



इमरान मसूद का कद बढ़ा
कांग्रेस ने यूपी विधानसभा चुनाव के तहत जिन चार लोगों को प्रदेश का उपाध्यछक्ष बनाया है, उनमें 45-वर्षीय विवादास्पेद नेता इमरान मसूद भी हैं। मसूद ने 2014 लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान तब बीजेपी की तरफ से पीएम पद के उम्मीददवार 'नरेंद्र मोदी के बोटी-बोटी टुकड़े करने' संबंधी विवादित बयान दिया था। मार्च, 2014 में इस भड़काऊ भाषण देने के लिए उनको जेल भी भेजा गया था। इमरान मसूद ने पिछला लोकसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन हार गए थे। मंगलवार को गुलाम नबी आजाद ने मसूद का बचाव करते हुए कहा कि बीजेपी अपने भड़काऊ भाषण देने वालों की चिंता करे। मसूद के बयान को गलत तरीके से पेश किया गया था। यहीं नहीं अपने बयान के लिए उन्हों ने माफी भी मांग ली थी। इस पर बीजेपी के संबित पात्रा ने ट्वीट करते हुए कहा, 'बोटी-बोटी की बात कहने वाले उत्तेर प्रदेश के इमरान मसूद को पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी का उपाध्यटक्ष बनाया जाना कांग्रेस की सोच को दर्शाता है।'
नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया-राहुल को मिली राहत
नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को उस वक्त झटका लगा जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी एक याचिका खारिज कर दी थी। लेकिन दिल्लील हाईकोर्ट ने इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले को पूरा पलट दिया है। कोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी के सेक्शेन 91 के तहत दूसरे पक्ष की बातों को बिना सुने कोई भी फैसला नहीं लिया जा सकता। कोर्ट के इस फैसले से सोनिया गांधी और राहुल गांधी को काफी राहत महसूस हुई। गौरतलब है कि सुब्रमण्यसम स्वा मी ने आरोप लगाया था कि गांधी फैमिली हेराल्ड की प्रापर्टी का गलत इस्तेमाल कर रही है। सुब्रमण्यमम स्वाीमी ने इस मामले को लेकर ही कोर्ट में अर्जी लगाई थी। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, हाई कोर्ट ने पटियाला कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने आगे कहा कि मामले में बीजेपी नेता सुब्रमण्यीम स्वा्मी ने जिस साधारण तरीके से अर्जी लगाई थी उसी के मुताबिक कोर्ट द्वारा आदेश दे दिए गए थे। पटियाला हाउस कोर्ट ने इस मामले में स्वामी की दलीले सुनने के बाद ही अपना फैसला सुनाया था। स्वामी का कहना है कि उसके द्वारा लगाई गई अर्जी सही है। तो वही रिपोर्ट के मुताबिक, हाई कोर्ट के फैसले पर सुब्रमण्य।म स्वाममी का कहना है कि वह कोर्ट सारे कागजात लेकर दोबारा पटियाला हाउस जाएंगे। तो वही इस मामले पर कोर्ट का कहना है कि सुब्रमण्यलम स्वायमी ने दावा किया था कि मामले में कागजात की जरूरत है, लेकिन वह यह समझाने में असफल थे कि आखिर ट्रायल में कागजात की जरूरत किस लिए है। फिर से इस आदेश के खिलाफ सुब्रमण्यआम स्वाकमी अपील कर सकते हैं। गौरतलब है कि कोर्ट ने 20 फरवरी को डीडीए सहित अन्य विभागों से इस मामले से जुड़े कागजात मंगवाया था। जिनको फिलहाल सील कवर में रखा गया है। क्योंकि सोनिया गांधी और अन्य की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले को सीज कर लिया था। बता दें कि नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, सुमन दूबे और व सैम पित्रोदा आरोपी हैं।
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