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पूर्वांचल में फर्टीलाइजर व एम्स के सहारे वोट की फसल लहलहाने का प्रयास करेंगे मोदी

गोरखपुर। बात उन दिनों की है जब 2014 का लोकसभा चुनाव होने को था। समूचा गोरखपुर भगवा में रंग गया था। मानबेला से रुस्तमपुर, रुस्तमपुर से गोरक्ष नाथ मंदिर, गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीआरडी मेडिकल कॉलेज हो या मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय। चारों तरफ भगवा लहरा रहा था। नरेंद्र मोदी तब गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। पूरे देश में गुजरात मॉडल पर विकास की बात किया करते थे। मोदी की सभा के लिए मानबेला का मैदान तय किया गया था। सभा शुरू होने में अभी देर थी तभी रुस्तमपुर से मानबेला तक का मार्ग (नेशनल हाइवे) जाम की चपेट में आ गया था। वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी थीं। मोदी को सुनने के लिए जिसे जो साधन मिला उसी से चल पड़ा था मानबेला की ओर। दोपहर में जब सभा शुरू हुई तो इसी मानबेला के मैदान में मोदी ने पहली बार खुद के लिए 56 इंच का सीना की बात कही जो पूरे देश में चर्चित हुआ और आज तक वह डायलॉग वक्त बे वक्त इस्तेमाल होता रहता है। मानबेला की सभा में मोदी ने विकास के गुजरात मॉडल का उल्लेख किया। कहा, गुजरात बनाने के लिए 56 इंच का सीना चाहिए। वह पहला मौका था जब इस वाक्य का प्रयोग मोदी ने किया जो पूरे देश में चर्चित हुआ। तब वह गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। फिर तो पक्ष हो या विपक्ष गाहे-बगाहे इस वाक्य का इस्तेमाल करने लगे। चुनाव भर इसका खूब प्रचार हुआ। इसकी खिल्ली भी उड़ाई जाती रही। तमाम विरोध के गोरखपुर को एम्स देकर पीएम ने बड़ी लकीर खींच दी। लोकसभा चुनाव 2014 अभी परवान भी नहीं चढ़ा था। वाराणसी से वही प्रत्याशी होंगे इसकी आधिकारिक घोषणा भी नहीं हुई थी। आरंभिक दौर था चुनाव प्रचार का तब मोदी गए थे बाबा गोरख नाथ के धाम। उसके बाद से दो साल गुजर गए। राप्ती का कितना पानी बह गया। लोगों को सहज विश्वास ही नहीं हो रहा कि प्रधानमंत्री ने गोरखपुर की मांग सुन ली है। यहां न केवल एम्स की स्थापना होगी बल्कि बंद फर्टीलाइजर का ताला भी खुलेगा। गोरखपुर में एम्स की मांग पिछले 15 साल से उठती आ रही है। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में पहली बार गोरखपुर के सांसद योगी आदित्य नाथ ने यह मांग संसद में उठाई थी। तर्क था कि इनसेफेलाइटिस पीड़ित बच्चों के बेहर भविष्य के लिए यहां एम्स जरूरी है। यह वह मौका है जब दिल्ली के बाहर एम्स की स्थापना की शुरूआत हुई ही थी। तब योग ने कहा था कि गोरखपुर में एम्स की स्थापना होगी तो गोरखपुर की त्रासदी इनसेफेलाइटिस पर शोध होंगे, नौनिहालों का भविष्य बेहतर होगा। संभव है उन्हें इस जानलेवा बीमारी से मुक्ति मिले। गोरखपुर ही क्यों, महराजगंज, आजमगढ़, मऊ, बलिया तक फैले इनसेफेलाइटिस के प्रकोप से लोगों को मुक्ति मिलेगी। 22 जुलाई को फर्टिलाइजर कारखाना एवं एम्स के शिलान्यास के मद्दे नजर क्षेत्रीय अध्यक्ष उपेन्द दत्त शुक्ल ने बताया की रैली की पुरी तैयारियां हो गयी है। 62 विधान सभा एवं 11 संगठनात्म्क जिलो के सभी गांव नगरों से लोग मोदी को सुनने के लिए आएगे। दो हजार बस व हजारो की संख्या में चारपहिया वाहन, तीन पहिया वाहन तथा 50 हजार मोटर सायकिल से कार्यकता रैली में हिस्सा लेगें। यह रैली निश्चितरूप से ऐतिहासिक होगी क्योकी नरेन्द्र मोदी जनमानस के नेता है। उनके द्वारा पुर्वी उत्तर प्रदेश में स्वतंत्रता के बाद सबसे बड़ा निवेश किया जा रहा है। पूर्वंचल के प्रत्येक व्यक्ति उनको देखने एवं उनका स्वागत करने के लिए लालायीत है। शुक्ल ने गोरखपुर क्षेत्र के 62 विधानसभा के भाजपा कार्यकर्ताओं से एवं आम जनता से आहवान किया है कि वे अधिक से अधिक संख्या मे उपस्थित होकर माननीय मोदी को सूनने के लिए फर्टिलाइजर के मैदान में सुबह 10 बजे तक अवश्य पहुंच जाएं। भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय प्रवक्ता डा. सत्येन्द्र सिन्हा ने बताया कि आज रैली स्थल पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राज्य