लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी खेमे से एक बहुत बड़ी खबर आ रही है। कहा जा रहा है कि पार्टी ने गोरखपुर के सांसद और फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ को यूपी के लिए मुख्यमंत्री प्रत्याशी बनाने का फैसला कर लिया है। हालांकि अभी इसकी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन कहा जा रहा है कि पार्टी हाईकमान ने योगी आदित्यनाथ के नाम पर मुहर लगा दी है। संभव है कि 22 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गोरखपुर में मंच से योगी आदित्यनाथ के नाम की घोषणा कर दें। 22 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का गोरखपुर आने का कार्यक्रम है।
गौरतलब है कि वर्ष 2017 में देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी अपने-अपने हिसाब से कमोबेस सारी पार्टियों द्वारा आरंभ कर दी गई है। केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा भी इसमें पीछे नहीं है। जानकार बताते हैं कि भाजपा हर हाल में यूपी चुनाव को जीतना चाहती है ताकि वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी के पुनः जीत का विकल्प खुला रहे। इसके लिए भाजपा यूपी में किसी एसे चेहरे को सामने लाना चाहती है जिसके सहारे प्रदेश में पार्टी की नैया पार लग सके। सूत्रों का कहना है कि भाजपा में मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में पहले केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के नाम की जोरदार चर्चा थी। लेकिन तमाम वजहों से उनके नाम पर सहमति नहीं बन सकी। बाद में उन्हें एचआरडी से हटाकर टेक्सटाइल मंत्री इसलिए बनाया गया। स्मृति को शायद इसीलिए डिमोट किया गया कि यूपी के चुनाव प्रचार में उनका पर्याप्त उपयोग किया जाएगा। पार्टी का प्लान है कि यूपी में स्मृति के साथ हाल ही में केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हुई अनुप्रिया पटेल को भी लगाया जाएगा। कहा जा रहा है कि ये दोनों नेत्रियां भीड़ जुटाने में माहिर हैं, इसलिए पोलिटिक्स में इनके सहारे ग्लैमर का तड़का लगाने का भी प्रयास है।
इनके अतिरिक्त दूसरा नाम वरुण गांधी का सियासी फिजां में तैर रहा था। सूत्रों का कहना है कि वरुण के नाम को पहले ही खारिज किया जा चुका है। कहा जा रहा है कि पार्टी वैचारिक रूप से गांधी-नेहरू टाइटल से थोड़ी दूरी बनाकर रखना चाह रही है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि वरुण गांधी और उनके समर्थकों द्वारा पिछले करीब डेढ़-दो वर्षों से सोशल साइट्स पर मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में रायसुमारी की जा रही थी। पार्टी हाईकमान की बगैर अनुमति के इस रायसुमारी से हालात वरुण के विरुद्ध चले गए। आखिरकार केशव प्रसाद मौर्य के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद वरुण पर अंकुश लगाने के प्रयास आरंभ हो गए। हालांकि वरुण गांधी समर्थक अब भी आस लगाए बैठे हैं कि कहीं भाजपा हाईकमान वरुण गांधी को मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट कर दे। लेकिन पार्टी सूत्रों का जो संकेत है उससे नहीं लगता कि भाजपा वरुण गांधी को मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करने जा रही है। इधर, पार्टी में नित नए हालात बन-बिगड़ रहे हैं। फिलहाल गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ के नाम की चर्चा सबसे ऊपर है।
राजनीति के जानकार बताते हैं कि भाजपा को दिल्ली और बिहार में की गई अपनी गलतियों से बहुत बड़ी सीख मिली है। शायद यही वजह है कि वह यूपी में अपनी पुरानी रणनीति को दोहराना नहीं चाहती। दरअसल, दिल्ली और बिहार के चुनाव में भाजपा खुद को एक धर्मनिर्पेक्ष छवि वाली पार्टी साबित करने की कोशिश में थी। परिणाम यह हुआ कि उसका परंपरागत वोट भी उसके हाथों से फिसल गया और दोनों राज्यों में भाजपा को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। इस स्थिति में भाजपा अपने राम मंदिर और हिन्दूवादी एजेंडे की लकीर को और चटख करना चाहती है ताकि उसके हाथों से परंपरागत वोट न खिसक पाए। सूत्रों का कहना है कि पार्टी में गहन मंथन के उपरांत इस मुकाम तक पहुंचा गया कि यूपी में राम मंदिर और हिन्दूवादी एजेंडे के चेहरे के रूप में गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ से बेहतर कोई और नाम नहीं हो सकता। आखिरकार यह फैसला हो चुका है कि योगी आदित्यनाथ को ही यूपी में भाजपा मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करेगी।
