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शिवसेना ने किया शपथ ग्रहण का बहिष्कार, दो मंत्री मांगे थे, मोदी ने दिया एक

नई दिल्ली। महाराष्ट्र और केंद्र सरकार में भाजपा की सहयोगी शिवसेना मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी के कैबिनेट विस्ता्र से अलग रही। शिवसेना का कोई नेता शपथ ग्रहण समारोह में शरीक नहीं हुआ। शिवसेना ने दो मंत्रियों को सहित एक और कैबिनेट मंत्री की मांंग की थी। पीएम माेदी ने संभावित सूची में एक मंत्री पद शिवसेना के लिए रखा था। और कैबिनेट मंत्री की मांग ठुकरा दी। बस नाराज शिवसेना ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कापर कर दिया। शिवसेना और भाजपा के बीच अलगाव की एक और वजह बृहन्मुंबई महानगरपालिका और उसका भारी भरकम बजट भी है। शिवसेना के अनंत गीते वर्तमान में मोदी मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री हैं। शिवसेना एक और कैबिनेट मंत्री की मांग कर रही थी। इसके अलावा एक राज्य मंत्री का पद भी मांगा था। शिवसेना के अनुरोध पर पीएम मोदी ने संभावितों की सूची में शिवसेना के अनिल देसाई का नाम शामिल किया था। एक और कैबिनेट मंत्री की मांग से पीएम मोदी ने इनकार कर दिया। नतीजन शिवसेना शपथ ग्रहण्‍ा समारोह में श्‍ाामिल नहीं हुई। उसने इसका बहिष्कािर कर दिया। शिवसेना के समरोह से अलग रहने के पीछे एक और वजह यह है कि शिवसेना अब बृहन्मुंबई महानगरपालिका का चुनाव अकेले लड़ने की तैयारी कर रही है। वहीं भाजपा भी बीएमसी के चुनाव में अकेले उतरने की तैयारी कर ली है। भाजपा प्रमुख अमित शाह ने पार्टी द्वारा अकेले चुनाव लडऩे के मसले पर 13 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल के साथ बैठक भी कर चुके हैं। उल्लेकखनीय है कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) में चुनाव को अब 8 महीने बचे हैं। बीएमसी ने हाल में 2016-17 के लिए 37,052 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। भारत के सबसे संपन्न निकाय का इतना बड़ा बजट भी शिवसेना और भाजपा को अकेले मैदान में उतरने के लिए उत्साुहित कर रहा है। वर्तमान में ये दोनों पार्टियां इस निकाय को दो दशकों से भी अधिक समय से चला रही हैं। इस तरह अगर आगामी दिनों में इन दोनों दलों के बीच और दूरी बढ़े तो आश्चइर्य नहीं होना चाहिए। शिवसेना भाजपा से अलग होने के पूरे मूड में है। वह कोई अपने को अलग दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। शपथ ग्रहण में शामिल नहीं होना इसी का एक हिस्सा कहा जा सकता है। एक भाजपा विधायक ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर कहा, 'वर्ष 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने गठबंधन टूटने के बाद मुंबई और शेष महाराष्ट्र दोनों में शिवसेना को मात दी थी। तब से पार्टी ग्रेटर मुंबई में विकास प्रक्रियाओं में तेजी लाने के लिए कई निर्णय लिए हैं और वह खासकर शिवसेना द्वारा उछाले जा रहे भ्रष्टा चार के मुद्दे पर विपक्ष का निशाना बनना नहीं चाहेगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पहले ही इस संबंध में जांच के आदेश दे चुके हैं और वह पार्टी के विकास एजेंडे को भुनाना चाहते हैं।' शिवसेना अध्यक्ष उद्घव ठाकरे के करीबी माने जाने वाले एक विधायक ने कहा कि पार्टी बीएमसी चुनाव अकेले लडऩे के लिए पहले से ही तैयार है। उन्होंने कहा, 'शिवसेना यह नहीं भूली है कि किस तरह से भाजपा ने राज्य विधानसभा चुनाव के लिए आखिरी समय में गठबंधन तोड़ दिया। इसलिए विधानसभा चुनाव के अनुभव को दोहराने से बचने के लिए शिवसेना ने सभी 227 वार्डों में अपने उम्मीदवारों के चयन में गंभीरता दिखाई है। पार्टी मजबूत उम्मीदवारों के साथ भाजपा का प्रभावी तरीके से मुकाबला करेगी।'  
मोदी कैबिनेट में 19 नए चेहरे, यूपी के तीन मंत्रियों में से दो महिलाएं 
मोदी कैबिनेट का दूसरा विस्तार मंगलवार को हो गया। कैबिनेट में 10 राज्यों से 19 नए चेहरों की एंट्री हुई। वहीं राज्य मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रमोशन किया गया। राष्ट्रपति भवन के अशोका हॉल में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। सबसे पहले शपथ ली प्रकाश जावड़ेकर ने. जावड़ेकर को प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। जावड़ेकर के बाद मध्य प्रदेश के मंड्या से सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। इनके बाद एसएस अहलूवालिया, रमेश जिगाजिगानी और विजय गोयल ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इसके बाद नीली पगड़ी पहनकर आए महाराष्ट्र के मशहूर दलित नेता रामदास अठावले ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। इनकी पार्टी आरपीआई एनडीए का हिस्सा है। शपथ ग्रहण के दौरान अटकने और अपना नाम नहीं ले पाने की