सहारनपुर। प्रदेश सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं व अति कुपोषित बच्चों के लिए चलाई गई अति महत्वाकांक्षी हौसला पोषण योजना का शुभारम्भ जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा त्रिपाठी की देखरेख व निर्देशन में पूरे हौसले के साथ हुई। इसके अंतर्गत जिले के कई स्थानों पर एक साथ गर्भवती महिलाओं व कुपोषित बच्चों को सोयाबीन युक्त सब्जी, रोटी, फल, बिस्कुट, व देशी घी के साथ मिठा दलियां परोसकर योजना का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा त्रिपाठी ने कहा कि हमें साफ सफाई की ओर विशेष ध्यान देना चाहिये। गंदगी से बिमारियां फैलती है। बच्चों की सही तरह से देखभाल व शुद्ध भोजन के अभाव में बच्चें कुपोषित हो जाते हैं। कोई भी बच्चा या गर्भवती महिला कुपोषण का शिकार न हो इसलिये सरकार नें यह महत्वाकांक्षी हौसला पोषण योजना का शुभारम्भ किया है। इसके अंतर्गत माह में 25 दिन गर्भवती महिलाओं व कुपोषित बच्चों को दैनिक रुप से मानकों व मैन्यू के अनुसार गर्म पकाया हुआ पोषित भोजन दिया जायेगा। योजना के अन्तर्गत पोषित भोजन के साथ साथ प्रति बच्चे को 20 ग्राम देशी घी मौसमी फल आदि दिया जायेगा, साथ ही समय समय पर उनके स्वास्थ्य की जांच भी कराई जायेगी।
गौरतलब है कि जनपद में बुधवार से हौसला पोषण योजना लागू किया जाना था। ग्रामीण इलाकों के 2229 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पहले दिन गर्भवती महिलाओं को तहरी, दही और केला दिया गया। सात माह से तीन वर्ष तक के अतिकुपोषित बच्चों को हलवा और केला दिया गया। तीन से लेकर छह साल तक के बच्चों को बिस्किट अथवा मुरमुरा या चना लाई दिया गया। इन्हें रोजाना 20 ग्राम घी दिया जाएगा। ऐसे बच्चों की माताओं को आधा किलोग्राम घी का पैकेट एक ही बार दे दिया जाएगा। मीनू के अनुसार भोजन बनवाने की जिम्मेदारी प्रधान की होगी। योजना के लिए लाभार्थियों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। पहले में सात महीने से तीन साल तक के अतिकुपोषित बच्चों को रखा गया है। दूसरी श्रेणी वाले तीन साल से 6 साल तक के अतिकुपोषित बच्चों को रख गया है। अति कुपोषित बच्चों में अधिकतम 70 प्रतिशत बच्चों को रोजाना 20 ग्राम घी देना है। इसी प्रकार गर्भवती महिलाओं में 40 प्रतिशत को पौष्टिक आहार के साथ दही दी जाएगी, यह भी सप्ताह में केवल तीन दिन ही। अतिकुपोषित बच्चों को पौष्टिक आहार के लिए प्रतिदिन 13 रुपये और गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन18 रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
रियलिटी चेक में खुली योजना की पोल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सपा सरकार की ओर से यूपी में गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों के लिए हाल ही में शुरू की गई हौसला पोषण योजना शुरुआती दिनों में दम तोड़ती नजर आ रही है। यूपी के कई जिलों में ग्राउंड जीरो पर इस योजना का रियलिटी चेक किया गया जहां योजना की सच्चाई सामने आई। फिरोजाबाद में 25 जुलाई 2016 को जिलाधिकारी ने ही कई गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चो को भोजन करवा कर उत्तर प्रदेश सरकार की इस योजना का शुभारम्भ किया था लेकिन रियलिटी चेक में पाया गया कि सरकारी लापरवाही की वजह से गर्भवती ग्रामीण महिलाओं और कुपोषित बच्चों को भोजन ही नहीं मिल रहा है। कई आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने बताया की इस योजना के शुरू के दो दिन में तो उन्होंने अपने खर्चे से गर्भवती महिलाओं को भोजन कराया लेकिन उनके बैंक खाते में इस योजना के तहत पैसा ही नहीं आया। ऐसी स्थिति में भोजन कहा से कराया जाए। कई आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का तो ये भी कहना था कि स्थानीय प्रशासन ने अभी तक उनके खाते ही नहीं खुलवाये हैं। यूपी के फतेहपुर जिले में रियलिटी चेक के दौरान आंगनबाड़ी का जायजा लेने पर सामने आया कि अधिकांश केंद्र बंद मिले और जहां पर चालू हालत में दिखे वहां पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नदारद मिली। सहायक के रूप में कार्यरत मौके पर मौजूद बच्चों की देखभाल करने वाली बुजुर्ग महिला को योजना की कोई जानकारी नहीं थी। सबसे बड़ी बात यह है की विभाग की ओर से जबरदस्त प्रचार प्रसार के बावजूद इस योजना के बारे में ग्राम प्रधान और आंगनबाड़ी कर्मचारी अनजान दिखे। हालांकि फतेहपुर के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्रामिंग ऑफिसर ने बताया की 'जिले में यह योजना तीन अगस्त से चालू की गई है। इसे जिले के 2907 केंद्रों में से 2616 केन्द्रों में चालू किया गया है। इस योजना के लिए 3 करोड़ 80 लाख रुपया शासन से मिला है जो कुपोषित बच्चों के लिए एक करोड़ 56 लाख और गर्भवती महिलाओं के लिए दो करोड़ 24 लाख के तौर पर दिया गया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की महत्वाकांक्षी हौसला पोषण योजना जनपद एटा और महाराजगंज में भी शुरुआती दौर में ही दम तोड़ती नजर आ रही है। जहां एटा में आंगनबाड़ी कर्मियों ने परेशानियों का रोना रोया वहीं महाराजगंज में ये योजना सिर्फ कागजों तक सिमटी हुई है। यही हाल बहराइच, जौनपुर और हाथरस का भी है। उधर, सूत्रों का कहना है कि हौसला पोषण योजना के सफल संचालन में सहारनपुर की स्थिति काफी अच्छी बताई गई है। कहा जा रहा है कि जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा त्रिपाठी की जागरूकता व सक्रियता से योजना का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है।
सीएम ने किया था ‘हौसला पोषण योजना’ का शुभारम्भ
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 15 जुलाई कौ श्रावस्ती जिले के विकासखण्ड सिरसिया अन्तर्गत ढाठूपुरवा मोतीपुरकला पहुँचकर ‘हौसला पोषण योजना’ का शुभारम्भ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 56 योजनाओं का लोकार्पण और 69 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया। हौसला पोषण योजना के अन्तर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं को एक समय के पौष्टिक भोजन के साथ सप्ताह में तीन दिन दूध के साथ हर दिन फल दिये जायेंगे। जिससे गर्भवती महिलाएं खुद और बच्चे को स्वस्थ रख सकें, जिससे कुपोषण को दूर किया जा सके। इस योजना में महिलाओं को प्रसव के छह महीने बाद तक भोजन दिया जायेगा। इसके साथ ही छः साल तक के अति कुपोषित बच्चों को भी भोजन दिया जायेगा। इस मौके पर राज्य पोषण मिशन के महानिदेशक कामरान रिजवी, निदेशक तकनीकी अमिताभ प्रकाश, आइसीडीएस के निदेशक आनंद कुमार सिंह, मंडलायुक्त सुधीर कुमार दीक्षित, पुलिस उपमहानिदेशक जितेंद्र प्रताप सिंह समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
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