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नई दिल्ली। मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी के खिलाफ आंदोलन छेड़ने वाली भूमाता ब्रिगेड की नेता तृप्ति देसाई ने गुरुवार को बताया कि महालक्ष्मी मंदिर के पास हमलावर उनकी हत्या करना चाहते थे। उन्होंने बताया कि कोल्हापुर के महालक्ष्मी मंदिर के गर्भगृह में बुधवार को पूजा के लिए जाते समय हुई झड़प में लोगों ने उनके बाल खींचे थे, कपडे़ भी फाड़ दिए थे। उनको गालियां भी दी गईं।
उन्होंने बताया कि हमलावरों ने कहा था कि तृप्ति देसाई को जिंदा मत छोड़ो। उन्होंने बताया कि पुजारी ने उनको गालियां दी थी। हालांकि बेहद नाटकीय घटनाक्रम में बुधवार रात देसाई ने प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर के अंदर थोड़ी बहुत क्षड़प के बीच पुलिस एवं पुजारियों द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड को खारिज करते हुए महालक्ष्मी मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर देवी महाल्क्ष्मी का दर्शन किया था। मंदिर के गर्भगह में प्रवेश के लिए पुलिस ने उन्हें साड़ी पहनकर जाने की सलाह दी थी, लेकिन कुछ पुजारियों और श्रद्धालुओं की ओर से रास्ता रोके जाने के बावजूद उन्होंने सलवार कमीज में ही गर्भगह में प्रवेश किया। इससे पहले दिन में तृप्ति और अन्य महिला कार्यकर्ता जब कथित तौर पर निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए मंदिर की ओर बढ़ने की कोशिश कर रही थीं तब पुलिस ने एहतियातन उन्हें हिरासत में ले लिया था। गौरतलब है कि तृप्ति देसाई और भूमाता ब्रिगेड की कार्यकर्ताओं ने शनि शिंगणापुर के मंदिर के चबूतरे पर चढ़कर पूजा की थी, जिससे काफी सालों परंपरा टूटी थी।
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