लखनऊ (आरआरटी)। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। कांग्रेस को नम्बर वन बनाने के लिए रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बेहद संजीदगी से अपना काम करना शुरू कर दिया है। जानकार बताते हैं कि प्रशांत किशोर की चाल के आगे सभी पार्टियों के रणनीतिकार धराशायी हो जाएंगे और कांग्रेस बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। इसी क्रम में उत्त र प्रदेश के लिए कांग्रेस ने रविवार को गुलाम नबी आजाद को प्रभारी घोषित किया। वह मधुसूदन मिस्त्रीी की जगह लेंगे। मिस्त्रीक अगले साल होने वाले उत्ततर प्रदेश विधान सभा चुनाव के लिए सक्रियता से काम कर रहे थे, लेकिन बताया जाता है कि प्रशांत किशोर ने उन्हेंव हटाने के लिए कहा। सूत्र बताते हैं कि किशोर ने हाईकमान से यूपी के लिए एक चेहरे की मांग की। और, वह भी चुनाव से पहले।
उनकी मांग को देखते हुए पार्टी ने आजाद को भेजने का फैसला किया। वह दो बार पहले भी उत्त र प्रदेश प्रभारी रह चुके हैं और राज्यफ के कार्यकर्ताओं के बीच जाने-पहचाने चेहरे हैं। पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस के चुनाव प्रबंधन देखने के लिए लाए गए प्रशांत किशोर चाहते थे कि राज्य में किसी ब्राह्मण या मुस्लिम को ही चेहरा बनाया जाए। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस ने गुलाम नबी आजाद का नाम पहले ही तय कर लिया था, लेकिन राज्यगसभा चुनाव के चलते इसकी घोषणा नहीं की थी। शनिवार को हुए राज्यथसभा चुनाव में कांग्रेस के तीन मुस्लिम विधायकों ने बसपा उम्मी दवार को अपना वोट दिया था। इस चुनाव में भी आजाद ने बतौर एआईसीसी ऑब्ज र्वर भूमिका निभाई थी। राज्या में कुल छह कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी। माना जा रहा है कि यह पार्टी के प्रति असंतोष का नतीजा है। आजाद के सामने इस असंतोष को रोकने की बड़ी चुनौती होगी।
कांग्रेस को जिताने के लिए कैसे काम कर रहे हैं प्रशांत किशोर
चार राज्योंो के चुनाव में बुरी तरह हार चुकी कांग्रेस अब उत्तसर प्रदेश पर नजरें गड़ाए है। उत्तोर प्रदेश में 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं। एक साल से भी कम वक्तश में कांग्रेस को फिर से खड़ा करने के लिए उसके चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर इन दिनों लखनऊ में डेरा डाले हैं। जिलाध्यनक्षों के साथ उनकी बैठकों का अगला दौर सोमवार, 23 मई से शुरू हो चुका है।
प्रशांत किशोर के काम करने के तरीके से यूपी कांग्रेस के कुछ नेताओं की बेचैनी बढ़ गई है। The Indian Express ने पता लगाया है कि किशोर और उनकी 100 सदस्यीचय टीम कैसे उत्तhर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की विभिन्नग इकाइयों को छान कर डेढ़ लाख समर्पित कार्यकर्ता चुन रही है। हर विधानसभा क्षेत्र से करीब 300 कार्यकर्ताओं को चुना जाएगा, जो जमीन पर कांग्रेस के प्रचार में सबसे अहम साबित होंगे। प्रशांत जुलाई से प्रचार शुरू करने की योजना बना रहे हैं। साथ ही साथ, वह और उनकी टीम अलग-अलग समूहों, विभागों और इकाइयों से कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को एक मंच पर ला रही है ताकि वे अपने क्षेत्र की समस्यारओं, जातिगत समीकरणों के बारे में बता सकें और सुझाव भी दे सकें।
अगले डेढ़ महीने की उनकी रणनीति के तीसरे हिस्सें में उनकी टीम ऐसे परिवारों से मिलेगी जो लम्बेड समय तक कांग्रेस से जुड़े थे, मगर किन्हीं कारणों की वजह से पार्टी से खुद को दूर कर लियाा है। पार्टी सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि किशोर ने इस काम को खत्म करने के लिए डेढ़ महीने का वक्त मांगा है और पार्टी का असली चुनाव प्रचार जुलाई से शुरू होगा। प्रशांत की टीम के पास एक काम है जो उन्हेंस इस महीने के अंत तक खत्मी करना है। उन्हें हर विधानसभा सीट से कम से कम 30-35 हजार कार्यकर्ता चुनने हैं जिन्हें जून में लखनऊ लाया जाएगा और कांग्रेस उपाध्येक्ष राहुल गांधी उनसे बातचीत करेंगे। पंजाब से इतर, उत्तलर प्रदेश मंा प्रशांत को उत्तेर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अब तक मन मुताबिक तरीके से काम करने दिया है। यहां तक कि प्रशांत ने जिला स्तीर से लेकर ब्लॉुक और कांग्रेस की विभिन्नै इकाइयों से सीधे बात की, ये सारा कार्यक्रम लखनऊ में उन्नाेव से पूर्व कांग्रेस सांसद अन्नून टंडन के सहयोग से हुआ। लेकिन इन सभी गतिविधियों के