इलाहाबाद से राजीव रंजन तिवारी
कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरूवार को अपने पुरखों की धरती व पैतृक आवास आनन्द भवन से रोड शो शुरू किया। रोड शो देखने के लिए सड़कों के किनारे लोगों की भीड़ सुबह से लग गयी। वह सबसे पहले इलाहाबाद विश्वविद्यालय चौराहा पहुंचे और वहां छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मोदी नौजवानों को भूल चुके है और वह उनके साथ धोखा कर रहे है। राहुल गांधी का काफिला विश्वविद्यालय चौराहे से कटरा लक्ष्मी टाकीज चौराहे से नेतरात चौराहे पर पहुंचा जहां उन्होंने लोगों को सम्बोधित किया। इस दौरान लोगों का हुजूम लगा हुआ है। लोग उनके स्वागत करने के लिए आतुर हो चुके है। संगम की धरती पंडित जवाहर लाल नेहरू की कर्मभूमि मानी जाती है। कांग्रेसी पदाधिकारियों से लेकर कार्यकर्ताओं तक में राहुल गांधी के आगमन को लेकर काफी उत्साह है। रोड शो के दौरान हर कांग्रेसी नेता कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर अपना प्रभाव छोडना चाहता है। इसके लिए रोड शो के रूट पर कांग्रेसी पदाधिकारी से लेकर कार्यकर्ता तक ने अपनी होर्डिंग से लेकर बैनर, पोस्टर तक लगाए हैं। पूरा रूट बैनर, पोस्टर व होर्डिंग से कांग्रेसी रंग में रंगा नजर आ रहा है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अपने पुरखों के शहर बुधवार की शाम पहुंचे। उनका काफिला सीधे नेहरू-गांधी परिवार के पैतृक आवास स्वराज भवन पहुंचा। राहुल के पहुंचते ही पार्टी कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करके स्वागत किया।
अपने पुश्तैनी घर में रुके राहुल गांधी
इलाहबाद की एक पहचान नेहरू-गांधी खानदान से है और उस पहचान में सबसे अहम है 'आनंद भवन'. वो आनंद भवन जिसने नेहरू खानदान की विरासत को अपने में समेट रखा है. गांधी परिवार के चौथी पीढ़ी के राहुल गांधी ने 14 सितंबर की रात अपने उसी पुश्तैनी मकान में गुजारी जहां उनके खानदान की यादें जुड़ी हैं. देवरिया से दिल्ली तक की अपनी किसान यात्रा के क्रम में जब राहुल गांधी इलाहबाद पंहुचे तो उन्होंने एक रात आनंद भवन में गुजारी जो कभी कांग्रेस की राजनीति का केंद्र हुआ करती थी. राहुल गांधी, आनंद भवन के स्वराज भवन में रात भर रहे, ये स्वराज भवन आज भी गांधी परिवार के पास है और जिसमें ये परिवार ठहरता रहा है. इससे पहले 2012 में राहुल गांधी पहली बार यहां रुके थे जबकि सोनिया गांधी इलाहबाद में कई बार यहां रुक चुकी हैं. बुधवार देर रात राहुल गांधी यहां पंहुचे थे, गुरुवार सुबह इसी घर से निकलकर पहले चंद्रशेखर आज़ाद पार्क गए वहां चंद्रशेखर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और फिर वापस आनंद भवन आ गए. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को जिंदा करने की कोशिश में राहुल गांधी हर उस प्रतीक को जोड़ते दिख रहे हैं जो कभी कांग्रेसियों की पहचान हुआ करती थी. आनंद भवन यूं तो संग्रहालय में तब्दील किया जा चुका है जहां नेहरू से जुड़ी यादें संगृहीत हैं, एक हिस्से में कमला नेहरू के नाम से अस्पताल चलता है जो इसी परिवार के ट्रस्ट से चलता है. जबकि स्वराज भवन इस परिवार ने अपने लिए रखा है जो उनके गेस्ट हाउस के तौर पर इस्तेमाल होता है।
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