नई दिल्ली। पाकिस्तान में बलूचिस्तान की आजादी को लेकर चल रहे आंदोलन में दरार पड़ती दिख रही है। भारत में शरण मांग रहे ब्रह्मदघ बुगती के भतीजे ने कहा है कि जंग की स्थिति में पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत के खिलाफ लड़ेंगे। मार दिए गए बलोच ट्राइबल लीडर नवाब अकबर बुगती के पोते शाहजैन बुगती ने कहा कि अगर जंग होती है, तो उनके ट्राइबल लड़ाके पाकिस्तान आर्मी के साथ मिलकर भारत के खिलाफ जंग लड़ेंगे। जेनेवा में रह रहे ब्रह्मदघ बुगती के भतीजे शाहजैन ने जम्हूरी वतन पार्टी के सालाना कन्वेंशन को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। जम्हूरी वतन पार्टी का गठन शाहजैन के दादा ने किया था, उनका कहना था कि बुगती ट्राइब हमेशा पाकिस्तान की रक्षा में खड़ा होगा।
शाहजैन ने कहा, 'ब्रह्मदघ भारत या जेनेवा में रह सकते हैं। यह उनका निजी निर्णय है, लेकिन जहां तक पार्टी और मेरा सवाल है, तो हम हमेशा नवाब अकबर बुगती के पदचिन्हों पर चलेंगे।' उन्होंने कहा कि बंटवारे के वक्त उनके दादा ने पाकिस्तान का साथ चुना और उनकी पार्टी इसी रास्ते पर चलेगी। बुगती लड़ाके पहले भी पाकिस्तान के लिए लड़े हैं। कुछ भी बदला नहीं है। हमारी विचारधारा समान है। अगर आज भारत पाकिस्तान के साथ जंग शुरू करता है, तो हम पाकिस्तान की सीमाओं की रक्षा करेंगे। अगस्त 2006 में बलूचिस्तान के राष्ट्रवादी नेता नवाब अकबर बुगती के मिलिट्री ऑपरेशन में मारे जाने के बाद से उनके उत्तराधिकार को लेकर ब्रह्मदघ बुगती और शाहजैन के बीच लड़ाई रही है। नवाब अकबर के तीन पोते हैं। इनमें शाहजैन, ब्रह्मदघ और आली बुगती हैं। उत्तराधिकार की लड़ाई में शाहजैन और ब्रह्मदघ ने आली बुगती को उनका उत्तराधिकारी मानने से इंकार कर दिया है।
बता दें कि अकबर बुगती ने अपने जीवनकाल में ही ब्रह्मदघ को अपना उत्तराधिकारी घोषित करने का निर्णय ले लिया था, लेकिन कई सारे बलोच ट्राइबल नेताओं ने इसका विरोध किया। हालांकि नवाब अकबर बुगती ने ब्रह्मदघ को राजनीतिक उत्तराधिकारी, जबकि मीर आली को ट्राइबल उत्तराधिकारी के रूप में सांकेतिक रूप से घोषित किया था। स्विटरजरलैंड में रह रहे ब्रह्मदघ बुगती ने राजनीतिक शरण के लिए मंगलवार को भारतीय दूतावास से संपर्क किया। बुगती का आवेदन नई दिल्ली में गृह मंत्रालय को मिल गया है और इसकी जांच की जा रही है। बीते 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाल किले की प्राचीर से जिक्र किए जाने के बाद बलूचिस्तान लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। (साभार अमर उजाला)
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