वाराणसी (अजीत कुमार सिंह/अमर उजाला)। पीएम नरेंद्र मोदी काशी के मांझियों को संजीवनी दे गए। पहली बार ऐसा हुआ जब कोई प्रधानमंत्री मांझियों के बीच पहुंचे। अस्सी घाट पर ई बोट वितरण कार्यक्रम से मांझी बेहद उत्साहित हैं। अरसे से उपेक्षित यहां के मल्लाहों की 40 हजार की आबादी में एक नई आस जगी है। उनका कहना है कि अच्छी बात है कि सरकार उनके बारे में सोच रही है। नौका संचालन से जुड़े सभी मल्लाहों को ई बोट उपलब्ध हो जाए तो इससे न सिर्फ उनकी आजीविका का आधार मजबूत होगा बल्कि वह समाज की मुख्य धारा से जुड़कर अपनी आर्थिक स्थिति बेहतर कर पाएंगे। ई बोट से गंगा में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। काशी में करीब पांच हजार नाविक हैं।
वाराणसी जिले में सूजाबाद और डोमरी में मांझियों की सबसे बड़ी बस्ती है। इसके अलावा राजघाट, सरायमोहाना, गायघाट, मणिकर्णिका घाट और जैन घाट पर भी माझियों की छोटी-छोटी बस्तियां हैं। ये सभी परिवार जीवन यापन के लिए गंगा पर आश्रित हैं। इनमें करीब पांच हजार से अधिक परिवारों की आजीविका का आधार नौका संचालन है। करीब एक हजार से ज्यादा लोग विभिन्न घाटों पर टूरिस्ट गाइड की तरह सैलानियों को घूमाने या फिर मसाज आदि के काम में लगे हैं। सबसे अधिक करीब 20 हजार लोग मछली पालन के धंधे में लगे हैं। 40 हजार की आबादी में से करीब 80 प्रतिशत मांझी समुदाय के आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।
- Blogger Comments
- Facebook Comments
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।