वाराणसी। उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र से अपनी पार्टी का बिगुल फूंकते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यहां एक बड़ा रोड शो किया। सर्किट हाउस से इंग्लिशिया लाइन तक आठ किलोमीटर लंबे रोड शो में कांग्रेस के हजारों समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। सर्किट हाउस में सोनिया गांधी ने बीआर अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मार्च की शुरूआत की और इस पवित्र शहर की गलियों और संकरे मार्गों से सफर तय किया। सोनिया शुरू में कार में सफर कर रही थीं लेकिन बाद में एक वाहन में सवार हुईं, जिसकी छत खुली हुई थी और उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ नारे लगाती हुई जनता का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। वह मुस्लिम महिलाओं के समूह सहित समर्थकों का अभिवादन स्वीकार करने के लिए कई बार वाहन से बाहर निकलीं। रोड शो कई इलाके से गुजरा और सोनिया और उनके काफिले पर आसपास के भवनों से गुलाब के फूल की वर्षा की गई। कई मिनी ट्रक पर पोस्टर पर नारे लगे थे 27 साल, यूपी बेहाल। सैकड़ों कार्यकर्ताओं के हाथों में यही नारे लिखी हुई तख्तियां थीं। पार्टी के मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित, कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद, राज्य पार्टी के प्रमुख राज बब्बर और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी तथा संजय सिंह भी सोनिया गांधी के साथ थे। इससे पहले मोदी के संसदीय क्षेत्र में दिन भर के कार्यक्रम के लिए यहां सोनिया पहुंचीं और हवाई अड्डे से शहर के मध्य तक सैकड़ों मोटरसाकिल सवार कार्यकर्ताओं ने पार्टी का झंडा लहराकर उनका स्वागत किया। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद सोनिया की यह पहली वाराणसी यात्रा है। सोनिया शाम को काशी विश्वनाथ मंदिर का दौरा कर वहां प्रार्थना करेंगी। कांग्रेस ने वाराणसी में विकास की कमी को उजागर करने के लिए दर्द-ए- बनारस अभियान की शुरूआत की है जहां से मोदी सांसद हैं। कांग्रेस 27 वर्षों से उत्तरप्रदेश की सत्ता से बाहर है और वह 27 साल, यूपी बेहाल के नारे के साथ दर्शा रही है कि राज्य की स्थिति बद से बदतर हो गई है। पूर्वी उत्तरप्रदेश में वाराणसी मुख्य स्थान है। राज्य के 403 विधानसभा क्षेत्रों में से 160 पूर्वी उत्तरप्रदेश में पड़ते हैं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने केवल दो सीटें अमेठी और रायबरेली पर जीत दर्ज की थी जबकि भाजपा और इसकी सहयोगी अपना दल को 80 में से 73 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव का असर 2019 के लोकसभा चुनाव पर भी होगा। विधानसभा चुनावों में सहायता के लिए यूपीसीसी ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का सहयोग लिया है। किशोर ने लोकसभा चुनावों में मोदी के लिए चुनावी रणनीति बनाई थी और फिर बिहार विधानसभा चुनावों में उन्होंने नीतीश कुमार के लिए रणनीति बनाई।
तबीयत बिगड़ने से रोड शो रुका
