नई दिल्ली। भारत के औद्योगिक उत्पादन में लगातार दूसरे महीने गिरावट दर्ज की गई है। पिछले साल की तुलना में इस साल अगस्त में इसमें 0.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की खबर के अनुसार सोमवार को जारी हुए सरकारी डाटा में सामने आया कि खनन और निर्माण उत्पारदन में कमी रही। पिछले साल की तुलना में अगस्तह के महीने में खनन में 5.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुर्इ। वहीं निर्माण उत्पाीदन में 0.3 प्रतिशत की कमी रही। कमजोर निवेश को देखते हुए कैपिटल गुड्स निर्माण 22.2 प्रतिशत तक सिमट गया। हालांकि साल 2015 के अगस्त महीने की तुलना में इस साल कंज्यूटमर गुड्स में 1.1 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली। पिछले साल से सरकार ने जीडीपी की गणना के मैथड में बदलाव किया है और इसके बाद से औद्योगिक उत्पातदन के आंकड़े निराशाजनक रह रहे हैं।
नए मैथड में गुड्स और सर्विसेज में ग्रॉस वैल्यूल एडिशन को आंका जाता है जबकि पहले वॉल्यूआम बेस्डथ फैक्टरर के आधार पर गणना होती थी। वहीं देश में बेरोजगारों की संख्या भी बढ़ रही है। श्रम आयोग की रिपोर्ट के अनुसार देश की बेरोजगारी दर 2015-16 में पांच फीसद पर पहुंच गई, जो पांच साल का उच्च स्तर है। महिलाओं के मामले में बेरोजगारी दर उल्लेखनीय रूप से 8.7 फीसद के उच्च स्तर पर, जबकि पुरुषों के संदर्भ में यह 4.3 फीसद रही। यह आंकड़ा केंद्र की भाजपा शासित सरकार के लिए खतरे की घंटी हो सकती है, जिसने देश में समावेशी वृद्धि के लिए रोजगार सृजित करने को लेकर ‘मेक इन इंडिया’ जैसे कई कदम उठाए हैं। हालांकि सरकार विकास दर में बढ़ोत्तलरी की उम्मीइद कर रही है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया के अनुसार बेहतर मॉनसून, तेज सुधार और केंद्र में समय पर फैसले होने से भारत की आर्थिक वृद्धि दर इस वित्त वर्ष की आने वाली बाकी तिमाहियों में आठ फीसद से ऊपर होगी। पनगढ़िया ने कहा- मुझे पूरा विश्वास है कि यह (जीडीपी) आने वाली तिमाहियों के दौरान आठ फीसद के आंकड़े से ऊपर होगी। ऐसा इसलिए होगा कि सुधारों का भी प्रभाव होगा और मानसून भी बेहतर रहा है। हमें अभी तक इसका असर नहीं दिखा है। इससे पहले राजकाज संचालन के मामले में भी गंभीर मुद्दे थे। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) के दौरान खनन, निर्माण और कृषि क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन के कारण देश की आर्थिक वृद्धि दर छह तिमाहियों में सबसे कम 7.1 फीसद पर पहुंच गई।
- Blogger Comments
- Facebook Comments
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।