नई दिल्ली। दिल्ली सरकार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बड़ा झटका दिया है। राष्ट्रपति ने दिल्ली सरकार का बिल रोक दिया है। केजरीवाल सरकार ने लाभ के पद से संसदीय सचिवों को बाहर रखने का बिल राष्ट्रपति के पास भेजा था। इसे राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया। LG हाउस ने भी कंफर्म कर दिया है कि राष्ट्रपति ने बिल को वापस कर दिया है। केजरीवाल ने पिछले साल अपने 21 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किया था। राष्ट्रपति के बिल ठुकराए जाने से पार्टी के 21 विधायकों को तगड़ा झटका लगा है। अब इन 21 विधायकों पर अयोग्यता की तलवार लटक रही है। अब इन विधायकों को 'लाभ का पद' रखने के मामले में अयोग्य करार दिया जा सकता है।
दिल्ली सरकार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बड़ा झटका दिया है। राष्ट्रपति ने दिल्ली सरकार का बिल रोक दिया है। केजरीवाल सरकार ने लाभ के पद से संसदीय सचिवों को बाहर रखने का बिल राष्ट्रपति के पास भेजा था। इसे राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया। इन विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए बीते साल जून में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भी याचिका दी गई थी। चुनाव आयोग ने विधायकों को 11 अप्रैल तक इस याचिका पर जवाब देने का समय दिया था। 21 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त करने का बीजेपी और अन्य पार्टियों ने विरोध किया था। विपक्ष का आरोप था कि इन 21 विधायकों को मंत्रियों की तरह सुविधाएं दी जाएंगी, जिससे दिल्ली की जनता पर बोझ पड़ेगा। गौरतलब है कि 1993 में दिल्ली विधानसभा के दोबारा गठन के बाद से किसी भी सरकार में तीन से ज्यादा संसदीय सचिव नहीं रहे हैं।
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