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का रोड शो अस्वस्थता के कारण बीच रास्ते में ही रोकना पड़ा। रोड शो के समापन स्थल इंग्लिशियालाइन से लगभग डेढ़ किलोमीटर पहले लहुराबीर चौराहे के निकट एक होटल में उन्हें विश्राम के लिए ले जाया गया। जहां डाक्टरों की टीम ने उनका परीक्षण किया। इसके लगभग सवा घंटे बाद सोनिया गांधी सीधे बाबतपुर एयरपोर्ट चली गई लेकिन वहां पहुंचते ही उन्हें तेज ठंड और बुखार की शिकायत हुई। आनन-फानन में उन्हें विशिष्ट कक्ष में विश्राम के लिए ले जाया गया और कंबल का इंतजाम हुआ। चिकित्सकों की सलाह और दिल्ली से विशेषज्ञों की क्लियरेंस मिलने के बाद सोनिया गांधी को उनके विशेष एयरक्राफ्ट से ही दिल्ली रवाना कर दिया गया। उनके साथ सीएमओ वीबी सिंह और कार्डियोलोजिस्ट ओपी तिवारी के साथ डॉक्टरों की टीम भी गई है। कांग्रेसियों के अनुसार राहुल और प्रियंका वाराणसी आने के लिए दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुच गए हैं। वहां तीन एयरक्राफ्ट भी तैयार खड़े हैं। वहां एयर एम्बुलेंस भी तैयार है। वाराणसी एयरपोर्ट पर भी हवाई अड्डे के निकट के प्रमुख अस्पताल शुभम अस्पताल से एम्बुलेंस पहुंच चुकी है। सरकारी डॉक्टरों की टीम ने पुन: परीक्षण किया। वाराणसी शहर से जरूरी दवाएं मंगाई गईं। बीएचयू के डॉक्टरों की टीम भी एयरपोर्ट भेजी गयी। बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल समेत शहर के प्रमुख हॉस्पिटल को एलर्ट कर दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोनिया के स्वास्थ्य की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण को जरूरी व्यवस्था की खुद मानीटरिंग करने का निर्देश दिया।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी कई दिनों से वायरल से पीड़ित थीं। चूंकि कई दिन पहले रोड शो का कार्यक्रम तय था इसलिए वह अपनी अस्वस्थता को नजरअंदाज कर बनारस चली आईं। रोड शो के दौरान उन्होंने अपने वाहन में कई बार दवा खाई और जूस पीया। तकरीबन तीन घंटे के सफर के दौरान लगातार तीखी धूप से उनकी दिक्कत और बढ़ गई। लहुराबीर पहुंचते-पहुंचते उन्हें ज्यादा बेचैनी हुई तो पास के एक होटल में विश्राम के लिए ले जाया गया। बताया जाता है कि डॉक्टरों की जांच में बुखार के साथ ही रक्तचाप संबंधी विकार सामने आया। तकरीबन सवा घंटे इंतजार के बाद भी जब तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो आगे का रोड शो रद करने का निर्णय किया गया। साथ ही सोनिया गांधी को दिल्ली ले जाने के लिए उनकी गाड़ी बाबतपुर रवाना हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार रोड शो शुरू होने के बाद सांस लेने में दिक्कत के कारण सोनिया बार-बार गाड़ी के अंदर जा रही थीं और गाड़ी बदल रही थी। दोषीपुरा से आगे बढ़ने पर उन्होंने गाड़ी बदली और अनु टंडन, शीला दीक्षित वाली गाड़ी में गई। अनु टंडन ने उन्हें कुछ दवा और ग्लूकोज दिया। इसी तरह रास्ते में दो बार उन्होंने गाड़ी बदली और बार-बार गाड़ी के अंदर जाती। इस बीच अनु टंडन उन्हें कुछ न कुछ खाने के लिए दे रही थी, साथ में दवाएं भी। जब वह लहुराबीर चौराहे से सौ कदम आगे बढ़ी तो उनकी गाड़ी रुकी और एसपीजी वाले होटल मॉडर्न मिड टाउन में गए। थोड़ी देर में सोनिया गांधी, शीला दीक्षित, अनु टंडन के साथ शाम सवा पांच बजे होटल के अंदर चली गई। लोगों ने सोचा कि ट्वायलेट के लिए गई थी। काफी देर बाद नहीं लौटी तो गुलाम नबी आजाद और राजबब्बर उतरे। इसी बीच महानगर अध्यक्ष सीताराम केशरी को बुलाया गया और उन्होंने आईएमए के डॉक्टरों से संपर्क किया। थोड़ी देर में डॉ. ओपी तिवारी, घनश्याम श्रीवास्तव वहां पहुंचे और चेकअप शुरू किया। बाहर लोगों की उत्सुकता बढ़ रही थी और अंदर डॉक्टर चेकअप कर रहे थे। डॉक्टरों के सामने भी सोनिया गांधी बोल नहीं पा रही थी।
