नई दिल्ली। लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं मौजूदा सांसद पीए संगमा का शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से दिल्ली में निधन हो गया। वह 68 वर्ष के थे। पीएम नरेंद्र मोदी ने संगमा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वह सेल्फ मेड लीडर थे। पूर्वोत्तर के विकास में उनका योगदान स्मरणीय है। उनके निधन से दुख पहुंचा है। लोकसभा में शोक जताते हुए वर्तमान स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा, हंसते हुए सदन कैसे चलाना है ये मैंने माननीय संगमा जी से ही सीखा है। संगमा के निधन पर दो मिनट का मौन रखने के बाद सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा कि सभी राजनीतिक दलों में उनके मित्र हैं। वह एक ऐसे नेता थे जो अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के लिए मन में कोई शत्रुभाव नहीं रखते थे। संगमा 1996 से 1998 तक वह लोकसभा स्पीकर थे। पीए संगमा की बेटी अगाथा भी सांसद थी। पीए संगमा का जन्म 1 सितंबर 1947 को मेघालय में हुआ था। उन्होंने शिलांग से स्नातक और फिर असम के डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि ली। इसके बाद उन्होंने एलएलबी भी की। 1977 में वे पहली बार सांसद बने। 14वीं लोकसभा तक लगातार वे जीत दर्ज कराते रहे। 1988 से 1991 तक वे मेघालय के सीएम भी रहे। वे लोकसभा स्पीकर भी रहे थे। उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए भी चुनाव लड़ा था हालांकि वह इसमें हार गए थे।
- Blogger Comments
- Facebook Comments
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।