कोलकाता। विराट कोहली बड़े मैच के बहुत बड़े खिलाड़ी हैं, वानखेड़े के मैदान पर उनका बल्ला अपने पूरे शबाब पर था और जिसने भी उनकी यह इनिंग्स देखी उसके मुंह से ये ही शब्द निकलेंगे। वर्ल्ड टी20 के दूसरे सेमीफाइनल में कोहली की बल्लेबाजी को देखकर टॉस जीतकर टीम इंडिया को बल्लेबाजी के लिए वेस्टइंडीज के कप्तान डेरेन सैमी का फैसला कुछ समय के लिए बहुत महंगा पड़ता दिखा और जब क्रिस गेल को बुमराह ने शून्य पर बोल्ड कर दिया तब लगभग सभी भारतीय प्रशंसकों ने जीत तय मान ली। यहां से वो हुआ जिसने क्रिकेट के बड़े से बड़े जानकारों के होश उड़ा दिए। विंडीज की मिडिल ऑर्डर तिकड़ी जॉनसन चार्ल्स, लेंडल सिमंस और आंद्रे रसेल ने 2007 के वर्ल्ड कप चैंपियन धोनी की सेना को वर्ल्ड टी20 से बाहर उड़ा दिया। गेल के आउट होते ही सबसे पहले मोर्चा संभाला रसेल और सिमंस ने। रसेल ने 20 गेंदों पर 43 रन बनाए तो सिमंस ने 51 गेंदों पर 83 रन. इसके बाद चार्ल्स पार्टी ज्वाइन की और 36 गेंदों पर ताबड़तोड़ 52 रन बनाए।
वेस्टइंडीज 2 गेंद शेष रहते ही मैच जीत गई और भारतीय क्रिकेट प्रेमी हार का कारण ढूंढने लगे। मैच बुमराह के गेल को आउट करने तक भारत की पकड़ में था लेकिन इसके बाद एक भी स्पिनर नहीं चले। वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों बुमराह की गेंदों पर भी दो छक्के और छह चौके जड़े। बुमराह ने 4 ओवरों में 42 रन दिए तो अश्विन 2 ओवर में 20 रन देकर धोनी को इतने महंगे पड़े कि उनसे बाकी के ओवर नहीं फिंकवाए गए। जडेजा 4 ओवरों में 48 रन तो पंड्या ने 4 ओवर में 43 रन दिए। वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों की मैदान के चारों ओर पिटाई की। विंडीज के बल्लेबाजों ने मैच में 11 छक्के और 20 चौके बरसाए। लेकिन केवल गेंदबाजों को अकेल दोष देना ठीक नहीं होगा क्योंकि मैच के हीरो सिमंस के ही दो बार कैच टपका दिए गए। कुल मिलाकर भारतीय टीम की बॉलिंग और फील्डिंग बेहद औसत दर्जे की रही। यहां यह बताना जरूरी है कि एक छक्का और तीन चौके पड़ने के बावजूद नेहरा जी ने ही सबसे किफायती बॉलिंग की और अपने 4 ओवरों में 24 रन दिए।
इससे पहले महेंद्र सिंह धोनी ने अंतिम एकादश में शिखर धवन की जगह अजिंक्य रहाणे को खिलाया। एक छोर से अजिंक्य रहाणे विकेट को संभालते हुए रन बनाते रहे तो दूसरी छोर से पहली सात गेंदों पर केवल दो रन बनाने वाले रोहित शर्मा तीसरे ओवर में छक्के के साथ अपने बल्ले का मुंह खोलना शुरू किया। इसके बाद बेन के ओवर में दो चौके और फिर रसेल के ओवर में दो छक्के और एक चौका के साथ अपना स्कोर केवल 29 गेंदों पर 43 रन बनाकर आउट हुए। आठवें ओवर की दूसरी गेंद पर आउट होने से पहले रोहित टीम का स्कोर 62 रन पर पहुंचा चुके थे। रोहित के आउट होने के बाद उतरे कोहली ने सिंगल के साथ अपना खाता खोला। छठे गेंद पर पहला बाउंड्री लगाया. 16 गेंदों पर इतने ही रन बनाए थे तब आगे कैसी बल्लेबाजी करने वाले हैं इसकी झलक नहीं मिली थी। 17वीं पर दूसरा चौका जड़ा, 20वें पर एक और. रहाणे दूसरी छोर से संभल कर बल्लेबाजी करते रहे लेकिन रन गति 8 से कुछ अधिक की बनी हुई थी। तभी रहाणे 16वें ओवर की तीसरी गेंद पर आउट हो गए।
दूसरा विकेट गिरने के साथ ही कप्तान धोनी मैदान में विराट का साथ देने पहुंचे। तब मैच का 16वां ओवर चल रहा था। 29 बॉल में चार चौकों के साथ 41 रन बना कर खेल रहे कोहली का उत्साह इससे एकाएक बढ़ गया और उन्होंने चौकों की बरसात कर दी। कोहली ने बैटिंग का वो नजारा दिखाया जिससे स्टेडियम और टेलीविजन पर देखने वाले सभी दर्शक अपनी सीट से खड़े होकर कोहली के बल्ले से निकल रहे रनों पर वाह-वाह करने लगे। दूसरी छोर पर धोनी के होने से कोहली और भी खतरनाक हो गए और क्रिकेट के सभी क्लासिकल शॉट खेलने के साथ ही विकेटों के बीच तेजी से रन दौड़ने लगे। बेहद खतरनाक हो चुके कोहली ने कप्तान के मैदान पर आने के बाद सात चौके के साथ एक छक्का जड़ा और केवल 18 गेंदों पर 48 रन बनाए। इन दोनों के बीच साझेदारी में केवल 27 गेंदों पर 64 रन बने और स्कोर 20 ओवरों में टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज के सामने 192 रनों का लक्ष्य रखा।
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