देहरादून। गिरफ्तारी के बाद से न्यू टिहरी जिला जेल में अनशन पर बैठे हिमालय बचाओ अभियान के अगुवा समीर रतूड़ी को स्वास्थ्य बिगड़ने पर जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। समीर ने उत्तराखंड के मलेथा गांव में अवैध खनन के विरोध में आंदोलन शुरू किया था। साल 2014 में हुए इस आंदोलन का असर हुआ और खेती योग्य जमीन पर खनन के लिए लगाई गईं मशीनों को हटाने का आदेश दे दिया गया, लेकिन बाद में राज्य सरकार ने समीर रतूड़ी समेत करीब 40 लोगों के खिलाफ आंदोलन के दौरान बीते साल जून में हाईवे जाम करने और यात्रियों से अभद्रता करने का मुकदमा दर्ज कराया था। मामला कोर्ट में पहुंचा तो समीर ने केस को गलत ठहराते हुए बेल बॉन्ड भरने से मना कर दिया, जिसके चलते 18 फरवरी को उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इस के विरोध में समीर ने जेल में ही अनशन शुरू कर दिया। ट्रिब्यून के मुताबिक, समीर ने कहा कि वह आंदोलन तब तक जारी रखेंगे जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जातीं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार खनन माफिया का साथ दे रही है।
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