नई दिल्ली। गायत्री परिवार के संचालक डॉक्टर प्रणव पांड्या ने राज्यसभा की सदस्यता लेने से इनकार कर दिया है। IBN 7 से एक्सक्लूसिव बातचीत में डॉक्टर पांड्या ने कहा कि उनके पास वक्त की कमी है इसलिए वो राज्यसभा की जिम्मेदारियों को नहीं उठा सकते। उन्होंने राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने पर प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव मिलने पर उन्हें महसूस हुआ कि वो सदन से गायत्री परिवार के संदेश को पूरे देश में फैला सकते हैं लेकिन अब उन्हें लगता है जिस तरह से राज्यसभा में कामकाज होता है, उसमें वो अपनी बात नहीं कह पाएंगे। इसलिए ऐसा कर पाना मुमकिन नहीं होगा। IBN7 से बातचीत में उन्होंने साफ कर दिया कि वो राज्यसभा की सदस्यता की शपथ नहीं लेंगे।
IBN7 के एग्जिक्युटिव एडिटर आरसी शुक्ल से बातचीत में पांड्या ने कहा, ‘राज्यसभा में मनोनित होने के लिए बधाई की बात पर क्या कहूं...2-3 दिन पहले की बात है। निश्चित रूप से पीएम के कहने पर ही मुझे मनोनित किया गया होगा। सभी लोगों से बात की तो सभी ने कहा कि मिशन का संदेश आगे पहुंचे। लेकिन फिर मैंने सोचा कि वहां मैं ये संदेश नहीं पहुंचा पाऊंगा। मैंने फैसला लिया है कि मैं ये प्रस्ताव ठुकरा रहा हूं। आज राज्यसभा का जो वातावरण है, वहां जो बोलने की शैली है, काम करने का तरीका है...वो मेरी बात कब सुन पाएंगे। सही तो ये होगा कि शासन का प्रलोभन लेकर मैं वहां जाऊं लेकिन उससे पहले अपने परिवार की बात सुनूं।’
पांड्या ने बताया, 'बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मुझे अपने घर बुलाकर कहा था। मैं उन्हें उसी वक्त मना करके आ गया था। अमित शाह ने मुझसे बात करने के बाद शांति कुंज के कार्यकर्ताओं से बात की। मेरे पास बार बार संदेश आया कि प्रधानमंत्री चाहते हैं मैं राज्यसभा जाऊं। अगर पढ़े लिखे लोग नही आएंगे तो कौन आएगा? मुझे होम सेकेट्री की तरफ से मेसेज मिला कि आपको नॉमिनेट कर दिया गया है।' उन्होंने आगे बताया, 'मैने कहा कि मैने प्रधानमंत्री के कहने पर इसे स्वीकार कर लिया है। 5 तारीख को पूरे भारत मे खबर प्रसारित हुई। गुरुवार का दिन था तो करीब 1000 कॉल किए और लोगों से पूछा। लोगों ने यही कहा कि आप कल तक जिनके साथ सम्मानपूर्वक बैठते थे आज आप उनके चरणों में बैठ रहे हैं। इससे सही मेसेज नहीं जाएगा। उसके बाद मैने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जी को चिट्ठी लिखकर मना कर दिया, अभी तक शपथ नहीं ली थी तो मना कर दिया।' पांड्या ने कहा कि अध्यात्म जीवन की कला है, मेरा सोचना है कि मैं वहां जाकर ऐसा नहीं कर पाता क्योंकि ये लोग (परिवार से जुड़े लोग) अगर देखेंगे कि मैं राज्यसभा में हूं तो गलत प्रभाव जाएगा। राजनीति का स्तर गिरता जा रहा है। मोदी जी के साथ 30 साल से मेरे अच्छे मित्रतापूर्ण संबंध हैं लेकिन आज की परिस्थितियां ऐसी नही है कि राज्यसभा में जाकर बैठा जाए। पीएम की डिग्री पर उठे विवाद पर उन्होंने कहा कि ये गलत बात है। ऐसा नहीं होना चाहिए। हमारे देश के प्रधानमंत्री पर इस तरह की छींटाकशी गलत है, वो प्रमाण दिखा रहे हैं उसे मान लेना चाहिए। ऐसा करने से हमें चोट पहुंच रही है। विदेशों में हमें सम्मान मिला है। मैं ऐसा इसलिए नहीं कह रहा हूं कि मैं बीजेपी का आदमी हूं बल्कि प्रधानमंत्री सच में अच्छा काम कर रहे हैं।
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