ताज़ा ख़बर

अंबेडकर पर कीचड़ उछालना संघ का पुराना खेल

नई दिल्ली (पीएल पुनिया)। “संघ समर्थक रामबहादुर राय के विचार दर्शाते हैं संघ और भाजपा की असली सोच, मोदी को दिखावा करना छोड़ना चाहिए।” बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को नीचा दिखाने, उनका नाम खराब करने का काम खेल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लंबे समय से खेलती आ रही है। संघ लंबे समय से ये कीचड़ उछालने की कोशिश करता रहा है। जो विचार संघ के समर्थक रामबहादुर राय ने रखे हैं, दरअसल वहीं संघ और भाजपा का असली चेहरा है। वे कभी भी दिल से बाबा साहेब के योगदान को बर्दाश्त नहीं कर पाते। भीमराव अंबेडकर ने हमें ऐसा संविधान दिया जो सभी नागरिकों को बराबर अधिकार देता है, समता की बात करता है, ऐसा भला हिंदू राष्ट्र को बनाने का संकल्प करने वालों को कैसे बर्दाश्त होगा। इसलिए ये लोग इस तरह की बाते करके जनमत बनाना चाहते हैं। बाबा साहेब का जो योगदान पूरा युग मान चुका है, उस पर सवाल उठाना कितना शर्मनाक है। भीमराव अंबेडकर का योगदान संविधान के साथ-साथ भारतीय रुपये और अर्थव्यवस्था को लेकर जबर्दस्त योगदान रहा है। इसे संघ चाहे जितना दुष्प्रचार कर ले, मिटा नहीं सकता। एक तरफ ये भीमराव अंबेडकर के बारे में इस तरह का दुष्प्रचार करते हैं वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री अंबेडकर की माला जपते हैं। उनकी पार्टी कभी दलितों के साथ स्नान करते हैं तो कभी खाना खाने का ढोंग करते हैं। जो इस समाज के मूल मुद्दे हैं उन पर कभी चर्चा नहीं करते। अब तक मोदी 20 बार मन की बात बोल चुके हैं लेकिन एक बार भी दलितों के बारे में बोलने की जहमत नहीं उठाई। दलितों की लंबे समय से मांग रही है कि पदोन्नति में आरक्षण दिया जाए लेकिन अभी तक इस पर सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। प्रधानमंत्री 10 करोड़ नौकरी देने की बात कहते हैं लेकिन यह नहीं बताते कि ये सब निजी क्षेत्र में हैं, जहां आरक्षण नहीं मिलता। मेरा कहना है कि बाबा साहेब का नाम भजने की जरूरत नहीं है। आप समाज के लिए काम करो। यह दिखावा छोड़ना चाहिए। इस दिखावे से उन्हीं के खिलाफ माहौल बन रहा है। (साभार-आउटलूट। लेखक अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के अध्यक्ष हैं)
  • Blogger Comments
  • Facebook Comments

0 comments:

Post a Comment

आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।

Item Reviewed: अंबेडकर पर कीचड़ उछालना संघ का पुराना खेल Rating: 5 Reviewed By: newsforall.in