वाराणसी। भाइयों द्वारा पिता की बेइज्जती नागवार लगने पर दो सगी बहनों शबनम उर्फ नेहा (20) और सायरा (16) ने सोमवार की सुबह नौ बजे के करीब राजघाट स्थित मालवीय पुल से गंगा में छलांग लगा दी। पुल के नीचे गंगा में मौजूद मल्लाहों ने शबनम को तो बचा लिया जबकि सायरा का शव आठ घंटे बाद नदी से निकाला जा सका। रामनगर पुलिस ने शबनम से पूछताछ की। पुलिस के अनुसार बड़े भाई की डांट से क्षुब्ध होकर दोनों ने गंगा में छलांग लगाई थी। मुगलसराय थाना क्षेत्र के दुलहीपुर के सतपोखरी गांव निवासी वसीम सिद्दीकी मिठाई की दूकान है। सात संतानों में पांच पुत्रियां और दो पुत्र हैं। जिनमें शबनम और सायरा अविवाहित थी। वसीम की पत्नी की 13 साल पहले मौत हो चुकी है। उसके दोनों पुत्र बेरोजगार हैं। आसपास के लोगों की मानें तो रविवार की देर रात भाइयों के साथ पिता और पुत्रियों का किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। भाइयों ने पिता को काफी भला बुरा कहा था। दोनों बेटियों को पिता की यह बेइज्जती काफी नागवार गुजरी। सुबह दोनों घर से निकल गईं और राजघाट के मालवीय पुल से गंगा में कूद गईं। मल्लाहों ने उन्हें कूदते देखा तो नाव लेकर वहां पहुंचे और किसी तरह शबनम को निकाल लिया। पुलिस के मुताबिक शबनम से पूछताछ के बाद उन्होंने सतपोखरी के प्रधान हमीदुल्ला को सूचना दी। हमीदुल्ला उसके भाई और गांव वालों के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और शबनम को घर पहुंचाया। गोताखोरों ने सायरा का शव साढ़े आठ घंटे बाद शाम छह बजे करीब ढूंढ निकाला।
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