पटना। तीन सांसदों और दो विधायकों वाली राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) दो फाड़ हो गई। केंद्रीय मानव संसाधन विकास रायमंत्री उपेंद्र कुशवाहा गुट द्वारा प्रदेश अध्यक्ष पद से बर्खास्त किए गए सांसद डॉ.अरुण कुमार के गुट ने पार्टी की राष्ट्रीय समिति व राय परिषद का विशेष महाधिवेशन बुलाकर उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया है। पटना के एसके मेमोरियल हॉल में आयोजित इस विशेष महाधिवेशन में डॉ. अरुण कुमार को सर्वसम्मति से रालोसपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किया गया। उधर सांसद रामकुमार शर्मा ने पार्टी से निष्कासित कुछ लोगों द्वारा सांसद अरुण कुमार को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किए जाने को गंभीर अनुशासनहीनता करार दिया है।
रामकुमार शर्मा ने बताया कि उन्होंने इस मामले में उपेंद्र कुशवाहा को एक फैक्स संदेश भेजकर अरुण कुमार को पार्टी से निलंबित करने की अनुशंसा की है। वहीं रालोसपा के मुख्य प्रवक्ता ई. शंभुनाथ सिन्हा ने इसे अरुण कुमार की हताशा का परिचायक बताया है। अरुण कुमार गुट के नेताओं ने दावा किया कि रालोसपा की राष्ट्रीय कार्य परिषद के कुल 56 में से 34 सदस्यों ने उपेंद्र कुशवाहा को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से बर्खास्त करने तथा डॉ. अरुण कुमार को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत करने के फैसले पर अपनी मुहर लगा दी। इस फैसले के बाद रालोसपा के नव मनोनीत राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण कुमार ने कहा कि आगामी नवंबर तक पंचायत से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक रालोसपा के सांगठनिक चुनाव संपन्न करा लिए जाएंगे। अरुण कुमार ने विशेष महाधिवेशन के मंच से ही उन सभी पार्टी पदाधिकारियों को एक बार फिर से पार्टी में शामिल करने की घोषणा की, जिन्हें पिछले दिनों कुशवाहा गुट ने पार्टी से बर्खास्त कर दिया था।
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