देहरादून/नई दिल्ली। राजनीतिक संकट में घिरे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शनिवार को विधानसभाध्यक्ष से मुलाकात की और सोमवार को होने वाले शक्ति परीक्षण के पहले कांग्रेस के नौ विद्रोही विधायकों को अयोग्य करने की मांग का समर्थन किया। उधर विरोधियों ने विधायकों का समर्थन हासिल करने के लिए खरीद-फरोख्त का प्रयास किए जाने का आरोप लगाया। विधानसभाध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल से मुलाकात करने के बाद रावत ने कहा कि उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री इंदिरा हृदयेश की उस याचिका के समर्थन में दस्तावेज सौंपा जिनमें विद्रोही विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की गयी है।
कांग्रेस पार्टी ने हटाए गए मंत्री हरक सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा तथा सात अन्य विधायकों को इस आधार पर अयोग्य ठहराने की मांग की है कि उन्होंने विधानसभा में भाजपा के साथ सरकार विरोधी नारे लगाकर स्वैच्छिक रूप से कांग्रेस की सदस्यता छोड़ दी है। कांग्रेस ने इस आधार पर उनके खिलाफ दलबदल कानून के प्रावधान लागू करने की मांग की है। कांग्रेस के 70 सदस्यीय विधानसभा में 36 विधायक हैं और उसके नौ विधायकों ने विद्रोह कर दिया है। इस बीच पार्टी के विद्रोही विधायकों ने आज आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री रावत ने विधानसभा के पटल पर 28 मार्च के शक्ति परीक्षण में उन्हें समर्थन देने के लिए रिश्वत की पेशकश की है। उन्होंने ‘स्टिंग’ आपरेशन का एक वीडियो जारी किया जिसमें कथित रूप से मुख्यमंत्री को दिखाया गया है। वहीं रावत ने इसे झूठा करार दिया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह भाजपा प्रमुख अमित शाह के ‘डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट’ के कारनामे हैं वहीं भाजपा ने रावत सरकार को ‘तत्काल बर्खास्त’ करने की मांग की। कांग्रेस के विद्रोही विधायकों का नेतृत्व कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने दिल्ली में कथित ‘स्टिंग वीडियो’ जारी करते हुए कहा, ‘सीडी की चीजें साबित करती हैं कि आप (रावत) नौ विधायकों को आकर्षित करने के लिए अनुचित प्रभाव और रिश्वत का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्हें नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।’ उधर, रावत ने देहरादून में अपने निवास पर जल्दबाजी में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘समाचार चैनलों पर जो स्टिंग सीडी दिखाई जा रही है, वह फर्जी है। एक निजी समाचार चैनल से जुड़ा जो व्यक्ति इसके पीछे है, उसकी सच्चाई किसी से भी छिपी नहीं है। उसका इतिहास जरूर खंगाला जाना चाहिए।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीडी अगर कुछ दिखाता है तो बस यही कि विद्रोही विधायक धन के लिए भाजपा से जुड़े हैं। उधर अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के प्रधान प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘इस तरह की चालबाजियों, साजिशों और धमकियों से कांग्रेस को दबाया नहीं जा सकता। आज भी उत्तराखंड सरकार को बहुमत हासिल है। हम संवैधानिक निर्देशों का पालन करेंगे और सदन में अपना बहुमत साबित करेंगे।’ ‘स्टिंग वीडियो’ पर प्रतिक्रिया करते हुए भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि रावत को एक पल के लिए भी ‘सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है’ और पार्टी का एक शिष्टमंडल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिल कर उनसे हस्तक्षेप की मांग करेगा। विजयवर्गीय ने कहा, ‘हमने राज्यपाल से कहा था कि राज्य सरकार विधायकों का खरीदो-फरोख्त करेगी। हम नहीं समझ पा रहे कि उन्होंने विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने के लिए इतने ज्यादा दिन क्यों दिया। हमारी आशंका सच निकली।
हरीश रावत ने बागी विधायकों के स्टिंग को बताया 'झूठा'
