शामली। कैराना से बीजेपी सांसद हुकुम सिंह ने एक बार फिर मीडिया से बातचीत करते हुए पलायन करने वाले करीब 346 परिवारों की सूची जारी की है। हुकुम सिंह ने बुधवार को भी इसपर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि कैराना को कश्मीर बनाने की साजिश की जा रही है। सांसद ने 10 ऐसे लोगों की सूची भी जारी की जिनकी हत्या रंगदारी न देने पर कर दी गई। बुधवार को सांसद हुकुम सिंह ने नगर पालिका परिसर में प्रेसवार्ता के दौरान कैराना में बहुसंख्यक समुदाय पर अत्याचार पर कहा कि उन लोगों को जान बूझकर प्रतिष्ठान छोड़ने पर मजबूर किया गया, जो अपना व्यापार कर रहे थे। इनमें से ज्यादातर लोहा, सर्राफा और हार्डवेयर से जुड़े थे। उनसे जबरन वसूली की गई और बाद में घर, प्रतिष्ठान छोड़ने पर मजबूर किया गया। उन्होंने पलायन कर रहे लोगों की तुलना कश्मीरी पंडितों से करते हुए कहा कि कैराना में हालात बद से बदतर हैं।
हुकुम सिंह ने कहा कि गांव जहानपुरा में पहले 60 हिंदू परिवार थे। अब यहां एक भी हिंदू परिवार नहीं है। पंजीठ से भी कई परिवार पलायन कर चुके हैं। पंजीठ गांव से पलायन रोकने के लिए वह खुद प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने जिले के हालात को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से पिछले दिनों अपनी मुलाकात का जिक्र भी किया। सांसद ने बताया कि गृह मंत्री राजनाथ खुद प्रकरण को लेकर काफी गंभीर हैं और जून के अंत में कैराना आएंगे। इस मामले की आईबी से जांच भी कराई जाएगी। वहीं, शामली के डीएम सुजीत कुमार ने पत्रकारों के सामने दो टूक लहजे में प्रशासन का पक्ष रखा और कहा कि अभी इस मामले में किसी की तरफ से शिकायत नहीं मिली है। एक हिंदी अखबार में छपी खबर के मुताबिक, डीएम ने कहा कि अभी तक बस एक ही नेता (हुकुम सिंह) की तरह से ही पलायन को लेकर बयानबाजी की जा रही है। अगर पलायन के ठोस सबूत मिले तो निश्चित तौर पर प्रभावी कदम उठाएं जाएंगे।
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