इसी बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को लखनऊ में जानकारी मिली तो उन्होंने तत्काल कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण को होटल में जाकर जरूरी व्यवस्था करने को कहा। कमिश्नर ने सीएमओ और डाक्टरों की टीम मौके पर भेजी और खुद सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे। उधर एंबुलेंस और आईसीयू आदि की व्यवस्था भी पूरी कर ली गई। इस बीच विधायक अजय राय बुलाए गए। उन्होंने अन्य नेताओं के साथ अंदर जाकर वार्ता की। लगभग एक घंटे बाद गुलाम नबी आजाद, राजबब्बर फिर शीला दीक्षित समेत अन्य नेता इंग्लिशियालाइन रवाना हो गए। अंतत: छह बजकर 45 मिनट पर सोनिया गांधी होटल से बाहर निकली और सीधे एयरपोर्ट रवाना हो गई। एयरपोर्ट के सीआईपी लाउंज में चार डॉक्टरों की टीम पहले से मौजूद थी। यहां चेकअप और इलाज के बीच ही डॉ. अशोक सिंह और डॉ. अंशु सिंह को भी बुलाया गया। शाम सात बजे सोनिया गांधी को वापस जाना था लेकिन अस्वस्थता के कारण रात साढ़े आठ बजे तक वह एयरपोर्ट पर ही रही। उन्हें ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा है। इस बीच खबर है कि सोनिया गांधी को दिल्ली ले जाने के लिए एयर एंबुलेंस बुलाई गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का इंग्लिशियालाइन जाने का कार्यक्रम रद होने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में निराशा रही। यहां वह उन्हें संबोधित करने वाली थीं। अपनी नेता के आने का कांग्रेसी घंटों इंतजार करते रहे। बाद में प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर, शीला दीक्षित, प्रमोद तिवारी, संजय सिंह और राजेशपति त्रिपाठी ने वहां पहुंचकर पं. कमलापति त्रिपाठी की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाये। इसी बीच बताया गया कि सोनिया अस्वस्थ हो गयी हैं और लहुराबीर स्थित एक होटल में डॉक्टर उनके इलाज में जुटे हैं।कुछ देर बाद प्रदेश प्रवक्ता प्रो. सतीश राय ने कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा कर दी।
तीन घंटे में नौ किमी, सोनिया के धीरज को सभी ने सराहा
यूपी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी में जान फूंकने वाराणसी से रोड शो शुरू करने वाली सोनिया गांधी के धीरज और क्षमता की सभी ने सराहना की। 69 बरस की सोनिया की स्फूर्ति ने कार्यकर्ताओं में जोश तो भरा ही, उन्हें करीब से देखने वालों ने भी दांतों तले उंगली दबा ली। 1.50 बजे सर्किट हाउस से सोनिया का काफिला निकला तो वह गाड़ी में बैठी थीं। कुछ दूर बढ़ते ही जनता का उत्साह देखकर वह गाड़ी से निकल आईं और गेट पर खड़ी हो गईं। इसके बाद चारों तरफ जनता का अभिवादन और धन्यवाद का क्रम चलता रहा। गाड़ी के गेट पर खड़े होने में उन्हें बीच-बीच में परेशानी भी हुई मगर जनता के उत्साह को देखकर वह खड़ी रहीं। पहले गाड़ी बदलने से मना करने वाली एसपीजी ने उनकी परेशानी देखकर गोलगड्डा पर गाड़ी बदलने की अनुमति दी। यहां से सोनिया दूसरी गाड़ी में सवार हुईं। भीषण गर्मी और उमस के बावजूद वह पूरे रोड शो के दौरान जनता के अभिवादनों का जवाब पूरी गर्मजोशी से देती रहीं। तीन घंटे के रोड शो और लगभग नौ किमी के सफर के अंत में उनकी तबीयत भी बिगड़ी मगर उससे पहले तक उन्होंने अस्वस्थता को चेहरे पर आने नहीं दिया। शहर के लोगों के लिए इस दिग्गज नेता की कर्मठता एक नए उदाहरण के रूप में सामने आई है। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर सोनिया गांधी के जल्द स्वास्थ्य होने की कामना की है.
