'बोल्ड' अभिनेत्री रहीं जयललिता, शशिकला के हाथ में होगी सत्ता की बागडोर, भावुक सीएम को गले लगाया पीएम ने
चेन्नई। तमिलनाडु की मुख्येमंत्री जे. जयललिता के निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर है। चेन्न्ई के अपोलो हॉस्पिटल में सोमवार (5 दिसंबर) की रात 11.30 बजे ‘अम्माी’ ने दुनिया को अलविदा कहा। जयललिता का पार्थिव शरीर राजाजी हॉल में अंतिम दर्शन हेतु रखा गया था। जहां लाखों की संख्याा में समर्थकों ने अपनी प्रिय नेत्री को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि दी। अम्माो का अंतिम संस्काकर मंगलवार शाम को मरीना बीच पर गया। उन्हेंन एमजीआर की समाधि के बगल में दफनाया गया। सत्तां-पक्ष एवं विपक्ष के सभी बड़े नेता जयललिता को श्रद्धांजलि अर्पित करने चेन्नफई पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजाजी हॉली में जया को पुष्पां्जलि अर्पित की। जयललिता के उत्त राधिकारी चुने गए ओ. पन्नीेरसेल्वेम का रो-रोकर बुरा हाल है।जयललिता को रविवार शाम अचानक दिल का दौरा पड़ा था। सोमवार को दिन भर उनके स्वास्थ्य को लेकर तरह तरह की अफवाहें उड़ती रही। देर रात इस बात की पुष्टि कर दी गई कि जयललिता अब हमारे बीच नहीं हैं। तमिलनाडु सरकार ने मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के चलते मंगलवार से सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। एक अधिसूचना में कहा गया है कि इस अवधि में सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। सरकार ने राज्य में सभी शिक्षण संस्थानों में तीन दिवसीय अवकाश की भी घोषणा की है। पड़ोस के केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी ने भी जयललिता के सम्मान में मंगलवार को सभी सरकारी कार्यालयों और शिक्षण संस्थानों में एक दिन की छुट्टी की घोषणा की है।
चेन्नई। तमिलनाडु की मुख्येमंत्री जे. जयललिता के निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर है। चेन्न्ई के अपोलो हॉस्पिटल में सोमवार (5 दिसंबर) की रात 11.30 बजे ‘अम्माी’ ने दुनिया को अलविदा कहा। जयललिता का पार्थिव शरीर राजाजी हॉल में अंतिम दर्शन हेतु रखा गया था। जहां लाखों की संख्याा में समर्थकों ने अपनी प्रिय नेत्री को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि दी। अम्माो का अंतिम संस्काकर मंगलवार शाम को मरीना बीच पर गया। उन्हेंन एमजीआर की समाधि के बगल में दफनाया गया। सत्तां-पक्ष एवं विपक्ष के सभी बड़े नेता जयललिता को श्रद्धांजलि अर्पित करने चेन्नफई पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजाजी हॉली में जया को पुष्पां्जलि अर्पित की। जयललिता के उत्त राधिकारी चुने गए ओ. पन्नीेरसेल्वेम का रो-रोकर बुरा हाल है।जयललिता को रविवार शाम अचानक दिल का दौरा पड़ा था। सोमवार को दिन भर उनके स्वास्थ्य को लेकर तरह तरह की अफवाहें उड़ती रही। देर रात इस बात की पुष्टि कर दी गई कि जयललिता अब हमारे बीच नहीं हैं। तमिलनाडु सरकार ने मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के चलते मंगलवार से सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। एक अधिसूचना में कहा गया है कि इस अवधि में सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। सरकार ने राज्य में सभी शिक्षण संस्थानों में तीन दिवसीय अवकाश की भी घोषणा की है। पड़ोस के केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी ने भी जयललिता के सम्मान में मंगलवार को सभी सरकारी कार्यालयों और शिक्षण संस्थानों में एक दिन की छुट्टी की घोषणा की है।
'बोल्ड' अभिनेत्री रहीं जयललिता
जे जयललिता - इस नाम को किसी परिचय की ज़रूरत नही. राजनीति हो या फ़िल्म, उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई. मई 1960 में मयलापोर में एक सभा में नन्ही जया ने अपना पहला नृत्य प्रस्तुत किया था. सभा में मुख्य अतिथि थे फ़िल्म स्टार शिवाजी गनेशन जिन्होंने उनकी मां से कहा कि जयललिता एक बड़ी फिल्म स्टार बनेंगी. शायद होनी को यही मंज़ूर था. 68 साल की जयललिता 22 सितंबर से अपोलो अस्पताल में भर्ती थीं. जयललिता के राजनैतिक जीवन में बहुत उतार चढ़ाव आए और उनका फ़िल्मी सफ़र भी उतना ही दिलचस्प रहा.
