देहरादून। प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट पर 11 जून को होने वाले चुनाव को लेकर भाजपा अपना गणित बनाने में जुटी हुई है। पार्टी ने आधिकारिक रूप से अपना प्रत्याशी चुनाव में नहीं उतारा है, लेकिन भाजपा के ही दो कार्यकर्ता निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। ऐसे में कोशिश यह की जा रही है कि चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी के सामने निर्दलीय प्रत्याशी दो की बजाए एक हो। शुक्रवार को इस मुद्दे पर कोई फैसला लिए जाने की उम्मीद है।
राज्यसभा के चुनाव में भाजपा ने संख्या बल कम होने का हवाला देते हुए अपना प्रत्याशी नहीं उतारने का ऐलान किया था। भाजपा ने इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी का समर्थन करने की बात कही थी। पीडीएफ के दिनेश धनै द्वारा चुनाव लड़ने का एलान करने के बाद पार्टी की योजना उनको समर्थन देकर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने की थी। ऐन मौके पर धनै ने यू टर्न ले लिया और वह कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा के प्रस्तावक बन गए। इसके बाद भाजपा ने अपने दो कार्यकर्ताओं गीता ठाकुर व अनिल गोयल को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करा दिया। ऐसे में भाजपा भले ही इनकार करे कि दो प्रत्याशियों से उनका कोई लेना देना नहीं है, लेकिन हैं तो वो पार्टी के सदस्य।
पार्टी सूत्रों को मुताबिक प्रदेश में होने वाली राज्यसभा चुनाव को लेकर हाईकमान स्तर से मंथन किया जा रहा है। दोनों निर्दलीय प्रत्याशियों में किसी एक का नामांकन वापस कराया जाएगा या नहीं। इस मुद्दे पर शुक्रवार को फैसला लिया जाएगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का कहना है कि राज्यसभा के चुनाव में पार्टी ने संख्या बल को देखते हुए प्रत्याशी नहीं उतारा है। निर्दलीय प्रत्याशी मैदान हैं, हम उनको समर्थन करेंगे। दोनों प्रत्याशियों में से कौन चुनावी मैदान में रहेगा या फिर दोनों डटे रहेंगे, इसका फैसला उनको ही करना है।
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