विपक्षी भाजपा और कांग्रेस के बागी विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत की संलिप्तता दिखाने वाले स्टिंग आपरेशन के सामने आने के बाद उन्होंने खुद आगे आकर इसे झूठा बताया और कहा कि यह राज्य की निर्वाचित सरकार और मुख्यमंत्री का सर कलम करने पर तुली भाजपा नीत नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार, भाजपा प्रमुख अमित शाह, तथाकथित पत्रकार और बागी विधायकों के ‘नापाक गठबंधन’ की उपज है। इस स्टिंग के सामने आने के तत्काल बाद बुलाये एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री रावत ने कहा, ‘स्टिंग आपरेशन की यह सीडी झूठी है। यह सब झूठ जो फैलाया जा रहा है, वह उत्तराखंड के राजनीतिक लोगों को ब्लैकमेल करने वाले तथाकथित पत्रकार, बागी विधायक, धनलोलुप और हर मुमकिन तरीके से राज्य की निर्वाचित सरकार और मुख्यमंत्री का सर कलम करने पर तुली हुई मोदी जी की भाजपा नीत केंद्र सरकार और शाह :अमित: के नापाक गठबंधन की उपज है।’ पिछले एक सप्ताह से प्रदेश में बडे सियासी संकट से जूझ रही हरीश रावत सरकार द्वारा आगामी 28 मार्च को राज्य विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने से पहले सामने आये इस स्टिंग आपरेशन से राज्य मे हडकंप मच गया है। रावत ने स्टिंग आपरेशन करने वाले एक निजी टेलीविजन चैनल के पत्रकार पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्होंने हर मुख्यमंत्री को दबाव में लेने का प्रयास किया है और दबाव में नहीं आने वाले मुख्यमंत्री को किसी न किसी प्रकार से इसी प्रकार की विपरीत परिस्थितियों से गुजरना पडा है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हर मुख्यमंत्री को इन्होंने अपने दवाब में लेने की कोशिश की है और जो दवाब में नहीं आये, उन्हें कभी न कभी, किसी न किसी प्रकार से इसी प्रकार की परिस्थितियों से गुजरना पड़ा है या उनके खिलाफ इसी प्रकार के अस्त्र का इस्तेमाल करने की कोशिश की गयी है।’ मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि चूंकि उनकी सरकार इस तरह के लोगों के दवाब में नहीं आती है इसलिये धन और सत्ता की लोलुपता में भाजपा और उनके साथ हमसफर बने बागी विधायकों और तथाकथित पत्रकारों का एक संयुक्त गठबंधन बना। रावत ने स्टिंग ऑपरेशन करने वाले पत्रकार पर बहुत कम समय में बेहिसाब संपत्ति अर्जित करने का भी आरेाप लगाया और कहा कि उनकी प्रगति की यात्रा बहुत आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा, ‘किसी के ऊपर अगर कुबेर देवता मेहरबान हो जायें या उसी के घर में बस जायें तो भी शायद कोई व्यक्ति इतनी जल्दी इतनी समृद्घि, इतनी प्रापर्टी नहीं बना सकता, इतना धनाढ्य नहीं हो सकता, जितना यह सज्जन बन गये हैं।’ इस संबंध में मुख्यमंत्री ने मीडिया से भी स्टिंग आपरेशन करने वाले व्यक्ति के इतिहास को खंगालने की अपील की और कहा कि यदि उन्होंने उसके बारे में कुछ भी असत्य कहा है तो वह दोबारा मीडिया के सामने आकर माफी मांगने को तैयार हैं।
मंत्री पद के लालच में उमेश शर्मा ने किया स्टिग!
हरक सिंह ने स्टिंग के जरिए दावा किया है कि मुख्यमंत्री हरीश रावत विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश कर रहे हैं। हरक ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विधायकों को धमकाया है। स्टिंग के जरिए बागी विधायक ने कहा है कि इसमें पैसों के लेन-देन की बात चल रही है। यह स्टिंग समाचार प्लस की ओर से किया गया है। स्टिंग के वीडियो में मुख्यमंत्री हरीश रावत नजर आ रहे हैं। समाचार प्लस द्वारा जारी स्टिंग में हरीश रावत के साथ बात कह रहे शख्स से 15-15 की बात हो रही है. आवाज बहुत साफ नहीं है और यह स्पष्ट नहीं है कि 15 का आशय क्या है? पांच का हरीश रावत इंतजाम करेंगे और 10 का इंतजाम उमेश शर्मा करेंगे, यह स्टिंग में कहा जा रहा है. यह स्टिंग 23 मार्च को हुआ था।
हरक सिंह रावत ने कहा है कि उसी समय उमेश शर्मा ने मेरी मुख्यमंत्री हरीश रावत से कान्फ्रेंस पर बात कराई थी। इस स्टिंग ऑपरेशन में मुख्यमंत्री हरीश रावत का चेहरा नजर आ रहा है, हालांकि उमेश शर्मा नजर नहीं आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि यह स्टिंग खुद उमेश शर्मा ने किया है। उमेश ने खुद को हरीश रावत का काफी करीबी बना लिया था और हरीश रावत उन पर काफी विश्वास करते थे. लेकिन चर्चा है कि भाजपा और बागी कांग्रेसियों की सरकार में उमेश शर्मा को मंत्री पद आदि देने की बात हुई तो उन्होंने स्टिंग हरक सिंह रावत को थमा दिया। इस स्टिंग के जरिए हरक सिंह रावत खेमा हरीश रावत पर काफी हमलावर हो चुका है और हरीश रावत की स्थिति काफी खराब हो चुकी है। बताया जा रहा है कि उमेश शर्मा ने हरीश रावत और हरक सिंह रावत के बीच समझौता कराने की कोशिश की। इस समझौते में मंत्री पद और पैसे का लेनदेन तय हुआ। यह सब कुछ करते कराते हुए हरीश रावत का स्टिंग कर लिया गया। हरीश रावत और हरक सिंह रावत की दो बार फोन से बातचीत कराई जाती है। चर्चा है कि उमेश शर्मा ने हरीश रावत की पीठ में छुरा भोंका है। चर्चा के मुताबिक उमेश शर्मा ने बीजेपी की अगली सरकार में मंत्री पद के लालच में हरीश रावत को धोखा दिया।
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