नई दिल्ली। यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के परिवार में राजनीतिक महाभारत छिड़ गया है। कल बाहुबली मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय हुआ था, लेकिन इस विलय से अखिलेश यादव नाराज हो गये और उनके फैसलों से घर के अंदर का झगड़ा सामने आ गया है। इस मामले में अखिलेश अपने एक मंत्री को बर्खास्त कर चुके हैं। घर के भीतर विलय पर जारी झगड़े के बीच सीएम अखिलेश ने आज अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए।
दरअसल, बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को लेकर मुलायम परिवार में मतभेद खुलकर सामने आ गये हैं। कल शिवपाल यादव की मौजूदगी में मुख्तार की पार्टी का विलय हुआ लेकिन इससे अखिलेश यादव नाराज हैं। अखिलेश इतने नाराज़ हुए कि इस विलय को अंजाम तक पहुंचाने वाले मंत्री बलराम यादव को माध्यमिक शिक्षा मंत्री के पद से हटा दिया। इसकी कोई आधिकारिक वजह नहीं बताई गई है लेकिन सूत्रों की मानें तो अखिलेश ने उन्हें कौमी एकता दल के एसपी में विलय की पैरवी की सजा दी। अपनी बर्खास्तगी पर बलराम यादव ने कहा, ”समाजवादी पार्टी, नेता जी और मेरे रिश्ते अपरिवर्तनीय हैं।” कल ही मुख्तार अंसारी के भाई और पूर्व सांसद अफजाल अंसारी ने कौमी एकता दल के एसपी में विलय का ऐलान किया था और इससे ठीक पहले मुलायम से मिलने गए शिवपाल के साथ बलराम यादव भी थे। माना जाता कि है कि चाचा होने के नाते शिवपाल पर कार्रवाई की बजाय अखिलेश ने बलराम पर कार्रवाई करके नाराजगी का संदेश दे दिया है। हालांकि मुख्तार को अभी पार्टी में शामिल नहीं किया गया है। कौमी एकता दल से मुख्तार मऊ से और उनके रिश्तेदार सिबगतुल्लाह मुहम्मदाबाद सीट से विधायक हैं।
ग़ौरतलब है कि कौमी एकता दल पूवरंचल में राजनीतिक प्रभावी रखने वाली पार्टी है और माफिया सरगना मुख्तार अंसारी मऊ से और उनके रिश्तेदार सिबगतउल्ला अंसारी मुहम्मदाबाद सीट से विधायक हैं। मुख्तार बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या समेत ऐसे कई आरोपों में पिछले कई साल से जेल में है और विलय के बीच ही उन्हें आगरा से लखनऊ जेल शिफ्ट किया गया। विलय पर अखिलेश की नाराजगी की पहले से अटकलें थीं। इससे पहले वो डीपी यादव और अतीक अहमद को भी पार्टी में शामिल करने का असरदार विरोध कर चुके हैं। अखिलेश समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। कौमी एकता दल के एसपी में विलय के बाद जहां विपक्ष को घेरेबंदी का नया मौका मिल गया है वहीं अखिलेश समेत एसपी के पूर्वांचल के कुछ नेता भी विरोध कर रहे हैं।
कौमी एकता दल का विलय नेता जी का फैसला
समाजवादी पार्टी के यूपी प्रभारी व वरिष्ठ मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से नाराजगी के सवाल पर कहा कि पार्टी में सब कुछ ठीक चल रहा है। कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है। शिवपाल ने बुधवार को अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कौमी एकता दल के सपा में विलय का निर्णय नेता जी (मुलायम सिंह यादव) ने किया है और वही आगे इस पर फैसला करेंगे। नेताजी पार्टी के सर्वेसर्वा हैं और उनका फैसला ही अंतिम है। सपा लोकतांत्रिक पार्टी है, पार्टी में सभी को अपनी बात रखने का हक है। उन्होंसने कहा कि हमने पार्टी के विलय में केवल अफजाल अंसारी और उनके भाई सिगबतुल्ला अंसारी को शामिल किया है, ना कि मुख्तार अंसारी को। कौमी एकता दल मुख्तार की पार्टी नहीं है। पूर्व सांसद अफजाल अंसारी पार्टी के अध्यक्ष हैं। मंत्रिमंडल से माध्यरमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव को बर्खास्त किए जाने के सवाल पर शिवपाल ने कहा कि यह तो मुख्यमंत्री का अधिकार है। वही तय करेंगे किसको क्या काम मिले और उसे क्या बनना चाहिए।
अखिलेश ने सही किया पार्टी की इमेज ऐसी घटनाओं से खराब होती है ।अखिलेश ने बड़ी मुश्किल से पार्टी से यह छाप मिटाई फिर से यह कृत्यपार्टी की छवि खराब करता ।
ReplyDeleteअखिलेश ने सही किया पार्टी की इमेज ऐसी घटनाओं से खराब होती है ।अखिलेश ने बड़ी मुश्किल से पार्टी से यह छाप मिटाई फिर से यह कृत्यपार्टी की छवि खराब करता ।
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