लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव के लिये 325 उम्मीदवारों के नामों की सूची जारी कर दी। इस फेहरिस्त में जहां मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कई करीबी मंत्रियों के टिकट काट दिये गये हैं, वहीं कई एसे नाम भी शामिल हैं जिन पर अखिलेश को एतराज था। मुलायम सिंह ने सूबे में कांग्रेस के साथ गठबंधन की अटकलों को भी यह कहते हुए खारिज कर दिया कि सपा समूचे सूबे में अकेले चुनाव लड़ेगी। मुलायम ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस में सपा के उम्मीदवारों की सूची घोषित की, जिसमें 176 वे सीटें हैं जिन पर मौजूदा समय में सपा के विधायक हैं। 149 वे सीटें हैं जिन पर सपा के विधायक नहीं हैं। बाकी 78 सीटों पर सर्वे पूरा ना होने के कारण उम्मीदवार तय नहीं किये जा सके हैं। चार-पांच दिन में वे भी घोषित हो जाएंगे।
इस सूची में अखिलेश के करीबी मंत्रियों रामगोविन्द चौधरी (बांसडीह), पवन पाण्डेय (अयोध्या) और अरविन्द सिंह गोप (रामनगर) के नाम नहीं हैं। हालांकि फेहरिस्त में माफिया अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्ला अंसारी के नाम शामिल हैं, जिन पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सख्त एतराज था। सीतापुर के बिसवां से रामपाल यादव को प्रत्याशी बनाया गया है। अखिलेश ने प्रदेश अध्यक्ष रहते रामपाल को पार्टी से निष्कासित कर दिया था लेकिन प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने परसों उनका निष्कासन रद्द कर दिया। यह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिये झटका है, जिन्होंने पिछले दिनों सपा मुखिया को 403 उम्मीदवारों की अपनी सूची दी थी। बताया जाता है कि उसमें अतीक अहमद, सिबगतउल्ला अंसारी, मंत्री गायत्री प्रजापति और बर्खास्त मंत्री नारद राय के नाम नहीं थी, मगर बुधवार को जारी सूची में इन सभी के नाम हैं। हालांकि, मुलायम ने दावा किया कि टिकट को लेकर पार्टी में कहीं कोई विवाद नहीं है।
सपा मुखिया ने कहा कि प्रदेश विधानसभा की 403 विधानसभा सीटों के लिये कुल 4200 इच्छुक लोगों ने आवेदन किया था। सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने हर उम्मीदवार से अलग-अलग बात की और सर्वेक्षण कराया, जिसके बाद काफी सोच-समझकर जिताउ उम्मीदवारों की यह सूची तय की गयी है। अब इसमें कोई रद्दोबदल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जो इच्छुक लोग टिकट नहीं पा सके हैं, वे निराश ना हों। भविष्य में उन्हें कहीं ना कहीं सम्मानित किया जाएगा। यह पूछे जाने पर कि जारी सूची में अखिलेश की पेशकश वाले कितने उम्मीदवार शामिल हैं, मुलायम ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री के साथ-साथ कई नेताओं ने अपनी-अपनी सूची दी थी, उन सभी में से उम्मीदवारों को एडजस्ट किया गया है। अखिलेश को पार्टी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर पेश किये जाने की सम्भावना के बारे में पूछे जाने पर मुलायम ने कहा कि सपा में एसी कोई परम्परा नहीं है। दूसरी कुछ पार्टियों में एसा रिवाज है, इसलिये वे धराशायी हो जाती हैं। सपा में मुख्यमंत्री का चुनाव विधायक दल करता है। अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की सम्भावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अखिलेश जहां से चाहें चुनाव लड़ सकते हैं।
कांग्रेस और राष्ट्रीेय लोकदल के साथ गठबंधन की कोशिशों की सरगर्म चर्चा के बीच सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने फिर कहा कि उनकी पार्टी किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी और उत्तर प्रदेश विधानसभा की सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। मुलायम ने कहा, मैंने पहले भी कहा है और अब भी कह रहा हूं कि सपा किसी से गठबंधन नहीं करेगी। मालूम हो कि सपा के कांग्रेस और रालोद से गठबंधन की सम्भावनाओं को लेकर अटकलें एक बार फिर जोरों पर हैं। हाल में दिल्ली में इन दलों के नेताओं की बैठक के बाद चर्चाओं ने फिर से जोर पकड़ लिया था। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बार-बार कह रहे हैं कि वैसे तो सपा एक बार फिर बहुमत की सरकार बनाएगी लेकिन अगर कांग्रेस से गठबंधन हो जाए तो 300 से ज्यादा सीटों पर जीत मिलेगी। भाषा एजेंसी
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