जयललिता ने अंग्रेज़ी, हिन्दी, कन्नड़, तमिल, तेलुगू, मलयाली फ़िल्मों में काम किया. शास्त्रीय संगीत में प्रशिक्षित और एक निपुण नर्तकी जयललिता उन अभिनेत्रियों में से एक थीं जो अपने समय से आगे थीं और ट्रेंड सेटर थीं. 24 फ़रवरी साल 1948 को पैदा हुईं जयललिता ने फ़िल्मों के साथ नाता तब जोड़ा जब वो महज़ 13 साल की थीं. एक बाल कलाकार के रूप में उन्होंने काम किया कन्नड़ फ़िल्म 'श्री शायला महाथमें' में. फिर तीन मिनट का एक रोल निभाया साल 1962 की हिन्दी फ़िल्म 'मनमौजी' में, जिसमें थे किशोर कुमार और साधना. 1964 में 'चिन्नडा गोम्बे' उनकी पहली कन्नड़ फिल्म थी और उसी साल उनकी पहली तेलुगू फ़िल्म 'मनुशुलु मामाथालू' भी आई. साल 1965 की 'वेन्नीरा आडाई' उनकी पहली तमिल फ़िल्म थी जो एक हिट साबित हुई. तमिल सिनेमा की रानी' कही जाने वाली जयललिता उन गिनी-चुनी अभिनेत्रियों में से थीं जिन्होंने बड़े पर्दे पर बोल्ड सीन किए. उनकी पहली कुछ फिल्मों में से एक फ़िल्म को 'ए' सर्टिफ़िकेट दिया गया. वो खुद फ़िल्म देखने नहीं जा पाईं क्योंकि वो बालिग नहीं थीं.
जयललिता उन पहली कुछ अभिनेत्रियों में से थीं जिन्होंने बड़े पर्दे पर स्कर्ट पहनी, 'स्लीवलेस ब्लाउज़' पहना और नहाने का सीन फ़िल्माया. वे जब शूटिंग करने जातीं तो स्टूडियो में किताबें लेकर जाती थीं. उन्हें अंग्रेजी उपन्यास पढ़ने का बहुत शौक था. जब उन्होंने मरुधुर गोपालन रामाचंद्रन यानी 'एमजीआर' के साथ काम करना शुरू किया तो उनकी छवि बदल गई. ये दोनों एक साथ पहली बार नज़र आए 1965 में आई फिल्म 'आइरथिल ओरुवन' में. दोनों ने एक साथ 25 से ज्यादा फ़िल्मों में काम किया. वो 'एमजीआर' ही थे जिन्होंने आगे जाकर जयललिता का परिचय राजनीति से कराया. ख़ुद 'एमजीआर' तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने. साल 1968 की फ़िल्म 'इज़्ज़त' में जयललिता एक बार फिर हिन्दी फ़िल्म में नज़र आईं मुख्य अभिनेता धर्मेन्द्र और साधना के साथ. साल 1972 में उन्होंने शिवाजी गनेशन के साथ काम किया फ़िल्म 'पट्टिकडा पट्टानामा' में. इस फ़िल्म ने नेशनल अवॉर्ड जीता और जयललिता को 'फ़िल्मफेयर' का सर्वश्रेष्ठ तमिल अभिनेत्री का पुरस्कार मिला.
साल 1973 की 'सूर्यगंधी' के लिए जयललिता ने फिर फ़िल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ तमिल अभिनेत्री का पुरस्कार जीता. उन्होंने करीब 125 फ़िल्मों में काम किया जिसमें से 100 से ज़्यादा फ़िल्में हिट हुईं. जयललिता ऐसी तमिल अभिनेत्री हैं जिनके पास सबसे ज़्यादा सिल्वर जुबली हिट्स हैं. वे अपनी फ़िल्मों में कभी-कभी गाती भी थीं. अपनी ज़िंदगी में जयललिता अपनी मां और 'एमजीआर' से बहुत प्रभावित हुईं. उनकी मां भी एक अभिनेत्री थीं. 80 का दशक शुरु होते होते उन्होंने राजनीति में कदम रख दिया. उन्होंने अपने जीवन की दिशा बदली लेकिन राजनीति में भी वो ऐसे मुक़ाम पर पहुँची जहाँ बहुत कम लोग पहुँच पाए. बहुत कम अभिनेता या अभिनेत्री राजनीति में शायद ही इतने कामयाब रहे हों जितनी जयललिता रहीं.