बीच, प्रशांत की अलग कार्यशैली ने कांगेस के नेताओं में बेचैनी जा दी है। किेशोर ने रोजमर्रा की बैठकों से इतर पार्टी के गिने-चुने नेताअों से अलग बात की, वे अक्सशर राहुल गांधी से सीधा संपर्क होने की याद दिलाते हैं, अपने भाषणों में वे दावा करते हैं कि टिकट बांटने में भी अहम रोल अदा करेंगे। मार्च में जब प्रशांत किशोर आधिकारिक रूप से कांग्रेस की चुनावी योजना का हिस्साा बने और राहुल गांधी द्वारा बुलाई गई उत्तार प्रदेश के वरिष्ठच नेताओं की बैठक में हिस्साे लिया, तो वे बहुत कम बोले। सभी को यह बताया गया कि किशोर 2017 के चुनावों के लिए एक चुनावी प्रचार अभियान बनाएंगे और पार्टी का घोषणा पत्र तैयार करने में मदद करेंगे। सभी नेताओं से प्रशांत को सहयोग करने को कहा गया।
जल्दो ही, किशोर आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव मधुसूदन मिस्त्रीक और यूपी कांग्रेस अध्योक्ष निर्मल खत्री के साथ दिल्ली आए और 10 मार्च को कांग्रेस के करीब 140 जिलाध्ययक्षों और नगर अध्यपक्षों को दो काम सौंपे। पहला, सभी को हर विधानसभा क्षेत्र से कम से कम 20 समर्पित कार्यकर्ताओं के नाम, मोबाइल नंबर और फोटोग्राफ जुटाने को कहा गया। यह काम मार्च अंत तक खत्म करना था, लेकिन अभी भी कुछ काम बाकी बचा हुआ है। दूसरा, उन्हें0 एक फॉर्म भरने को दिया गया जिसमें जिला इकाइयों से क्षेत्र में पार्टी और संगठन की कमियां और अच्छाकइयां पूछी गई थीं। ये भी पूछा गया कि क्षेत्र में बीजेपी समेत अन्य पार्टियों के बेहतर प्रदर्शन करने के कारण भी पूछे। ये जानकारी भी मांगी गई कि उनके इलाके में कौन से मुद्दे उठाए जा सकते हैं। ज्याेदातर पार्टी इकाइयों ने काम पूरा कर लिया है लेकिन रायबरेली, अमेठी और सुल्तांनपुर को इस प्रकिया में शामिल नहीं किया गया।
इस दौरान किशोर की टीम को लखनऊ स्थित उत्तकर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय की छत पर एक कमरा दिया गया था। प्रशांत की टीम किसी नेता से बात नहीं करती। जल्द ही एक प्लाकन तैयार किया गया, जहां किशोर वरिष्ठत नेताओं की मौजूदगी में हर स्तहर के कार्यकर्ताओं से मिलते। पहले तय हुआ कि किशोर पार्टी के वरिष्ठन नेताओं के साथ पूरा यूपी घूमेंगे। लेकिन बाद में तय किया गया कि कार्यकर्ताओं और नेताओं को लखनऊ बुलाया जाएगा और बाकी नेता सिर्फ बैठक का इंतजाम करने में लगे रहे। राज्यक और जिला स्त र के नेताओं से शुरुआत करते हुए प्रशांत ने ब्लॉाक स्त र तक के पदाधिकारियों से निजी मुलाकात की है। उन्होंंने उनसे पूछा कि किन चीजों की वजह से कांग्रेस यूपी में वापस लौट सकती हैं, ऐसा होने में परेशानियां क्यान हैं और किन मुद्दों को उठाने से पार्टी को फायदा होगा। उन्होंसने राज्यं भर के यूथ कांगेस और एससी-एसटी विभाग के पदाधिकारियों से लखनऊ में मुलाकात की। फिर उन्होंनने कांग्रेस की विभिन्न इकाइयों जैसे महिला कांग्रेस, सेवा दल इत्याउदि के पदाधिकारियों से चर्चा की। किशोर ने हर विभाग से हर विधानसभा क्षेत्र से दो समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ताओं के नाम देने को कहा। उनके अच्छे प्रदर्शन पर किशोर ने वायदा किया कि वे उन्हेंे राहुल गांधी से मिलवाएंगे। ऐसा ही कार्य प्रशांत ने अपनी टीम को सौंपा है जो राज्या के हर जिले में जा रही है। अभी तक तीन मंडल वाराणसी, इलाहाबाद और गोरखपुर कवर कर लिए गए हैं, बाकी पर काम जारी है। इन्हींं बैठकों के दौरान ही कांगेस कार्यकर्तओं और नेताओं ने पार्टी को फिर से खड़ा करने लिए प्रियंका गांधी को आगे करने की मांग की। यह मांग भी जोर पकड़ रही है कि इस बार पार्टी को मुख्य मंत्री पद का उम्मीरदवार घोषित करना चाहिए। अपनी टीम की रिपोर्ट हाथ में लिए प्रशांत ने जिलेवार नेताओं और प्रमुख चेहरों से मुलाकात शुरू कर दी है। इन जिलेवार बैठकों का पहला दौर पिछले सप्तांह शुरू हुआ था और अगला दौर फिलहाल उत्तीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में चल रहा है। किशोर ने सभी पदाधिकारियों और नेताओं को बता दिया है कि इन सभी कार्यों के अलावा, जो चुनाव लड़ना चाहते हैं, उन्हें अपने क्षेत्र से कम से कम 250 कार्यकर्ताओं के नाम देने होंगे। वाराणसी, इलाहाबाद और गोरखपुर मंडल के सभी 12 जिलों के कार्यकर्ताओं से बात करते हुए किशोर ने बताया कि जो 250 कार्यकर्ताओं के नाम नहीं दे पाएंगे, वे उम्मीकदवारी के योग्य नहीं होंगे।
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