लखनऊ (हिमांशु तिवारी आत्मीय)। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने चायवाला कहकर नरेंद्र मोदी की फजीहत करने की कोशिश की थी। पर, दांव उल्टा पड़ गया। कांग्रेस की जबरदस्त हार के साथ एक चायवाले ने ही सरकार बना ली। हो सकता है जल्द ही किसी कांग्रेसी नेता के मुंह से आप सुनें, "ये अखबार वाले क्या यूपी चला पायेंगे..." परिणाम क्या होगा, यह तो कहना मुश्कि ल है, लेकिन हां एक अखबार वाला पूरे जोश के साथ सपा, बसपा, कांग्रेस को ध्वस्त करने के लिये आगे आया है। जी हां हम बात कर रहे हैं इलाहबाद के फूलपुर से सांसद केशव प्रसाद मौर्या की, जिन्हें यूपी में भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचित किया गया है। आपको बताते चलें कि केशव की जिंदगी के कई पन्ने पिता की चाय की दुकान से भी जुड़े हैं। पर इनके दामन पर भी खून के दाग लगे हुए हैं।
केशव मौर्य कौशांबी के सिराथू के कसया गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता श्याम लाल वहीं चाय की दुकान चलाते थे। केशव की प्राथमिक शिक्षा दीक्षा भी गांव में ही हुई। कहते हैं कि बचपन में केशव पिता की दुकान चलाने में मदद करते थे और अखबार भी बेचते थे। कौशांबी के गांव में चाय बेचने वाले के बेटे केशव पहले करोड़पति बने, फिर ऐतिहासिक वोट हासिल कर सांसद बने और अब प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी। केशव मौर्य कौशांबी के सिराथू के कसया गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता श्याम लाल वहीं चाय की दुकान चलाते थे। विश्व हिंदू परिषद् के कार्यकर्ता के रूप में केशव 18 साल तक गंगापार और यमुनापार में प्रचारक रहे। साल 2002 में शहर पश्चिमी विधानसभा सीट से उन्होंने भाजपा प्रत्याशी के रूप में राजनीतिक सफर शुरू किया। उन्हें बसपा प्रत्याशी राजू पाल ने हराया था। इसके बाद साल 2007 के चुनाव में भी उन्होंने इसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा। इस बार भी उन्हें जीत तो हासिल नहीं हुई। 2012 के चुनाव में उन्हें सिराथू विधानसभा से जीत मिली। यह सीट पहली बार भाजपा के खाते में आई थी। दो साल तक विधायक रहने के बाद केशव ने फूलपुर सीट पर भी पहली बार भाजपा का झंडा फहराया। मोदी लहर में इस सीट पर 503564 वोट हासिल कर एक इतिहास बना दिया।
लोकसभा चुनाव के वक्त दिए गए हलफनामें में दी गई जानकारी के मुताबिक केशव दंपति पेट्रोल पंप, एग्रो ट्रेडिंग कंपनी, कामधेनु लॉजिस्टिक आदि के स्वामी हैं। साथी ही जीवन ज्योति अस्पताल के पार्टनर हैं। लोकसभा चुनाव के लिए केशव प्रसाद ने जो एफिडेविट फाइल किया, उसके अलुसार उनके ऊपर 11 क्रिमिनल केस हैं। इन मामलों में एक हत्या का मामला भी है। इसके अलावा केशव पर दंगा भड़काने, धोखाधड़ी, डकैती, चोरी, आदि शामिल हैं। 2007 में केशव की कुल संपत्तिक 1 करोड़ की थी, जबकि 2012 में संपत्तिी बढ़ कर 13 करोड़ की हो गई। लेकिन 2014 में जो हलफनामा उन्होंने दिया उसमें अपनी संपत्ति 9 करोड़ की बतायी। उधर, केशव मौर्य ने कहा कि वे आपराधिक मामलों से बरी हो चुके हैं।
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