नई दिल्ली। बिहार चुनाव में हार और असम चुनाव में जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी पर काफ़ी दबाव है कि वो उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का ऐलान करे। लेकिन यहाँ पार्टी की कई मुश्किलें भी हैं। उसे जातीय गणित भी देखना है, नेता का व्यक्तित्व भी देखना है और चुनावी समीकरण को भी खंगालना है। और तो और इस दावेदारी के लिए पार्टी के पास कई नेताओं के नाम हैं। हालाँकि अभी तक पार्टी ने खुलकर इस पर अपनी राय नहीं रखी है। एक दिन पहले ही भारतीय मीडिया में पार्टी सूत्रों के हवाले से ये ख़बर छपी कि गृह मंत्री और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश चुनाव में पार्टी का चेहरा हो सकते हैं।
हालाँकि कई मौक़ों पर राजनाथ सिंह इससे इनकार कर चुके हैं। पार्टी के जिन नेताओं के नाम इस दावेदारी में प्रमुख चल रहे हैं, उनमें राजनाथ सिंह के अलावा योगी आदित्यनाथ, स्मृति ईरानी और वरुण गांधी भी हैं। लेकिन शुक्रवार को उस समय अजीब स्थिति हो गई जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक अनाधिकारिक अकाउंट @RSS4India से ट्विटर पर एक ओपनियन पोल कराया गया और इन चारों नेताओं में सबसे ज़्यादा वोट वरुण गांधी को मिले। इसे 365news ने ट्विटर पर लगाया। सुल्तानपुर से भाजपा के सांसद वरुण गांधी ने इसे री-ट्वीट कर दिया. हालांकि बाद में उन्होंने इसे डिलीट कर दिया. लेकिन उसका स्क्रीनशॉट हमारे पास मौजूद है। और तो और वरुण गांधी ने स्क्रॉल इंडिया की एक रिपोर्ट भी री-ट्वीट की है, जिसमें तमाम सर्वे का हवाला देते हुए वरुण गांधी को उत्तर प्रदेश में भाजपा का सबसे लोकप्रिय नेता बताया गया है। केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के बेटे वरुण गांधी पर 2009 के चुनाव के दौरान रैली में भड़काऊ भाषण देने का आरोप भी लगा था। उन्होंने आरोपों का खंडन किया था और वर्ष 2013 में अदालत ने उन्हें इस मामले से बरी कर दिया था। (साभार बीबीसी)
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