
लखनऊ। क्या प्रतिक्रिया होगी आपकी, अगर आपको ये पता लगे कि गांधी परिवार सालों बाद एक हो सकता है। सिर्फ हैरान होंगे आप। उत्तर प्रदेश में आने वाले विधानसभा चुनाव में ये चमत्कार हो सकता है। यहां सवाल ये है कि क्या दशकों पुरानी गांधी फैमिली के बीच बनी खाई अब वरुण गांधी पाटेंगे। अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही देश की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस का सबसे बड़ा गांधी परिवार फिर एक हो सकता है? क्या इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश के चुनाव से हो सकती है? उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव है और पार्टी के रणनीतिकार प्रशांत किशोर इस चुनाव में किसी को चेहरा बनाकर मैदान में उतरना चाहते हैं। सूत्र संकेत दे रहे हैं कि गांधी परिवार का दूसरा हिस्सा मेनका गांधी और वरुण गांधी भाजपा में अपनी स्थिति से नाखुश हैं। वो जल्द ही भाजपा को छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो सूबे के चुनाव में कांग्रेस का भाग्य पलट सकता है। कहा जा रहा है कि यदि सबकुछ सामान्य रहा तो वरुण गांधी कांग्रेस की ओर से सीएम पद के उम्मीदवार हो सकते हैं। राजनीति के जानकार राजीव रंजन तिवारी की नजर में ये कदम कांग्रेस और वरुण गांधी दोनों के लिए फायदे का सौदा होगा। जहां एक तरफ वरुण के सीएम के तौर पर लड़ने की इच्छा पूरी होगी। दूसरी ओर उनके आने से कांग्रेस की स्थिति मजबूत होगी।
दोनों परिवार की नजदीकियां इन दिनों काफी बढ़ी हैं, प्रियंका गांधी के वरुण गांधी से मधुर रिश्ते की चर्चा तो कई सालों से होती आ रही है। इधर, पिछले काफी समय से गांधी परिवार की दोनों बहुओं- सोनिया और मेनका के बीच एकबार फिर से पारिवारिक प्रेम पनप रहा है। दोनों आपसी शिकवे गिले भुला कर फिर से एक होने की तैयारी में हैं। पिछले कुछ समय से दोनों ही परिवार सार्वजानिक मंच पर एक-दूसरे की तारीफ करते भी नजर आ रहे हैं। जहां एक ओर मेनका गांधी ने सोनिया की तारीफ की थी, तो वहीं दूसरी तरफ वरुण भी प्रियंका की तारीफ करते नजर आ चुके हैं। मोदी सरकार बनाने के बाद से जब-जब वरुण गांधी ने भाजपा में अपने लिए बड़ा रोल मांगा तो उनका विरोध हुआ। हद तो तब हो गई जब भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन से ठीक पहले उनको कहा गया कि वे अपने संसदीय क्षेत्र को छोड़ कर किसी भी अन्य इलाके में किसी भी तरह की राजनीतिक गतिविधि न करें। कयास है कि वरुण और मेनका को भारतीय जनता पार्टी में वो सम्मान और पद नहीं मिल पा रहा है, जिसकी उन्हें चाह थी। मेनका गांधी चाहती हैं कि उनके पुत्र वरुण गांधी को यूपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर सामने रखा जाये, जो दूर-दूर तक भाजपा में सच होता नजर नहीं आ रहा है। कुछ दिन पहले ही ट्विटर पर वरुण गांधी ने अपने सीएम बनने की इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने एक वेबसाइट द्वारा किए गए सर्वे के नतीजे को अपने ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट किया था। वरुण का ये सपना कांग्रेस में पूरा होने में कोई रुकावट नहीं दिख रही है। क्योंकि, राहुल-प्रियंका दोनों इस पद से दूर भाग रहे हैं। इनके अलावा वरुण गांधी के लिए कांग्रेस में कोई चुनौती भी नहीं है, बल्कि उनको पार्टी में प्रशांत किशोर के साथ फ्री-हैण्ड मिलने की पूरी सम्भावना है।
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