इस महिला के हाथ में होगी सत्ता की बागडोर
तमिलनाडु की मुख्येमंत्री जे जयललिता के सोमवार रात 11.30 बजे निधन हो गया। इसके बाद उनके भरोसेमंद सहयोगी और वित्त मंत्री रहे ओ पन्नीरसेल्वम ने सोमवार की रात तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि जयललिता की करीबी दोस्त रहीं शशिकला नटराजन अन्नाद्रमुक का नियंत्रण ले सकती हैं। सूत्रों का कहना है शशिकला या उनकी पसंद का कोई नेता पार्टी का नया महासचिव नामित किया जाएगा। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री बनाया गया है, जबकि शशिकला खुद या अन्नाद्रमुक के सांसद और लोकसभा उपाध्यक्ष एम थम्बीदुरई को पार्टी का महासचिव निर्वाचित किया जाएगा। राज्य के एक मंत्री ने इस बात से इंकार किया है कि अन्नाद्रमुक को कोई खतरा है। उन्होंने कहा कि दोनों सदनों में 50 सांसदों के साथ हम संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी हैं। जब तक हम केंद्र में भाजपा को समर्थन देते रहेंगे, तब तक हमें अस्थिर करने का कोई भी प्रयास नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री के रूप में पन्नीरसेल्वम और महासचिव के रूप में थम्बीदुरई पार्टी को मजबूत बनाएंगे। कैबिनेट में सबसे वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री के रूप में कामकाज संभालने वाले पन्नीरसेल्वम के सलाहकार के रूप में शीला बालकृष्णन की सहायता प्रदान की जाएगी। शशिकला और पन्नीरसेल्वम के बीच संघर्ष के बारे में पूछे जाने पर एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी में शशिकला का अम कोई दुश्मन नहीं है। भाजपा भी अन्नाद्रमुक महासचिव के रूप में थम्बीदुरई के नाम को आगे बढ़ाने में रुचि रखती है। वह पश्चिमी तमिलनाडु में कोंगु बेल्ट से आते हैं, जहां अन्नाद्रमुक एक मजबूत कैडर बेस है। यह ऐसा इलाका है, जो भविष्य की राजनीति के लिए भारतीय जनता पार्टी की प्रमुखता की सूची में है। पन्नीरसेल्वम और थम्बीदुरई दोनों, कभी भी अम्मा की इच्छा के खिलाफ नहीं जाएंगे। उनकी अनुपस्थिति में वे शशिकला की बात सुनेंगे, बशर्ते कि उन्हें योग्य पद दिए जाएं। पार्टी के एक सांसद ने कहा कि शशिकला सत्ता केंद्र में रहेंगी, जो जयललिता के पोएस गार्डन स्थित आवास से पार्टी का नियंत्रण करेंगी।
पीएम मोदी ने भावुक सीएम पन्नीरसेल्वम को गले लगाया
चेन्नई के राजाजी हॉल में जे. जयललिता के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने फूट-फूटकर रो रहे ओ. पन्नीरसेल्वम को गले लगा लिया. बता दें कि जयललिता के निधन के बाद उनके करीबी पन्नीरसेल्वम को नया सीएम चुन लिया गया है. इसके साथ ही पीएम मोदी को जयललिता की लंबे समय से सहयोगी रहीं शशिकला नटराजन के सिर पर हाथ फेरते भी देखा गया. वह भी रो पड़ी थीं और पीएम मोदी ने उन्हें सांत्वना देते हुए, उनसे कुछ देर तक बात भी की. पीएम मोदी मंगलवार दोपहर चेन्नई पहुंचे थे जहां उन्होंने जयललिता को श्रद्धांजलि अर्पित की जिसके बाद उनके पास खड़े पन्नीरसेल्वम खुद को रोक नहीं पाए और रोने लगे. पीएम मोदी ने उन्हें गले लगाया और उन्हें हौसला रखने के लिए कहा. जब पीएम मोदी अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ने लगे तब पन्नीरसेल्वम एक बार फिर नम आंखों के साथ उनके गले लगे. गौरतलब है कि पन्नीरसेल्वम ने सोमवार की रात जयललिता के निधन के कुछ घंटे बाद ही नए मुख्यमंत्री का पद संभाला है. जयललिता को रविवार रात दिल का दौरा पड़ा था जिसके बाद वह पूरे एक दिन लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रहीं लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. जयललिता का पार्थिव शरीर राजाजी हॉल में रख गया था जहां पीएम मोदी के पहुंचने के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम थे. हालांकि इसके बावजूद लोगों की भीड़ जयललिता के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ रही थी. पीएम मोदी ने जनता का अभिवादन किया और वह लोगों से तस्वीर खींचने के लिए मना करते देखे गए. पीएम मोदी के अलावा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और यूपी के सीएम अखिलेश यादव भी जयललिता को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. जयललिता का अंतिम संस्कार कर दिया गया है और उन्हें उन्हीं के गुरु एमजीआर के स्मारक के करीब चंदन के ताबूत में दफनाया गया है.
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