अब इनकम टैक्स कमर्चारियों का भी गुस्सा फूटा, प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी को चिट्ठी लिख जताई नाराजगी
नई दिल्ली। नोटबंदी के एलान के एक महीने बाद भी बैंकों और एटीएम में पर्याप्तर पैसा नहीं पहुंच पा रहा है। इसके चलते अब स्थिति धीरे-धीरे हिंसक होती जा रही हैं। पिछले कुछ दिनों में बैंकों और एटीएम के बाहर मारपीट और झगड़े की घटनाओं में तेजी देखने को मिली है। उत्तबर प्रदेश में मुजफ्फरनगर और मुरादाबाद जिलों में शुक्रवार को इस तरह के मामले सामने आए। मुजफ्फरनगर में पैसे ना मिलने से नाराज लोगों ने पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजर की पिटाई कर दी। मैनेजर के बैंक में पैसे खत्मो होने की जानकारी देने के बाद गुस्सासए लोगों ने मैनेजर को पीट दिया। वहीं जिले के एक अन्ये गांव में ग्रामीणों ने सड़क पर जाम लगा दिया। उत्तजर प्रदेश में ही शुक्रवार(9 दिसंबर) को मुरादाबाद में कैश ना मिलने से नाराज लोगों ने एसबीआई बैंक पर हमला बोल दिया। यहां पर उन्हों ने बैंक की संपत्ति को नुकसान भी पहुंचाया। इससे पहले यहीं पर एक वकील से पुलिस के दुर्व्यनवहार के बाद झड़प हो गई थी। यूपी में कई अन्य जिलों में भी बैंकों पर लोगों ने अपना गुस्साा उतारा। आजमगढ़ में यूनियन बैंक का सर्वर जाम होने पर लोगों ने पथराव कर दिया। गोरखपुर, बस्तीा, देवरिया, सीतापुर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर और बलिया में भी लोगों ने रास्ते जाम कर दिए।
देश के अन्य हिस्सों दिल्ली , हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई से भी बैंकों के बाहर झगड़े और मारपीट की खबरें सामने आ रही है। कर्नाटक के बागलकोट में लाइन में खड़े एक पूर्व सैनिक की पुलिसकर्मी ने पिटाई कर दी। पुलिसकर्मी ने पहले तो पूर्व सैनिक को बैंक में जाने से रोका और फिर कई बार उन्हेंद चांटें मार दिए। आठ नवंबर को नोटबंदी के एलान के बाद से नकदी लेने के लिए लाइनों लोगों की मौत भी हो चुकी है। हालांकि इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है। खबरों के अनुसार देशभर में 70 से अधिक लोग लाइनों में लगने के बाद हार्ट अटैक और ब्ल ड प्रेशर के चलते दम तोड़ चुके हैं। इस सप्ताेह लगातार तीन दिन तक बैंकों की छुट्टी है। इसे देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि नकदी संकट गहरा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में नोटबंदी का ज्याेदा असर देखने को मिला है। सरकार ने पहले कुछ जगहों पर पुराने नोट चलाने की अनुमति दी थी। लेकिन अब वह अवधि भी समाप्तक हो चुकी है। रिजर्व बैंक की नोट छापने की प्रिंटिंग प्रेसों मे तीन शिफ्टों में काम हो रहा है। लेकिन बावजूद इसके लिए पर्याप्तक नकदी की पूर्ति नहीं हो पा रही। देश में रोजाना 50 करोड़ नोट ही छापे जा सकते हैं। इसके चलते जिन बैंकों को 50-60 लाख प्रतिदिन चाहिए होते हैं उन्हेंह केवल 5-6 लाख रुपये ही मिल रहे हें।
अब इनकम टैक्स कमर्चारियों का भी गुस्सा फूटा, नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख जताई नाराजगी
नोटबंदी के बाद कालेधन से संबंधित कई मामलों के सामने आने के बाद आयकर विभाग के कर्मचारियों ने सरकार से श्रमबल और सुविधाएं बढ़ाने की मांग की है। आयकर विभाग के कर्मचारियों की दो यूनियनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ‘करोड़ों रुपये’ की कर चोरी के मामलों की जांच के लिए पर्याप्त श्रमबल एवं ढांचागत सुविधायें उपलब्ध कराने की मांग की है। दो कर्मचारी यूनियनों, इनकम टैक्स एम्पलाइज फेडरेशन (आईटीईएफ) तथा इनकम टैक्स गैजेटेड आफिसर्स एसोसिएशन (आईटीजीओए) ने मोदी को इस बारे में पत्र लिखा है। ये दोनों संघ आयकर विभाग के 97 प्रतिशत कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। पत्र में कहा गया है कि नोटबंदी के बाद के घटनाक्रमों से पता चलता है कि कालेधन तथा भ्रष्टाचार की बुराई से लड़ने के लिए कई कड़े उपायों की जरूरत होगी। इसमें आयकर विभाग को मुख्य भूमिका निभानी होगी। इस तरह की जमा के आंकड़े करोड़ों रुपये में हो सकते हैं। संयुक्त ज्ञापन में दोनों संघों ने कहा कि इन उद्देश्यों को हासिल करने के लिए विभाग के पास विशेषरूप से महत्वपूर्ण पदों पर पर्याप्त श्रमबल होना चाहिए। साथ ही विभाग को उचित ढांचागत सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जानी चाहए, जिससे कार्यबल को प्रोत्साहन मिले। संघों ने कहा कि उन्होंने इस बारे में प्रधानमंत्री को 17 नवंबर को पत्र लिखा है। इसमें कालेधन से निपटने के लिए कई उपाय सुझाए गए हैं। यूनियनों की ओर से कहा गया कि इनकम टैक्सज विभाग में निचले स्तैर पर 30-35 प्रतिशत वैकेंसियां हैं। आईटी एडिशनल कमिश्नटर और आईटी डिप्टीे कमिश्नंर, उनके जूनियर अधिकारियों के पद भी खाली पड़े हैं। साथ ही विभाग में इंटरनेट और इसकी कनेक्टिविटी भी काफी कमजोर है। इसके चलते कामों को पूरा करने में काफी समय लगता है। गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद से आयकर विभाग ने 2000 करोड़ रुपये का कालाधन पकड़ा है। देश के अलग-अलग हिस्सोंत में छापे मारे जा रहे हैं। 8 दिसंबर को चेन्नडई से 100 करोड़ की नकदी और 100 किलो सोना जब्तस किया गया था।
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