जानकार बताते हैं कि इन्हीं वजह से 22 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गोरखपुर आने वाले हैं। प्रधानमंत्री द्वारा उस दिन पूर्वांचल की चर्चित फर्टिलाइजर को पुनः चलाने की घोषणा की जाएगी और यहां एम्स बनाने की भी बात होगी। ये दोनों एसे मुद्दे हैं, जो पूर्वांचल के लोगों के दिलों पर राज करेंगे। निश्चित रूप से इन मुद्दों के सहारे योगी आदित्यनाथ को पूर्वांचल में अपने अभियान को चलाने में सहूलियत मिलेगी। खैर, इस मुद्दे पर पूर्व केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि पार्टी किसे मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करेगी, जहां तक योगी आदित्यनाथ का सवाल है तो उनकी स्वीकार्यता पूरे प्रदेश में है। मुझे लगता है कि राम मंदिर और हिन्दूवादी एजेंडे के पोस्टर ब्वाय के रूप में योगी आदित्यनाथ से बेहतर कोई नहीं हो सकता।
प्रियंका पर दांव खेलने को कांग्रेस तैयार नहीं
पार्टी में इसके इर्द-गिर्द चल रही अटकलों को विराम देने का फैसला किया है और अब उत्तर प्रदेश से जुड़ी खबरों के लिए गुलाम नबी आजाद को पैनी निगाह रखने की सलाह दी गई है। कांग्रेस के भीतर अब प्रियंका गांधी की उत्तर प्रदेश चुनाव में भूमिका को लेकर कोई भ्रम नहीं रह गया है। तमाम नेता अब एक ही सुर-ताल में बात कर रहे हैं। और वह यह कि प्रियंका कांग्रेस के लिए उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार करेंगी, हो सकता है कि पहले की तुलना में थोड़ा ज्यादा करें। यानी अभी कोई बड़ी भूमिका नहीं दी जा रही है प्रियंका को। कांग्रेस नेताओं का यह भी मानना है कि उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी के ट्रंप कार्ड को नहीं खर्च करना चाहिए। वैसे भी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के प्रदर्शन में कोई चमत्कारिक परिवर्तन नहीं होने जा रहा है। ऐसे में अगर प्रियंका के कार्ड को ज्यादा चला और उसका असर नहीं दिखा तो यह पार्टी के लिए खतरनाक साबित होगा।
यूपी में किसी को नहीं मिलेगा पूर्ण बहुमत
जनता दल यूनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष और सांसद शरद यादव का कहना है कि उत्तर प्रदेश में जो वर्तमान राजनीतिक समीकरण है उसमें किसी भी दल को पूर्ण बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है। यादव ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड का चुनाव लड़ना तय है लेकिन किसके साथ गठबंधन होगा अभी यह तय नहीं है। गौरतलब है कि जद यू ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी तैयारी में जुटे हैं और राज्य में कई जगह सभाओं को संबोधित भी कर चुके हैं और आगे करने वाले हैं। शरद यादव भी लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं। यादव कहते हैं कि जदयू उत्तर प्रदेश में भले ही कमजोर है लेकिन प्रयास जारी है और कुछ लोगों को साथ लेकर हम मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगे। गठबंधन किसके साथ होगा इसको लेकर अभी यादव ने कोई खुलासा नहीं किया।
दंगे कराकर वोट बटोरने की सोच रही भाजपा
उत्त र प्रदेश के नगर विकास मंत्री आज़म खान ने भाजपा पर एक बड़ा हमला बोला है। उन्होंजने प्रदेश के स्याना में एक समारोह में से इतर पत्रकार वार्ता में कहा कि भाजपा पूरे देश का माहौल खराब कर रही है। यूपी में चुनाव के लिए भाजपा को कोई मुद्दा मिल नहीं रहा है। लिहाजा वह यूपी में दंगे कराने की फिराक में है। आजम खान ने कहा कि भाजपा हमेशा से साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देती है। यूपी के चुनाव से पहले भाजपा प्रदेश में जगह-जगह दंगे कराने की फिराक में है। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास जब कोई मुद्दा नहीं है तो उन्होंने कैराना का राग अलापना शुरू कर दिया। साथ ही आज़म खान ने कहा कि आतंकवादियों से उनकी कोई रिश्तेदारी नहीं है जो भी देश के साथ आतंकवाद की घटना में संलिप्त पाया जाए उसे केन्द्र सरकार कठोर से कठोर दंड दे। उन्होंने कहा कि देश के साथ गद्दारी करने वालों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। चाहे वह किसी भी समुदाय का क्यों न हो।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। इनसे 9470020057 पर संपर्क किया जा सकता है)
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