बीहट (बेगुसराय) से शिवानंद गिरि, बीबीसी हिेंदी के लिए। जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया की ज़मानत पर रिहाई से राहत महसूस कर रहे उसके पिता का कहना है कि अब उनका बेटा 'पक्का नेता' हो गया है। वे कहते हैं, "जेल यात्रा उसको फुल-कॉन्फिडेंस दे दिया है। अभी तक तो वह रिहर्सल में था"। कन्हैया के पिता जयशंकर सिंह कहते हैं कि उनके बेटे को विधायक-सांसद बनना चाहिए ताकि वो अपनी लड़ाई व्यापक स्तर पर लड़कर गरीबों व जरूरतमंदों को मदद कर सके।
देशद्रोह के आरोप में गिरफ़्तार कन्हैया को गुरुवार को छह महीने की अंतरिम ज़मानत पर रिहा कर दिया गया जिसके बाद जेएनयू में दिए गए उनके भाषण की हर तरफ़ चर्चा हो रही है। ख़राब स्वास्थ्य से जूझ रहे जयशंकर सिंह ने बताया कि आर्थिक मदद के प्रस्ताव आए थे लेकिन उन्हें ठुकरा दिया क्योंकि "लेन-देन तो आन्दोलन बेचना हो जाएगा"। अपने बेटे से मिलने का मन नहीं हो रहा, ये पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि "अभी बीहट नहीं आएगा कन्हैया, जेएनयू में रह कर आन्दोलन को धारदार बनाएगा।" आंगनवाड़ी कर्मचारी कन्हैया की माँ मीना सिंह कहती हैं, "मैंने उसे बड़ा आदमी बनने का आशीर्वाद दिया है, उसने भाषण देने से पहले मुझे फ़ोन किया था।"
मीना कहती हैं कि कन्हैया ने उनसे कहा कि उसने ऐसा कोई काम नहीं किया है जिससे उसके परिवार को लज्जित होना पड़े। कन्हैया की माँ कहती हैं कि उन्हें कन्हैया ने छोटे भाई के साथ उन्हें दिल्ली आने को कहा है क्योंकि वो अभी गाँव नहीं जा सकते, वह बहुत व्यस्त हैं। मीना सिंह कहती हैं, "कन्हैया को तो सरकार का जान से मारने का प्लान था, लेकिन भगवान ने बचा लिया।" वे पूछती हैं, "जो भाषण कन्हैया ने दिया था, अगर राजनाथ सिंह का बेटा देता तो वे काफी प्रफुल्लित होते लेकिन ग़रीब का बेटा था कन्हैया इसीलिए उसे फंसा दिया सबने।"
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