सभा सांसद ओमप्रकाश माथुर, प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य एवं सदर सांसद महंथ योगी आदित्य नाथ, प्रदेश महामंत्री स्वतंत्र देव सिंह क्षेत्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र दत्त शुक्ल, फर्टिलाइजर स्थित रैली स्थल पर पहुंचे रैली स्थल पर रैली की तैयारियों के सम्बंध में व्यवस्था में लगे लोगो से बातचीत की। सिन्हा ने बताया कि रैली के मद्दे नजर भाजपा के वरिष्ठ नेता गोरखपुर में आने लगे है, भाजपा उत्तर प्रदेश के सहप्रभारी रामेश्वर चैरसीया, सुनील ओझा, प्रदेश महासचिव अशोक कटारिया, विजय बहादुर पाठक, अमरपाल मौर्य, सहित अनेको नेता गोरखपुर में पहुंच चुके है।
26 साल से बंद पड़ी फैक्ट्री का शिलान्यास करेंगे पीएम मोदी 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को गोरखपुर की जनता के लिए एक बड़ी सौगात देनेवाले हैं. मोदी वहां बरसों से बंद पड़े खाद कारखाने का शिलान्यास करेंगे. 26 साल से बंद पड़ी गोरखपुर खाद फैक्ट्री के शिलान्यास करने के साथ ही पीएम मोदी कल पूर्वांचल में चुनावी बिगुल फूंकनेवाले हैं. लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने इस फैक्ट्री को फिर से खड़ा करने का एलान किया था. अब विधानसभा चुनाव से पहले वो इस फैक्ट्री का शिलान्यास करके उन विरोधियों को करारा जवाब देना चाह रहे हैं जो ये कहते हैं कि मोदी तो बस वादों के बादशाह हैं. गोरखपुर का खाद कारखाना यहां का बड़ा चुनावी मुद्दा है. यही वजह है कि इसको फिर से शुरू कराने का श्रेय लेने के लिए मारामारी मची हई है. खाद फैक्ट्री का शिलान्यास तो कल हो जाएगा लेकिन इस फैक्ट्री में साल 2019 से पहले उत्पादन नहीं होगा. दरअसल जिस जगदीशपुर हल्दिया गैस पाईपलाईन से गैस मिलनेवाला है वो साल 2019 में पूरा होगा. मतलब अगले लोकसभा चुनाव से पहले यहां खाद का उत्पादन नहीं होनेवाला. गौरतलब है कि गोरखपुर खाद कारखाने का पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने साल 1969 में उद्धाटन किया था. 10 जून 1990 को यहां पर हादसे मंप एक कर्मचारी की मौत हो गई. उसी हादसे के बाद से ये फैक्ट्री है बंद पड़ी है. अब पीएम मोदी की कल की रैली इस कारखाने के लिए जीवनदान की तरह होगी.  
योगी को हराने के लिए काली से प्रार्थना करेंगे अमर 
सपा से राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने कहा है कि भाजपा यूपी में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री घोषित करती है तो मैं मां काली से प्रार्थना करूंंगा कि योगी चुनाव हार जाएं। पत्रकारों से बातचीत में कहा कि योगी के हम ऋणी हैं। वह हमारे अग्रज और पड़ोसी जिले के हैं। ऐसे में उनके साथ कुछ ख़राब हुआ तो मुझे अच्छा नहीं लगेगा। काशी में विकास के नाम पर उन्होंने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी हमला बोला। उन्होंझने कहा कि मोदी ने काशी के अस्सी घाट को सुन्दर बनाने की घोषणा की थी लेकिन अभी तक वहां 80 पत्थर भी नहीं रखा गया है। काशी के विकास के नाम पर मोदी निल बटे सन्नाटा हैं। अमर सिंह गुजरे जमाने की अदाकारा जयप्रदा और डिंपल कपाड़िया के साथ सावन के पहले दिन विंध्यवासिनी दरबार में पहुंचे। जहां उन्हों ने विधिवत पूजा अर्चना की। बाद में पत्रकारों से उन्हों ने कहा कि विंध्योवासिनि मांं की मेरे और मेरे परिवार पर बड़ी कृपा है। राज्य सभा सांसद बनने के बाद पहली बार आया हूं। मां से मन्नत मांगी है कि काफी ताकत दें ताकि हम देश के लिए कुछ कर सकें। उन्हों ने कहा कि योगी संत हैं। वह राजनीतिक रुप से सफल हुए तो उन्हेंव बहुत निराशा होगी। इसलिए मैं उनकी हार की कामना करता हूं। उनके विजयी होने पर हम एक तेजस्वीी आदमी को खो देंगे। अमर सिंह के साथ आयी जयाप्रदा इस बार थोड़ा नाराज दिखीं। जब अमर सिंह ने उन्हें बगल में बैठने के लिए कहा तो वह नहीं बैठीं और दूसरी कुर्सी पर बैठ गईं। डिम्पल कपाड़िया अमर के बगल में बैठीं। जयाप्रदा ने चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि अभी तय नहीं है। मैं तो किसी पार्टी में नहीं हूं। डिम्पल कपाड़िया गर्मी से बेहाल दिखी।
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