नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का सफर आसान नहीं होने वाला। देश जीतने के बाद देश के सबसे बड़े राज्यं यूपी को साधने के लिए भाजपा जोर शोर से तैयारी कर रही है। लेकिन यहां के समीकरण संतुलित करने में उसे झटके भी मिल रहे हैं। 16 और 17 जुलाई को झांसी में होने वाली उत्तुर प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक को गुरुवार देर रात अचानक स्गिी मत कर दिया गया है। हाल ही में गठित समिति में भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं के बेटों, पुराने लोगों और बड़ी संख्या में पिछड़े वर्ग के लोगों को प्रतिनिधित्व दिया गया है जबकि कई वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं को नज़रअंदाज़ किया गया है। इसी वजह से कुछ नेता बैठक का बहिष्कारर करने की तैयारी में थे।
बैठक के कार्यक्रम की पहले सूचना मीडिया को दी जाती है। इसके कुछ ही मिनट बाद बैठक स्थ गन की सूचना आ जाती है। कहीं न कहीं पार्टी में यह कलह की ओर भी संकेत कर रहा है। पार्टी ने मीडिया को स्थ गन की सूचना दी है लेकिन इसके पीछे के कारण को नहीं बताया गया है। बैठक का उद्घाटन राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव को और समापन प्रदेश के शीर्ष नेता राजनाथ सिंह को करना था। पार्टी सूत्रों ने हालांकि कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 22 जुलाई को गोरखपुर में होने वाली रैली की वजह से बैठक को टाला जा रहा है। वहीं दूसरी ओर इसे टालने की कुछ अन्य वजहें भी बताई जा रही हैं। जानकारों की मानें तो दो दिन पहले ही पार्टी ने प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी की जो सूची जारी की है, उसे लेकर कई वरिष्ठ नेता नाराज़ बताए जा रहे हैं। इस कार्यकारिणी में भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं के बेटों, पुराने लोगों और बड़ी संख्या में पिछड़े वर्ग के लोगों को प्रतिनिधित्व दिया गया है जबकि कई वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं को नज़रअंदाज़ किया गया है। कार्यसमिति संबंधी नाराजगी अभी हालांकि खुलकर सामने नहीं आई है। लेकिन पार्टी आलाकमान को ऐसा लग रहा था कि पार्टी की यह कलह कहीं खुलकर सामने न आ जाए। सूत्रों का यह भी कहना हैै कि कई नेता कार्यसमिति की बैठक का बहिष्कार करने की तैयारी में थे। इसी किरकिरी की आशंका के चलते पार्टी ने कार्यसमिति की बैठक को स्थगित किया है।
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