वजह से उन्हें तीन बार बीच में टोका गया। उन्होंने शपथ लेने के बाद 'जय भीम, जय भारत' का नारा लगाया। उनके बाद असम के नौगांव से बीजेपी सांसद राजन गोहेन ने राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद और नर्मदा नदी संरक्षण में सक्रिय अनिल माधव दवे भी राज्य मंत्री बनाए गए। गुजरात से बीजेपी के राज्यसभा सांसद पुरुषोत्तम रुपाला भी राज्य मंत्री बने। उनके बाद बीजेपी के प्रवक्ता, राज्यसभा सांसद और पूर्व पत्रकार एमजे अकबर ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद बीजेपी के झंडे की तरह की पगड़ी बांधकर आए बीकानेर से सांसद अर्जुन राम मेघवाल को राज्य मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। गुजरात के दाहोद से बीजेपी सांसद जसवंत सिंह भांभोर ने उनके बाद राज्य मंत्री पद की शपथ ली। उनके बाद यूपी के चंदौली से बीजेपी सांसद डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय राज्य मंत्री बने। उत्तराखंड के अलमोड़ा से बीजेपी सांसद अजय टम्टा राज्य मंत्री बनाए गए। यूपी के ही शाहजहांपुर से सांसद कृष्णा राज ने राज्य मंत्री पद के लिए गोपनीयता की शपथ ली। गुजरात से राज्यसभा सांसद मनसुख मंडाविया राज्य मंत्री बनाए गए। मंत्रिमंडल विस्तार में दूसरी महिला मंत्री के रूप में यूपी के मिर्जापुर से अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही पटेल मोदी कैबिनेट की सबसे युवा मंत्री हो गई। राजस्थान के नागौर से लोकसभा सांसद सीआर चौधरी भी राज्य मंत्री बनाए गए। राजस्थान के ही पाली से सांसद पीपी चौधरी ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद महाराष्ट्र के धुले से सांसद और देश के प्रसिद्ध कैंसर सर्जरी विशेषज्ञ सुभाष राम राव भामरे ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। दो साल के कार्यकाल में दूसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल का मंगलवार को विस्तार हुआ। बताया जाता है कि आखि‍री दौर के मंथन में सोमवार को आरएसएस से चर्चा के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ बातचीत कर फाइनल लिस्ट पीएम मोदी को सौंपी। बताया जाता है कि इनमें से कई नेताओं ने सोमवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की, जो जल्द ही पार्टी की संगठनात्मक टीम की भी घोषणा कर सकते हैं। इस समय प्रधानमंत्री समेत 64 केंद्रीय मंत्री हैं और संवैधानिक व्यवस्था के तहत अधिकतम 82 मंत्री हो सकते हैं। कैबिनेट विस्तार से पहले एनडीए की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने नाराजगी जताई थी। हालांकि मंगलवार को उनकी नाराजगी दूर हो गई। अब शिवसेना की ओर से शपथ ग्रहण समारोह में राज्य मंत्री अनंत गीते औपचारिक तौर पर शामिल हुए। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कैबिनेट विस्तार के दौरान शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो पाई। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट किया कि वह राष्ट्रपति भवन में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में आने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने लिखा कि हंगरी के विदेश मंत्री के साथ पहले से तय मीटिंग की वजह से वह समारोह में नहीं आ सकेंगी. इसके साथ ही उन्होंने मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले साथी सांसदों को बधाई दी। सुषमा ने मीडिया से आग्रह किया है कि वह शपथ ग्रहण समारोह में उनके नहीं आने को हेडिंग न बनाए। नए मंत्रिमंडल में यूपी, राजस्थान, गुजरात, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, कर्नाटक और असम से सांसदों को मंत्री पद सौंपा गया। कैबिनेट विस्तार में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यूपी की भागीदारी बढ़ेगी और इसमें जातीय समीकरण और क्षेत्रीय संतुलन का पूरा खयाल रखा गया। पीएम को छोड़कर मौजूदा कैबिनेट में यूपी से 11 मंत्री हैं। मंगलवार के फेरबदल में इसमें यूपी से तीन नए नाम जुड़ गए। इस तरह यूपी की भागीदारी बढ़कर 14 हो जाएगी। मोदी कैबिनेट में अभी पूर्वांचल से दो, पश्चिमी यूपी से चार, मध्य यूपी से चार और बुंदेलखंड के एक मंत्री हैं। मोदी सरकार में इस बार नए मंत्रियों के चयन में शैक्षणिक योग्यता का भी खास ख्याल रखा गया है। नए मंत्रियों की सूची में शुमार महेंद्र नाथ पांडेय बनारस हिंदू विश्वविद्याल से पीएचडी हैं, सुभाष रामराव भामरे कैंसर सर्जरी में सुपर स्पेशलाइजेशन रखते हैं। एमजे अकबर मशहूर पत्रकार हैं। वहीं सीआर चौधरी शिक्षाविद् हैं। वहीं, मंत्रिमंडल विस्तार के बाद निहाल चंद, रामशंकर कठेरिया, सांवरलाल जाट, मनसुख बसावा, मोहन कुंडारिया और जीएन सिद्धेश्वरा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
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