वेमुला और नजीब जैसों को जब पढने की आजादी और सुरक्षा नहीं है तो क्या उन्हें जेलों में डालकर सपा सरकार विकास करना चाहती है। इन्साफ मांग रहे एएमयू छात्रों को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा यह कहना कि तुम्हे भी नजीब बना देंगे, सपा की सामाजिक न्याय और विकास के दावों की पोल खोल देता है। सपा सरकार की मौजूदा कलह को उन्होंने दरअसल अखिलेश और शिवपाल के बीच लूट को लेकर झगडा बताया जिसका विकास से कोई लेना देना नहीं है। रिहाई मंच के साथी और एएमयू के शोध छात्र अमानुल्लाह ने कहा कि आनेवाले २०१७ चुनाव में सपा सरकार को हर एक लाठी का हिसाब देना होगा और एएमयू छात्रों पर पड़ी हर एक लाठी सपा के ताबूत में आखिरी कील साबित होगी। रिहाई मंच के साथी और एएमयू के शोध छात्र सलमान हबीब ने कहा कि भोपाल फर्जी एनकाउंटर के विरोध में लखनऊ में राजीव यादव पर पुलिसिया हमला और एएमयू छात्रों पर हमला अखिलेश के सारे विकास दावों की पोल खोल देता है। अखिलेश के लिए विकास का मतलब अपना विकास है जिसमें लूट के हिस्से को लेकर उनकी पार्टी में खुद घमासान मचा हुआ है। इस में दलित और मुसलमानों के लिए कोई जगह नहीं है। उन्हें केवल झूठ, जेल और लाठियां, और दंगे ही मिले हैं। नजीब के लिए इन्साफ मार्च में एएमयू छात्रसंघ के सभी पदाधिकारी मौजूद रहे साथ में रिहाई मंच अलीगढ के मोहम्मद आरिफ, सलमान हबीब,अमानुल्लाह, तौसीफ खान,दाऊद इब्राहीम आदि भी इस मार्च में शामिल हुए।
अलीगढ। जेएनयू के लापता छात्र नजीब के लिए अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों के इन्साफ मार्च पर मार्च उत्तर प्रदेश की सांप्रदायिक सपा सरकार के बर्बर पुलिसिया हमले की रिहाई मंच ने घोर निंदा की है। आज सुबह अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की मौलाना आज़ाद लाइब्रेरी से छात्रों का जनसैलाब नजीब के लिए इंसाफ मार्च की शक्ल में शुरू हुआ। यह मार्च पूरी तरह से शांतिपूर्ण था। छात्रों की मांग थी की नजीब को वापस लाया जाये और उसपर हमला करने वाले एबीवीपी के छात्रों पर कार्यवाही की जाये। छात्रों ने रेल रोकने का ऐलान किया था। उत्तर प्रदेश की पुलिस द्वारा पहले तो छात्रों को यूनिवर्सिटी कैंपस में ही रोकने की कोशिशें की गयी और बाब-ए-सय्यद पर भारी पुलिस और आर.ए.एफ बल लगा दिया गया। लेकिन छात्रों के शांतिपूर्ण जनसैलाब को रोका नहीं जा सका। छात्रों द्वारा निकाले इन्साफ मार्च को बरगलाने में जब गए सपा सरकार की सांप्रदायिक पुलिस नाकाम रही तो अपनी तीन नाकाम कोशिशों के बाद आगे बढ़ रहे छात्रों पर पुलिस ने हमला कर दिया। बाब ए सय्यद से निकलकर छात्र का जनसैलाब घंटाघर पहुँच गया जहाँ उत्तर प्रदेश की पुलिस ने छात्रों पर वाटर कैनन का प्रयोग किया और हमला कर दिया। इस पिटाई में बहुत से छात्र घायल हुए। पुलिस ने मार्च में शामिल छात्राओं को भी नहीं बख्शा और उन पर भी लाठियां बरसाईं। इस बर्बर पिटाई के बाद नजीब के लिए इन्साफ मांग रहे छात्रों को गिरफ्तार कर लिया गया। रिहाई मंच इस पुलिस कार्यवाही के लिए सपा और भाजपा के नापाक और सांप्रदायिक गठजोड़ को जिम्मेदार मानता है। रिहाई मंच के मोहम्मद आरिफ ने कहा कि सपा सरकार का विकास एक जुमला भर है। पहले मदसों के छात्रों को आतंकवादी बताकर फर्जी फंसाया जाता था अब यह मदरसों से बढ़कर जेएनयू और एएमयू जैसे संस्थानों में पढने वालों को निशाना बनाया जा रहा है। रोहित वेमुला और नजीब जैसों को जब पढने की आजादी और सुरक्षा नहीं है तो क्या उन्हें जेलों में डालकर सपा सरकार विकास करना चाहती है। इन्साफ मांग रहे एएमयू छात्रों को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा यह कहना कि तुम्हे भी नजीब बना देंगे, सपा की सामाजिक न्याय और विकास के दावों की पोल खोल देता है। सपा सरकार की मौजूदा कलह को उन्होंने दरअसल अखिलेश और शिवपाल के बीच लूट को लेकर झगडा बताया जिसका विकास से कोई लेना देना नहीं है। रिहाई मंच के साथी और एएमयू के शोध छात्र अमानुल्लाह ने कहा कि आनेवाले २०१७ चुनाव में सपा सरकार को हर एक लाठी का हिसाब देना होगा और एएमयू छात्रों पर पड़ी हर एक लाठी सपा के ताबूत में आखिरी कील साबित होगी। रिहाई मंच के साथी और एएमयू के शोध छात्र सलमान हबीब ने कहा कि भोपाल फर्जी एनकाउंटर के विरोध में लखनऊ में राजीव यादव पर पुलिसिया हमला और एएमयू छात्रों पर हमला अखिलेश के सारे विकास दावों की पोल खोल देता है। अखिलेश के लिए विकास का मतलब अपना विकास है जिसमें लूट के हिस्से को लेकर उनकी पार्टी में खुद घमासान मचा हुआ है। इस में दलित और मुसलमानों के लिए कोई जगह नहीं है। उन्हें केवल झूठ, जेल और लाठियां, और दंगे ही मिले हैं। नजीब के लिए इन्साफ मार्च में एएमयू छात्रसंघ के सभी पदाधिकारी मौजूद रहे साथ में रिहाई मंच अलीगढ के मोहम्मद आरिफ, सलमान हबीब,अमानुल्लाह, तौसीफ खान,दाऊद इब्राहीम आदि भी इस मार्च में शामिल हुए।
प्रस्तुतिः मोहम्मद आरिफ (रिहाई मंच, अलीगढ़, फोन-9807743675)
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।