यूपी चुनाव में ‘चमत्कार’ करेगी कांग्रेसः राज बब्बर
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख राज बब्बर ने मंगलवार को आशा जताई कि राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी के पक्ष में 'चमत्कार' होगा। बब्बर ने यह बात कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में आयोजित रोड शो के दौरान कही। सोनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र से अपने चुनावी अभियान की शुरुआत की है। राज बब्बर ने कहा, 'उत्तर प्रदेश की जनता ने हमेशा आश्चर्यचकित किया है। फिर बात 2004 की हो, 2007 की हो, 2012 की हो या फिर 2017. इस बार वे कांग्रेस के पक्ष में चमत्कार करने वाले हैं।' यह पूछे जाने पर कि क्या रोड शो और अन्य कार्यक्रम कांग्रेस की मदद कर पाएंगे, उन्होंने कहा, 'आश्वस्त रहिए, हम जनता के बीच हैं। सोनिया यहां इस पवित्र श्रावण मास में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने और उनका आर्शीवाद लेने आई हैं।' बता दें कि पिछले कुछ दिनों में पार्टी का यह तीसरा बड़ा कार्यक्रम है। इससे पहले '27 साल यूपी बेहाल' दिल्ली कानपुर बस यात्रा और लखनऊ में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ राहुल गांधी का संवाद सत्र आयोजित किया जा चुका है।
अखाड़े में पांव रखते ही हुए बीमार, कैसे होगी नैया पार?
ऐसा लगता है जैसे कांग्रेस के नेताओं को उत्त्र प्रदेश में चुनाव प्रचार करते वक्त मेडिकल टीम साथ में लेकर चलनी होगी। अब तक कांग्रेस ने दो बड़े नेताओं को यूपी के चुनावी समर में पार्टी का ग्राफ उठाने की कोशिश में उतारा है, मगर दोनों को ही खराब तबियत की वजह से मैदान छोड़ना पड़ा। ताजा मामला कांग्रेस अध्येक्ष सोनिया गांधी का है। खराब सेहत के चलते कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को वाराणसी में रोडशो बीच में ही छोड़ना पड़ा। तेज बुखार की शिकायत के बाद सोनिया ने अपनी वाराणसी यात्रा को बीच में ही छोड़ने का फैसला किया और डॉक्टीर की सलाह पर दिल्ली् का रुख किया है। दिलचस्प बात यह है कि उत्तडर प्रदेश में चुनाव प्रचार की शुरुआत यहीं से होनी थी, मगर रोडशो बीच में ही रद होने से ऐसा नहीं हो सका। इससे पहले उत्तर प्रदेश में मुख्यीमंत्री पद की कांग्रेस उम्मींदवार शीला दीक्षित को भी खराब तबियत के चलते अपनी चुनावी बस यात्रा बीच में ही छोड़नी पड़ी थी। 23 जुलाई को विधानसभा चुनाव के लिए अभियान की शुरुआत करते हुए शीला दीक्षित, महासचिव गुलाम नबी आजाद समेत कई बड़े नेता तीन दिवसीय बस यात्रा पर रवाना हुए। लेकिन रास्तेु में ही दीक्षित को बुखार आ गया, जिसकी वजह से उन्हें यात्रा छोड़कर बीच में ही लौटना पड़ा। कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी ने पार्टी मुख्यालय पर झंडा दिखाकर इस यात्रा की शुरुआत की थी।
सोनिया गांधी 69 साल की हो चुकी हैं और शीला दीक्षित 78 साल की, ऐसे में उनके लिए राजनैतिक रूप से सक्रिय रह पाना संभव नहीं हो पाता। सोनिया गांधी सिर्फ चुनाव के दौरान ही रैलियों को संबाेधित करती नजर आती हैं। पिछले साल वे अमेरिका में इलाज कराने भी गई थीं, हालांकि उन्हेंत बीमारी क्या थी, इसका खुलासा कांग्रेस की तरफ से नहीं किया गया था। शीला दीक्षित की तीन साल पहले एंजियोप्लास्टीय हुई है, ऐसे में वे यूपी चुनाव में कितनी सक्रियता दिखाएंगी, यह देखने वाली बात होगी। वाराणसी से सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोनिया के जल्दी ठीक होने की कामना की है। उन्होंाने ट्वीट कर कहा, ”आज वाराणसी यात्रा के दौरान सोनिया जी के बीमार होने का पता चला। मैं उनके शीघ्र स्वंस्थ होने और अच्छी सेहत की कामना करता हूं।” सोनिया की सेहत के बारे में पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने बताया कि सोनिया पूरी तरह ठीक हैं। बस उन्हें जरा थकान महसूस हो रही थी। उन्हों ने कहा, ”सोनिया जी पूरी तरह ठीक हैं, वह थोड़ी थकान महसूस कर रही हैं। वह जल्द ही पूरी तरह ठीक हो जाएंगे और मोदी सरकार के खात्मात करेंगी।”
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