पुणे। विवादास्पद जाकिर नाइक को शांति दूत करार देते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार (15 जुलाई) को कहा कि वह इस्लाम का सही अर्थ और उद्देश्य का प्रचार कर रहे हैं जबकि भाजपा इस्लाम को आतंकवाद से जोड़कर पेश कर रही है। सिंह ने कहा कि यदि नाइक भड़काऊ उपदेश देने के आरोपी हैं तो साक्षी महाराज, योगी आदित्यनाथ, साध्वी प्राची जैसे भाजपा नेताओं पर भावनाएं भड़काने को लेकर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है। इस्लाम के प्रचार के लिए पीस टीवी नेटवर्क चलने वाले मुम्बई के टीवी उपदेशक नाइक पर ढाका के हमलावरों में एक के यह कहने के बाद कि उसने नाइक के उपदेशों से प्रेरणा ली, विभिन्न एजेंसियों की नजर गड़ गई है। सिंह ने कहा, ‘मुझे 2012 में शांति सम्मेलन में आमंत्रित किया गया था जहां मैंने डॉ. नाइक के साथ मंच साझा किया था। उनका पूरा भाषण सांप्रदायिक सद्भाव और कैसे इस्लाम आतंकवाद के खिलाफ है, पर आधारित था। उन्होंने शांति का संदेश दिया।’
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘लोगों में इस्लाम के सही अर्थ और उद्देश्य का प्रचार कर डॉ. नाइक शांति के दूत के रूप में काम कर रहे हैं और यह भाजपा ही है जो इस्लाम को आतंकवाद से जोड़ रही है।’ पंधरपुर के भगवान विट्ठल मंदिर से लौट रहे सिंह ने नई दिल्ली रवाना होने से पहले यहां संवाददाताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘यदि नाइक इतने ही खतरनाक हैं तो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, जो कभी खुफिया ब्यूरो के निदेशक थे, उनके भाषणों के बारे में क्यों नहीं जानते।’ उन्होंने सवाल किया, ‘यदि वह इतने खतरनाक हैं और उनके भाषण उत्तेजक हैं जो आतंकवादियों को उकसा रहे हैं तो पिछले दो सालों में राज्य में भाजपा सरकार ने उनके खिलाफ कोई मामला क्यों नहीं दर्ज किया जबकि उनके सभी भाषण यू-ट्यूब पर उपलब्ध हैं?’
ज़ाकिर नाइक बोले, बीस करोड़ लोग मुझे देखते हैं
इस्लाम के बारे में पिछले 20 सालों में दुनियाभर में 2,000 से ज़्यादा भाषण दे चुके डॉ. ज़ाकिर नाइक का दावा है कि दुनियाभर में सोशल मीडिया, अपने टीवी चैनल, पीस टीवी और रिकॉर्डिड सीडी के ज़रिए वो 20 करोड़ लोगों तक पहुंच रखते हैं. मुंबई में स्काइप के ज़रिए प्रेस वार्ता करते हुए उन्होंने दावा किया, “भारत में पीस टीवी प्रसारित नहीं किया जाता, पर कुछ निजी केबल ऑपरेटरों के माध्यम से हमारी रिकॉर्डिड सीडी, डीवीडी लोगों तक पहुंच जाती है.” जनवरी 2006 में डॉ. नाइक ने ‘पीस टीवी’ नाम के धार्मिक नेटवर्क की शुरुआत की जिस पर उनके भाषण और इस्लाम पर लोगों के सवालों के जवाब देनेवाले प्रोग्राम दिखाए जाते हैं. उनका दावा है कि 10 करोड़ लोग अंग्रेज़ी के पीस टीवी चैनल को देखते हैं जिसमें से एक चौथाई इस्लाम धर्म से नहीं हैं. डॉ. नाइक के मुताबिक पीस टीवी दुनिया का सबसे बड़ा इस्लामी और धार्मिक चैनल है जो 200 देशों में प्रसारित होता है. पीस टीवी साल 2009 में उर्दू, 2011 में बांग्ला और 2015 में चाइनीज़ भी शुरू किया जा चुका है. पिछले हफ़्ते बांग्लादेश में चरमपंथी हमलावरों के डॉ. नाइक के भाषणों से प्रेरित होने के आरोपों के सामने आने के बाद पीस टीवी वहां बैन कर दिया गया है. ये नेटवर्क ‘इस्लामिक रिसर्च फ़ाउंडेशन’ नाम का ग़ैर सरकारी संगठन चलाता है जिसे फरवरी 1991 में डॉ. नाइक ने ही शुरू किया. मुंबई में रेजिस्टर्ड इस फाउंडेशन की वेबसाइट के मुताबिक ये “अंतरराष्ट्रीय सेटेलाइट, टीवी चैनल, इंटरनेट औऱ प्रिंट मीडिया के ज़रिए इस्लाम के बारे में जानकारी फैलाती है.” फाउंडेशन मुंबई में ही ‘इस्लामिक इंटरनेशनल स्कूल’ चलाता है जहां विज्ञान, भूगोल, गणित जैसे विषयों के साथ-साथ क़ुरान, हदीस और अरबी भाषा भी पढ़ाई जाती है. डॉ. नाइक ने अपने भाषण और सोच को लोगों तक पहुंचाने में सोशल मीडिया का काफ़ी इस्तेमाल किया है. इस व़क्त फ़ाउंडेशन के फेसबुक पन्ने को 62 लाख से भी ज़्यादा लोगों लाइक कर चुके हैं. बाबा रामदेव के फेसबुक पन्ने को 68 लाख लाइक्स हैं. यू ट्यूब पर उनके नाम से चैनल है जिसे 2,70,000 से ज़्यादा लोगों ने सबस्क्राइब किया है. साल 2015 में सऊदी अरब के शाह की ओर से ‘किंग फ़ैसल इंटरनेश्नल प्राइज़’ दिए जाने के अलावा डॉ. नाइक को संयुक्त अरब अमिरात, दुबई, मलेशिया, शारजाह और गैम्बिया के शीर्ष सम्मान भी दिए गए हैं. पिछले पांच सालों में उनका नाम भारत और दुनिया के सबसे प्रभावशाली मुसलमानों की मीडिया, अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय और धार्मिक थिंकटैंक की अलग-अलग सूचियों में आता रहा है.
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