
नई दिल्ली। सशस्त्र सीमा बल वाईव्ज वेलफेयर एसोसिएशन ‘संदीक्षा’ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय प्रर्दशनी-सह-मेला रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ सम्पन्न हो गया। मेले के समापन समारोह की मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करती हुईं श्रीमती आरूणि डोभाल धर्मपत्नी अजित डोभाल (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) ने कहा कि बल के परिवारजनों एवं बल के कार्य क्षेत्र की जनता के समग्र कल्याण के लिए संदीक्षा सराहनीय कार्य कर रही है। बलकर्मियों के परिजनों एवं आम जनता के कल्याण के साथ-साथ ‘संदीक्षा’ अपने कार्यक्षेत्र के शिल्पकारों, कलाकारों एवं पारम्परिक संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए बहुत सुन्दर कार्य कर रही है। इस अवसर पर श्रीमती डोभाल ने संदीक्षा की एक दूरभाष निर्देशिका भी जारी किया। इसे संदीक्षा की सदस्यों को और करीब लाने के लिए जारी किया गया है।
समापन समारोह में मुख्य अतिथि के प्रति अपने स्वागत भाषण में बल की महानिदेशक श्रीमती अर्चना रामासुंदरम ने कहा कि मेरा यह सौभाग्य है कि मैं बल के महानिदेशक के साथ बलकर्मियों के कल्याण के लिए समर्पित संस्था ‘संदीक्षा’ की अध्यक्ष का पदभार भी सम्हाल रही हूं। मेरे नेतृत्व में ‘संदीक्षा’ बलकर्मियों की महिलाओं, बच्चों एवं परिजनों तथा बल के कार्यक्षेत्र की आम जनता के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास करेगी। हम बलकर्मियों के प्रतिभावान बच्चों की बेहतर शिक्षा प्रदान करने की हर संभव कोशिश करेंगे। हम अपने कल्याण कार्यक्रमों को और भी विस्तृत एवं व्यापक स्वरूप देने का प्रयास कर रहे हैं। ‘संदीक्षा’ मेला बलकर्मियों का एक मिलनस्थल है। साथ ही यह मेला बल के कार्यक्षेत्र की परम्परागत कला को एक मंच भी प्रदान करती है।
इस वर्ष संदीक्षा मेला 11 नवम्बर, 2016 के दिन प्रारम्भ हुआ था। इस वर्ष का मेला संदीक्षा द्वारा आयोजित नौवां मेला है। इस वर्ष के मेले में बल की विभिन्न इकाईयों द्वारा कुल इक्यावन स्टॉल लगाए गए। मेले में 9 फूड स्टॉल लगाए गए थे जिनमें बल के विभिन्न कार्य क्षेत्रों के पारम्परकि खाद्य पदार्थ आम जनता के लिए लिए परोसे गए। मेले के दूसरे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रख्यात गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने अपने गीतों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। लोकसभा की अध्यक्षा श्रीमती सुमित्रा महाजन ने 11 नवम्बर, 2016 को संदीक्षा मेले का उद्घाटन किया था। इस तरह अगले साल मिलने के संदेश के साथ तीन दिवसीय ”संदीक्षा” मेला संपन्न हो गया।
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।