नई दिल्ली (इमरान क़ुरैशी बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए)। तमिलनाडु के नए मुख्यमंत्री के तौर पर ओ पनीरसेल्वम ने शपथ ग्रहण कर ली. उन्हें ये ज़िम्मेदारी सौंपने पर शायद ही किसी को भी हैरानी हुई हो. वे पहले भी दो बार जयललिता के जेल जाने की स्थिति में राज्य की कमान संभाल चुके हैं. 68 साल की जयललिता 22 सितंबर से अपोलो अस्पताल में भर्ती थीं. दरअसल पनीरसेल्वम जयललिता के सबसे वफ़ादर सहयोगी माने जाते रहे हैं. 65 साल के पनीरसेल्वम के बारे में कुछ बातें सत्ता के गलियारों में लंबे समय से कही सुनी जाती रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह पनीरसेल्वम ने भी चाय बेची है औऱ उनके पिता भी पार्टी के वफादार थे.
पनीरसेल्वम के पिता अन्नाद्रमुक के संस्थापक स्वर्गीय एमजी रामचंद्रन के लिए काम करते थे और एमजीआर तभी से उन पर मेहरबान थे. यहां तक कि पनीरसेल्वम के भाई आज भी पेरियाकुलम में चाय की दुकान चलाते हैं. हालांकि उनका पारिवारिक पेशा खेतीबाड़ी का है. पनीरसेल्वम के बारे में ये कहा जाता है कि चाय की दुकान से फुरसत निकालकर उन्होंने ग्रैजुएशन की पढ़ाई की और ये बात एमजीआर को भी पता थी. पनीरसेल्वम पहली बार शशिकला के रिश्तेदार टीटीके दिनाकरन के जरिए जयललिता की नज़र में आए. कहा जाता है कि मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए पनीरसेल्वम कभी भी उस कुर्सी पर नहीं बैठे जिस पर जयललिता बैठा करती थीं. पनीरसेल्वम थेवर समुदाय से आते हैं जिनका दक्षिणी तमिलनाडु में अच्छा प्रभाव माना जाता है. वे राज्य विधानसभा में थेनी जिले के बोडीनयाकनूर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं.
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