पुखरायां (कानपुर)। उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में हुए रेल हादसे में जख्मी हुए कुछ मुसाफिरों को उस अस्पताल में रहस्यमय तरीके से बंद हो चुकी मुद्रा में नकदी दी गई है जहां वे भर्ती हैं। इस नकदी में ज्यादातर बंद हो चुके 500 रूपये के नोट में थे।इस घटनाक्रम से हैरत में आए अधिकारियों ने मामले की जांच का वायदा किया है। कानपुर जोन के आयुक्त इफ्तिखारूददीन ने कहा कि वह कानपुर देहात जिले के माति अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मामले की जांच कराएंगे जहां ऐसे मामले सामने आये हैं। कानपुर देहात इलाके में रविवार तड़के इंदौर-पटना एक्सप्रेस के 14 कोचों के संदिग्ध तौर पर पटरी से उतरने के कारण 120 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई जबकि 200 से ज्यादा लोग जख्मी हैं, जिनमें से तकरीबन आधे गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं। अज्ञात व्यक्तियों द्वारा 5000 रूपये नकद पाने वाले लोगों में आशा मिश्र और अनिल हैं। दोनों को आठ नवंबर से अमान्य करार दिए जा चुके 500 रूपये के 10 नए नोट मिले हैं। एक जख्मी के एक रिश्तेदार ने दावा किया कि जिस व्यक्ति ने यह पैसे दिए हैं उसने उन्हें बताया कि यह पैसे रेलवे ने उन्हें दिए हैं। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है क्या पैसा वाकई में रेलवे ने भेजा था।
घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए भाजपा नेता आरपी सिंह ने कहा, ‘‘ हम नहीं जानते हैं कि इसे किसने बांटा है। चाहे वे राजनीतिक पार्टी हो या रेलवे के कर्मी। मैंने तुरंत (रेल मंत्री) सुरेश प्रभु को ट्वीट किया और उन्होंने कहा कि वे मामले को देखेगें।’’ घटनाक्रम को बहुत बुरा करार देते हुए उन्होंने कहा कि अगर रेलवे अधिकारियों ने यह किया है तो भी यह दुखद है और अगर कुछ राजनीतिज्ञों ने यह किया है तो यह बहुत परेशान करने वाला है क्योंकि आप लोगों के जख्मों पर नमक नहीं छिड़क सकते हैं। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। प्रभु ने कहा कि हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पीड़ितों की मदद के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। राजनाथ सिंह भी सुरेश प्रभु के साथ लगातार संपर्क में हैं। पीएम मोदी ने भी हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने लिखा, ‘पटना-इंदौर एक्सप्रेस के पटरी से उतरने पर हुए जानमाल के नुकसान से हुए दुख को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। पीड़ित परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।’
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